आरबीआई के खिलाफ बैंककर्मियों का प्रदर्शन
रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (आरबीआई) द्वारा निजी बैंकों को ज्यादा करेंसी उपलब्ध कराने के विरोध में मंगलवार को ऑल इंडिया बैंक इम्पलाइज एसोसिएशन (एआईबीईए) व ऑल इंडिया बैंक ऑफिसर्स एसोसिएशन (एआईबीओए) के...
रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (आरबीआई) द्वारा निजी बैंकों को ज्यादा करेंसी उपलब्ध कराने के विरोध में मंगलवार को ऑल इंडिया बैंक इम्पलाइज एसोसिएशन (एआईबीईए) व ऑल इंडिया बैंक ऑफिसर्स एसोसिएशन (एआईबीओए) के नेतृत्व में बैंक कर्मचारियों ने गोमती नगर स्थित रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया कार्यालय के बाहर प्रदर्शन किया। संगठन के उपमहामंत्री एसके संगतानी ने कहा कि सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों में करेंसी का प्रवाह बहुत कम रहा है। निजी बैंकों से गलत तरीके से करेंसी का आदान-प्रदान पाया गया है। इससे अन्य बैंककर्मियों को भी कटघरे में खड़ा करने के प्रयास हो रहे हैं। जबकि बैंकिग उद्योग का समस्त कर्मचारी पूरी लगन से सरकारी स्कीम को लागू करने में जुटा है।
पिछले वर्ष आठ नवम्बर को सरकार द्वारा 500 व 1000 के नोटबंदी की घोषणा व विमुद्रीकरण की स्कीम को लागू करने के लिये रिजर्व बैंक की गाइडलाइन के अन्तर्गत सभी बैंकों के कर्मचारी व अधिकारी पूरी मेहनत से जनता की सेवा कर रहे हैं। लगातार नोटों की अदला-बदली व बड़ी मात्रा में पुराने नोटों को जमा करने व नई करेंसी का भुगतान करने में बैंक कर्मियों ने पूरी कोशिशें की है, लेकिन करेंसी की कमी व एटीएम का संचालन न होने के कारण कई बैंक शाखाओं में मारपीट की घटनाएं हो रही हैं। प्रदर्शन में ललित श्रीवास्तव, अनिल कुमार श्रीवास्तव, आरके आग्रवाल, परमानंद, रतन कुमार, राजेश श्रीवास्तव, शकील अहमद व विभा माथुर सहित विभिन्न बैंक संगठनों के कर्मचारियों ने हिस्सा लिया।
मुद्दे और मांग-
- सभी बैंकों और शाखाओं में पर्याप्त नकदी भेजा जाना सुनिश्चित किया जाये।
- बिना किसी और देरी के सभी एटीएम को चालू किया जाये।
- बैंकों को नकदी आपूर्ति में भेदभाव बंद किया जाये।
- बैंकों को नकदी की आपूर्ति में पारदर्शिता सुनिश्चित की जाये।
- यदि रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया बैंकों को पर्याप्त नकदी आपूर्ति नहीं कर पा रहा है। तब निर्णय लिया जाना चाहिए कि नकदी व्यवहार को बैंक शाखाओं में तब तक निलम्बित रखा जाये जब तक बैंकों में पर्याप्त मात्रा में नकदी न पहुंच जाये।