न गांव न कस्बा, न शहर देखते हैं, न मौसम पर पड़ता असर देखते हैं...
लखनऊ। निज संवाददाताअवध महोत्सव में शुक्रवार की शाम कवियों की महफिल के नाम रही और देर तक लोगों ने उसमें देशभक्ति की संग पर्यावरण की रचनाओं का आनंद लिया। इस अवसर पर विभिन्न क्षेत्रों की वरिष्ठ...
लखनऊ। निज संवाददाता
अवध महोत्सव में शुक्रवार की शाम कवियों की महफिल के नाम रही और देर तक लोगों ने उसमें देशभक्ति की संग पर्यावरण की रचनाओं का आनंद लिया। इस अवसर पर विभिन्न क्षेत्रों की वरिष्ठ हस्तियों को सम्मानित भी किया गया।
निशातगंज के राजकीय इंटर कॉलेज मैदान में चल रहे अवध महोत्सव में कवि सम्मेलन में डॉ सुभाष गुरुदेव ने कहा कि ‘न गांव न कस्बा, न शहर देखते हैं, न मौसम पर पड़ता असर देखते हैं।सुनील कुमार बाजपेयी ने सुनाया कि शान्ति शान्ति का गान करो तो दुश्मन भी गुर्राता है, ज्यादा संयम भी दुनिया में कायरता कहलाता है। हरि प्रकाश हरि ने सुनाया कि चाहो चलते रहे श्वास तो सर्वनाश में सृष्टि न झोंको, चाहों पलते रहें प्राण तो पर्यावरण प्रदूषण रोका। योगेश चौहान ने आक्रोश भरे लहजे में कहा कि यदि पटेल भारत माता की छाती पर जिंदा होता तो देश द्रोहियों के गर्दन में फांसी का फंदा होता। अवध महोत्सव में ट्रस्ट के अध्यक्ष एडवोकेट विनोद सिंह ने कहा कि ऐसे आयोजन करके संस्था मनोरंजन के साथ पर्यावरण, जल संरक्षण की दिशा में भी काम कर रही है। श्री सिंह ने लोगों से अपील की कि वह अपने जीवन में एक पौधा जरुर लगायें। पौधे लगेंगे तो पर्यावरण संतुलन बरकरार रहेगा।