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सुलह को कोशिशें हुई नाकाम पहले गले मिले फिर शिवपाल अखिलेश में दो-दो हाथ

समाजवादी पार्टी के मुखिया मुलायम सिंह यादव द्वारा बुलाई गई बैठक में सुलह समझौते की कोशिशें सोमवार को निर्णायक मोड़ पर पहुंच कर नाकाम हो गई। मुलायम सिंह ने मुख्यमंत्री अखिलेश यादव को खासी नसीहत देते...

सुलह को कोशिशें हुई नाकाम पहले गले मिले फिर शिवपाल अखिलेश में दो-दो हाथ
लाइव हिन्दुस्तान टीमMon, 24 Oct 2016 04:40 PM
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समाजवादी पार्टी के मुखिया मुलायम सिंह यादव द्वारा बुलाई गई बैठक में सुलह समझौते की कोशिशें सोमवार को निर्णायक मोड़ पर पहुंच कर नाकाम हो गई। मुलायम सिंह ने मुख्यमंत्री अखिलेश यादव को खासी नसीहत देते हुए साफ कर दिया कि वह अमर सिंह व शिवपाल को नहीं छोड़ सकते। इसके बाद मंच पर मुलायम ने ऐसी बात कह दी जिससे शिवपाल व अखिलेश आमने सामने आ गए और शिवपाल ने उनसे माइक छीन लिया। दोनों में हलकी धक्का मुक्की जैसी हालत बन गई।

मुलायम सिंह ने मुख्यमंत्री अखिलेश यादव को कड़ी फटकार लगाई और अमर व शिवपाल की तारीफ में कसीदे गढ़े। बोले-मैं इन दोनों को नहीं छोड़ सकता। अखिलेश से बोले- तुम अकेले चुनाव जीत सकते हो क्या? तुम्हारी हैसियत ही क्या है।

इससे पहले मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने हालांकि शिवपाल सिंह का नाम नहीं लिया लेकिन अमर सिंह पर जमकर हमला बोला। बोले-आपने जो कहा मैंने किया लेकिन अमर सिंह ने दिल्ली में बोला कि मैं नवंबर तक मुख्यमंत्री नहीं रहूंगा। कहा कि नहीं...बताइये। नेता जी कहें तो मैं इस्तीफा दे दूंगा। बना दीजिए किसी ईमानदार को मुख्यमंत्री...। जो लोग मेरे और नेता जी के बीच झगड़ा कराएंगे तो मैं बोलूंगा ही। वो तो मेरी किस्मत अच्छी है कि मैं नेता जी का बेटा हूं। मैंने कोशिश की कि जो नेता जी ने घोषणा पत्र में वादे हैं उन्हें पूरा कर दूं। जमीन पर घोषणाएं उतार सकूं।

इसके बाद अंत में मुलायम सिंह यादव ने कहा कि मुझे एक पत्र दिया गया है कि अखिलेश मुस्लिमों के हित के लिए काम नहीं कर रहे। इस पर एमएलसी आशु मलिक को मंच पर बुलाया गया। एक चिट्ठी दिखाई गई जिसमें अखिलेश यादव को औरंगजेब और नेता जी को शाहजहां बताया गया था। मुलायम सिंह ने कहा कि मुख्यमंत्री इस मुद्दे पर शिवपाल और अखिलेश भिड़ गए।

मुख्यमंत्री ने कहा कि आशु मलिक ने मुझे औरंगजेब बताया तो शिवपाल बोले-मुख्यमंत्री जी झूठ बोल रहे हैं। झूठ बोल रहे हैं। इतना कहते हुए उन्होंने माइक सीएम के हाथ से ले लिया। इसी बीच मुलायम नाराज होकर बैठक से उठकर बाहर आ गए। अखिलेश समर्थक नारेबाजी करने लगे और उनके साथ मीटिंग हाल से निकल कर बाहर आ गए और बैठक बेनतीजा हो गई। हाल में अफरातफरी मच गई। हो हल्ला होने लगा।

इससे पहले पार्टी मुख्यालय के बाहर सड़क पर दोनों के समर्थकों में रुक-रुक कर मारपीट होती रही। सिर-फुटव्वल के बीच पुलिस मूकदर्शक बनी रही। वैसे आगाज़ ने ही अंजाम के संकेत दे दिए थे। दोनों के समर्थकों में सुबह 9 बजे से ही झगड़ा होने लगा। और बैठक के बाद तक हंगामा-मारपीट चलती रही। बैठक की शुरुआत में ही हाल में नारेबाजी और हंगामा होने लगा। तब शिवपाल ने मंच संभाला और नेताओं विधायकों को संयमित करने की कोशिश की।

बोले-जो अधिकृत लोग हैं बाहर निकल जाएं। जैसे-तैसे नेता शांत हुए तो मुख्यमंत्री ने भाषण शुरू किया। सपा मुख्यालय को छावनी में तब्दील की सारी कोशिशें नाकाम हो गईं। इंतजामों के बावजूद सुरक्षा तार-तार थी।

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