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एजेंसी सुधारेगी स्वच्छता की ग्रेडिंग

स्वच्छता की ग्रेडिंग में फिसड्डी साबित होने के बाद टूटी नगर निगम अधिकारियों की...

एजेंसी सुधारेगी स्वच्छता की ग्रेडिंग
Sun, 28 May 2017 09:56 PM
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स्वच्छता की ग्रेडिंग में फिसड्डी साबित होने के बाद टूटी नगर निगम अधिकारियों की नींदग्रेडिंग के तय मानक पर एजेंसी कराएगी कामलखनऊ। रामेन्द्र प्रताप सिंहस्वच्छता की ग्रेडिंग में फिसड्डी साबित होने के बाद नगर निगम अधिकारियों की नींद टूटी है। ग्रेडिंग सुधारने के लिए निजी एजेंसी को नियुक्त किया जाएगा। वह न सिर्फ साफ-सफाई पर विशेष ध्यान देगी, बल्कि स्वच्छता में शहर की ग्रडिंग सुधारने का भी काम करेगी। केन्द्र सरकार द्वारा जारी स्वच्छ शहरों की रिपोर्ट में वाराणसी को टॉप 50 में जगह मिली। वह 32वें स्थान पर रहा। प्रथम दो शहरों में मध्य प्रदेश के इंदौर व भोपाल रहे। यही नहीं प्रथम 50 में मध्य प्रदेश के 11 व गुजरात के 12 शहर शामिल रहे। जबकि लखनऊ को 269वां स्थान मिला। इसपर नगर निगम के अधिकारियों को जमकर आलोचना झेलनी पड़ी। यह स्थिति प्रदेश की राजधानी होने के नाते लखनऊ शहर के लिए बहुत की शर्मनाक रही। नगर निगम के अधिकारियों की कार्यशैली पर उंगली उठी। राजधानी की जनता ने भी अधिकारियों पर नकारेपन की तोहतत मढ़ी। मध्य प्रदेश में काम कर रही एजेंसी से ली जाएगी मददस्वच्छता के मिशन में अव्वल आने के लिए मध्य प्रदेश ने केन्द्र सरकार द्वारा अधिकृत एजेंसी केपीएमजी को नियुक्त किया है। उसने स्वछता के हर मानक पर खरा उतरने के लिए सरकार व शहर के नगर निगम को सचेत करती रही। हर मानक पर खरा उतारने के लिए ईमानदारी से प्रयास हुआ। एजेंसी की मदद से ही वाराणसी भी 32वें स्थान पर रहा। प्रथम 50 शहरों में ज्यादातर शहरों में ऐंजेंसी ही कंसल्टेंट के रूप में काम कर रही है। लखनऊ नगर निगम के अधिकारियों को जब यह मालूम हुआ तो एजेंसी से मदद लेने पर के लिए विचार शुरू हुआ। नगर निगम के अधिकारियों की माने तो कड़ी स्पर्धा में बिना विशेषज्ञ की मदद के सफलता नहीं मिल सकती। पिछली सरकार ने नहीं दिया ध्यानपिछली सरकार में स्वच्छता के किसी मानक पर ध्यान नहीं दिया गया। खुले में शौच बंद कराने दिशा में भी कोई काम नहीं हुआ। न तो शौचालयों का निर्माण हुआ और न साफ-सफाई पर खास प्रयास हुआ। खुले में शौंच बंद कराने के लिए केन्द्र सरकार ने 20000 निजी शौचालय बनाने का लक्ष्य दिया। हालत यह कि अभी 500 निजी शौचालय भी नहीं बन सके। यह स्थिति तब है जब केन्द्र सरकार आधी धनराशि अनुदान दे रही है। रैंकिंग में पिछड़ने के बाद अधिकारियों ने अब इस दिशा में गंभीरता के काम शुरू किया है। ---------------निजी एजेंसी को नियुक्त करने पर अभी विचार किया जा रहा है। रैंकिंग में प्रथम 25 में जगह बनानी है तो एजेंसी को नियुक्त करना जरूरी है। एजेंसी के लोगों से जल्द ही सम्पर्क किया जाएगा। पीके श्रीवास्तव, अपर नगर आयुक्त।

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