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हिन्दुस्तान ने दिखाई उम्मीद की नई दिशाएं

New directions of hope expected by Hindustan

हिन्दुस्तान ने दिखाई उम्मीद की नई दिशाएं
Fri, 02 Jun 2017 06:44 PM
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- हजारों की संख्या में उमड़े छात्र, विशेषज्ञों ने बच्चों को दिखाई सुनहरे भविष्य की राह

लखनऊ।

छात्रों को उम्मीद और सफलता की राह दिखा हिन्दुस्तान के एजुकेशन फेयर-2017 का शुक्रवार को समापन हो गया। फेयर के दूसरे और अन्तिम दिन छात्रों और अभिभावकों का तांता लग गया। हजारों की संख्या में पहुंचे छात्रों ने विशेषज्ञों से न केवल उनकी सफलता के राज जाने बल्कि आगे बढ़ने के टिप्स भी लिए।

डॉ.एपीजे अब्दुल कलाम प्राविधिक विश्वविद्यालय (एकेटीयू) के कुलपति प्रो. विनय कुमार पाठक ने दूसरे दिन के कार्यक्रम का उद्घाटन किया। उन्होंने छात्रों को जिंदगी में कभी शॉर्टकट न लेने और मेहनत के साथ आगे बढ़ने की सीख दी।

फेयर के दूसरे दिन अलग-अलग विश्वविद्यालय से आए विशेषज्ञों और शिक्षाविदों ने न केवल छात्रों के इन सवालों को सुना बल्कि बेहतर करियर के रास्ते भी बचाए। विशेषज्ञों ने छात्रों को अपने क्षमताओं के आधार पर करियर चुनने पर जोर दिया। उन्होंने छात्रों को अपनी पसंद को कॅरिअर बनाकर ज्यादा से ज्यादा सैलरी और नाम कमाने के तरीके बताए। एनआईआईटी यूनिवर्सिटी के प्रो. डॉ. सुनील खन्ना ने कहा कि बच्चों को छात्रों को अपनी नॉलेज बढ़ाने पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि ज्ञान पाने से हर क्षेत्र में सफलता मिल जाती है। एसकेडी एकेडमी के निदेशक मनीष सिंह ने बच्चों के साथ टॉपर्स के सक्सेज मंत्रा साझा किए।

जमकर बांटे गए पुरस्कार : इस दौरान छात्रों ने जहां काउंटरों पर जाकर संस्थान और उनके यहां मौजूद सुविधाओं व कोर्स की जानकारी ली। वहीं विशेषज्ञों से रूबरू होकर कॅरिअर टिप्स भी लिए। एजुकेशन फेयर में शामिल होने वाले छात्रों को उत्साहित करने के लिए लकी ड्रॉ का भी आयोजन किया गया। इसमें विजेता को पुरस्कार भी बांटे गए।

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जीवन में वहीं मिलता है जो आप दूसरे को देते हैं : प्रो. विनय पाठक

मुख्य अतिथि प्रो. विनय पाठक ने छात्रों से कहा कि करियर बनाने के लिए संभावनाओं की कमी नहीं है। आपके दिल में जो भी है वह आप कर सकते हैं। जरूरत सिर्फ सही चुनाव की है। उन्होंने जीवन में कभी शॉर्टकट न लेने की सलाह दी। अपनी गुरुजी की बात को दोहराते हुए कहा कि, मेहनत का कोई विकल्प नहीं होता। उन्होंने छात्रों को मूल्यों और नीतियों को न भूले। कहा कि नेचर एक ईको बैक सिस्टम है। यहां वहीं मिलता है जो आप दूसरों को देते हैं। हो सकता है मिलने में समय लग जाए पर मिलेगा जरूरी। उन्होंने कहा कि दिल में पेंटर बनने की चाह है और अगर इंजीनियरिंग करेंगे तो परेशानी होगी। पहले दिल की सुने और तब आगे बढ़े। उन्होंने बच्चों को कोई भी संस्थान चुनने से पहले पूरी सावधानी बरतने की सलाह भी दी।

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नॉलेज बढ़ाएं, नम्बर अपने आप बढ़ेंगे

एसकेडी ग्रुप ऑफ इंस्टीट्यूशंस के निदेशक मनीष सिंह ने बच्चों को सफलता के मंत्र बताए। उन्होंने कहा कि नम्बर के पीछे भागने के बजाए नॉलेज पर जोर देने की बात कही। उन्होंने कहा कि जो बच्चे आईआईटी या मेडिकल की तैयारी कर रहे हैं वे कोर्स के साथ आसपास की दुनिया की भी जानकारी रखें। एक अच्छा इंसान बनना भी उतना ही जरूरी है जितना कि अच्छा कॅरिअर बनाना। यदि आप अच्छे इंसान नहीं तो अच्छा कॅरिअर भी आप नहीं बना सकते हैं।

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एनआईआईटी विश्वविद्यालय तकनीकी को दे रहे नई दिशा

लखनऊ।

एनआईआईटी विश्वविद्यालय से आए विशेषज्ञ प्रो. डॉ. सुनीत खन्ना ने छात्रों को सफलता के मंत्र के साथ एनआईआईटी के बारे में भी जानकारी दी। उन्होंने बताया कि एनआईआईटी में छात्र सिर्फ इंजीनियरिंग की पढ़ाई ही नहीं करते बल्कि तकनीकी को नई दिशा दे रहे हैं। यहां के कुछ बी.टेक के छात्रों के रोबोट तैयार किए हैं। यूनिवर्सिटी के एक छात्र ने ऐसे दस्ताने तैयार किए हैं जिन्हें पहनकर गेम खेलने पर हाथ दर्द नहीं होते। उन्होंने बताया कि छात्र आरिफ ने ड्रोन बनाया। जिन्हें दिल्ली पुलिस, आर्मी के अलावा कुछ का इस्तेमाल तो विदेशों में भी इस्तेमाल हो रहे हैं।

डॉ. खन्ना ने बताया कि विश्वविद्यालय में पढ़ाई के साथ एक्सट्राकैरिकुलर एक्टिविटीज में भी ध्यान दिया जा रहा है। क्लब फोटोग्राफी , ड्रांस, ड्रामा, रोबोटिक्स क्लब जैसी संस्थाएं बनी हुई हैं। विश्वविद्यालय के बच्चे सप्ताह में तीन घंटे स्थानीय बच्चों को पढ़ाते हैं। अंग्रेजी और गणित निशुल्क पढ़ाते हैं। उन्होंने बताया कि एनआईआईटी विश्वविद्यालय की शिक्षा प्रणाली हाई-टेक अनुप्रयोगों और बुनियादी सुविधाओं से समर्थित है। यहां कोर्स का निर्धारण केवल एकेडमीशियन नहीं बल्कि उनके साथ देश की कई जाने मानी कंपनियों को सीईओ मिलकर करते हैं। इसी का नतीजा है कि विश्वविद्यालय में छात्र सिर्फ किताबों से इंजीनियरिंग नहीं सीखते। बल्कि इंजीनियरिंग उनकी दिनचर्या में बसा होती है।

आज तय करना है क्या करें: प्रो. खन्ना ने कहा कि आज आपको निश्चित करना है कि आने वाले वर्षों में आपको क्या करना है। आपके रिश्तेदार आपकी मदद कर सकते हैं। पर तय आपको करना है। आज आपके पास नेता डॉक्टर और इंजीनियर बनने के अलावा भी कई रास्ते हैं।

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