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Hindi Newsमायावती जैसा ब्लैकमेलर मैंने पूरे हिन्दुस्तान में नहीं देखा -नसीमुद्दीन

मायावती जैसा ब्लैकमेलर मैंने पूरे हिन्दुस्तान में नहीं देखा -नसीमुद्दीन

-मायावती नगर निगम वार्ड का चुनाव जीत कर दिखाएं-कांशीराम ने सतीश चन्द्र मिश्र से दूर रहने को कहा थाविशेष संवाददाता राज्य मुख्यालयबहुजन समाज पार्टी से निष्कासित नसीमुद्दीन सिद्दीकी ने शुक्रवार को बसपा...

मायावती जैसा ब्लैकमेलर मैंने पूरे हिन्दुस्तान में नहीं देखा -नसीमुद्दीन
लाइव हिन्दुस्तान टीमFri, 12 May 2017 08:55 PM
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-मायावती नगर निगम वार्ड का चुनाव जीत कर दिखाएं

-कांशीराम ने सतीश चन्द्र मिश्र से दूर रहने को कहा था

विशेष संवाददाता राज्य मुख्यालय

बहुजन समाज पार्टी से निष्कासित नसीमुद्दीन सिद्दीकी ने शुक्रवार को बसपा अध्यक्ष मायावती पर फिर तीखा हमला बोला। उन्होंने कहा कि वह टेपिंग ब्लैक मेलर नहीं बल्कि उन्होंने अपने परिवार को बचाने के लिए मायावती का शस्त्र उन्हीं के खिलाफ प्रयोग किया। टेपिंग मायावती ने ही उन्हें सिखाई। उन्होंने मायावती को चुनौती दी कि हिम्मत है तो नगर निगम वार्ड का चुनाव जीत कर दिखाए। बोले-कांशीराम ने मुझसे नहीं मायावती को कांशीराम से दूर रहने के लिए कहा था। मायावती जैसा ब्लैकमेलर पूरे हिन्दुस्तान में नहीं है।

कांशीराम, मायावती मेरे दम पर चुनाव जीते

कह रही हैं मेरा बेटा चुनाव हार गया। फतेहपुर में प्रत्याशी मिल नहीं रहा था तो उनके कहने पर बेटे को लड़ाया। मुझे वहां जाने से भी रोक दिया। 3 लाख से ज्यादा वोट मिले, दूसरे नंबर पर रहा। मायावती खुद बताएं उन्होंने कितने जिता लिए। चार बार मुख्यमंत्री रहीं झूठा आरोप लगाने से पहले पता कर लेती 1990 में नगर पालिका का कोई चुनाव नहीं हुआ। अगर चुनाव हुआ होगा तो राजनीति से सन्यास ले लूंगा।

कहती हैं 1991 में विधानसभा चुनाव उन्होंने जिताया। वो क्या जिताएंगी। खुद धोखे से बिजनौर का चुनाव जीतीं। हरिद्वार, बिजनौर, सहारनपुर, बुलन्दशहर से हारीं। मैं इटावा में कांशीराम के चुनाव में लगा था। उनको चुनाव जिताया। कांशीराम ने उनसे मुझे अपने चुनाव में लगाने के लिए कहा। बिल्सी, हरौड़ा, अंबेडकरनगर का चुनाव मेरी बदौलत जीतीं। उसके बाद तो खुद तय कर लिया कि अब चुनाव नहीं लड़ूंगी राज्यसभा जाऊंगी। राज्यसभा का ख्वाब छोड़ दो। जनता को गुमराह मत करो। कह रही हैं कि मुसलमान उन्हें बहुत पसन्द करता है उस वार्ड से लड़ लें जहां मुसलमान ज्यादा हैं।

गुण्डागर्दी में जेल गईं

1992 में बुलन्दशहर में उपचुनाव हार गईं। जमकर गुण्डागर्दी की, जेल भेज दी गईं। एनएसए लगा दिया गया। इनके चक्कर में सांसद हरभजन सिंह लाखा को पुलिस ने बहुत मारा। इन्होंने क्या किया। लाखा को पार्टी से निकाल दिया। बड़ी आयरन लेडी हैं। मैंने विधानसभा में मुद्दा उठाया। एनएसए हटवाया।

कांशीराम ने जिसको दूर रखने के लिए कहा उसके कसीदे पढ़ रही

कांशीराम ने जिस सतीश चन्द्र मिश्र को दूर रखने के लिए कहा था उसके कसीदे पढ़ रही हैं। तारीफ कर रही हैं। उन्होंने कहा था इससे दूर रहो आगे मत बढ़ाना। मायावती, सतीश चन्द्र ने कांशीराम के मिशन को चौपट कर दिया। बर्बाद कर दिया। पार्टी अंतिम सांस ले रही है। सतीश मिश्र ने वेंटीलेटर पर पहुंचा दिया।

कांशीराम की बात नहीं मानती थी

कांशीराम के मना करने पर भी अगर मुझे मंत्री बनाया। 18-18 विभाग दिए तो इसका मतलब साफ है कि कांशीराम की बात नहीं मानती थी। कांशीराम के जीवन भर पैर धोकर पिए तो भी उनकी तरह नहीं बन सकती।

कांशीराम के लोगों को प्रताड़ित किया

मायावती ने स्व. कांशीराम के समय के लोगों को प्रताड़ित करके, झूठे आरोप लगाकर और अपमानित करके निकाल दिया। जो नहीं निकले उन्हें इतना प्रताड़ित किया कि खुद चले गए। राजबहादुर, जंग बहादुर सिंह पटेल, फूल सिंह बरैया, बाबू सिंह कुशवाहा, आर.के. चौधरी, बलिहारी बाबू समेत हजारों लोगों को निकाल दिया। स्वामी प्रसाद मौर्य को इतना प्रताड़ित किया कि खुद चले गए। कुछ लोग निकाले जाने के सदमे में मर गए।

दिवालिया बनाना चाहती थी मायावती

मैं ब्लैकमेलर नहीं हूं। अपने बीबी-बच्चों को उनके दमन से बचाने के लिए उनका अस्त्र उन्हीं के खिलाफ मजबूरी में प्रयोग किया। जबरन मुझसे मेरी सम्पत्ति मांग रही थी। मुझे दिवालिया बनाना चाहती थी। खुद को बचाना ब्लैकमेलिंग नहीं। मायावती से बड़ा ब्लैकमेलर पूरे हिन्दुस्तान में नहीं।

सदस्यता का पैसा नहीं खाया

सब जानते हैं कि सदस्यता क्या होती है। मैंने कोई पैसा नहीं खाया। प्रमाण में ऑडियो क्लिप सुनवाऊंगा जिसमें बसपा के कार्यालय प्रभारी आर.ए. मित्तल खुद कह रहा है कि आप पर कोई बकाया नहीं है। मायावती ने जिन 4 विधानसभा सीटों सिवालखास, मोदीनगर, लोनी और साहिबाबाद का जिक्र किया था वहां के प्रत्याशी मेरे साथ बैठे हैं। जबरन सदस्यता नहीं होती। सच बता दिया तो ब्लैकमेलर हो गया।

दर्द क्या जाने मायावती

कह रही है मेरी बेटी नहीं है। डा. जिन्दा है जिसके हाथों बेटी पैदा हुई थी। मायावती का एक ही काम है पैसा वसूलो। बेटा-बेटी क्या होती है, उन्हें क्या मालूम? कुर्बानी की इज्जत नहीं तो इल्जाम न लगाओ।

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