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जेठ के गंगा-दशहरा त्योहार पर श्रद्धालु गोमती के स्चच्छ जल में कर सकेंगे स्नान

प्रमुख संवाददाता / राज्य मुख्यालयगोमती नदी में गिर रहे 28 नालों को नदी में गिरने से रोकने का काम इस महीने के आखिर तक पूरा कर लिया जाएगा। नदी में शारदा नहर से पानी देकर जेठ के महीने में पड़ने वाले...

जेठ के गंगा-दशहरा त्योहार पर श्रद्धालु  गोमती के स्चच्छ जल में कर सकेंगे स्नान
लाइव हिन्दुस्तान टीमWed, 19 Apr 2017 09:44 PM
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प्रमुख संवाददाता / राज्य मुख्यालयगोमती नदी में गिर रहे 28 नालों को नदी में गिरने से रोकने का काम इस महीने के आखिर तक पूरा कर लिया जाएगा। नदी में शारदा नहर से पानी देकर जेठ के महीने में पड़ने वाले गंगा-दशहरा के मौके पर स्वच्छ जल उपलब्ध करा दिया जाएगा। यह जानकारी प्रदेश के सिंचाई मंत्री धर्मपाल सिंह ने दी है। सिंचाई मंत्री ने बताया कि गोमती रिवर फ्रंट परियोजना में मुख्यमंत्री ने न्यायिक जांच के आदेश पहले ही कर दिए हैं। उन्होंने बताया कि इस परियोजना में सरकारी धन का दुरुपयोग किया गया कि 4-4 करोड़ की वाटर बसें खरीद ली गईं। एरच सिंचाई परियोजना में हुए घपले की जांच को सीएम के साथ बुंदेलखण्ड जा रहे हैं सिंचाई मंत्रीउन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार ने गोमती रिवर फ्रंट के अलावा पूर्वांचल की गंडक और बुंदेलखण्ड की एरिच बहुद्देशीय सिंचाई परियोजना की जांच के आदेश दिए हैं। पिछली सरकार में गंडक और एरच परियोजना में केन्द्र सरकार से मिले धन के दुरुपयोग की शिकायतें सिंचाई मंत्री धर्मपाल सिंह को मिली हैं। जांच की रिपोर्ट 15 दिन के अन्दर आ जाएगी। श्री सिंह गुरुवार को मुख्यमंत्री आदित्य नाथ योगी के साथ दो दिन के लिए बुंदेलखण्ड के दौरे पर जा रहे हैं। वहां वे एरच परियोजना में हुई गड़बड़ियों का स्थलीय निरीक्षण करेंगे। गंडक परियोजना में हुए घपले में श्री सिंह अधीक्षण अभियन्ता आर.डी. यादव को निलम्बित कर चुके हैं। उन्होंने कहा कि प्रदेश में अब किसी किसान को आत्महत्या नहीं करने दिया जाएगा। बुंदेलखण्ड में किसानों को खेती के लिए पानी देना हमारी प्राथमिकता है। पिछली सरकार की प्राथमिकता किसान नहीं थे। केंद्र की जलप्रबंधन परियोजना प्रदेश में जल्द होगी लागूश्री सिंह ने कहा केन्द्र सरकार की खेती की सिंचाई के लिए जलप्रबंधन की परियोजना प्रदेश सरकार लागू करने की तैयारी कर रही है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का सूत्रवाक्य है वन ड्रॉप, मोर क्रॉप। इस सूत्र वाक्य के तहत सरकार ने किस फसल को कितने पानी की जरूरत है, इस पर काम शुरू कर दिया है।220 जेई बन गए एईउन्होंने कहा कि पिछली सरकार अपने निजी स्वार्थों के चलते सिंचाई विभाग के 220 अवर अभियन्ता को सहायक अभियन्ता बनाने की पत्रावली रोके हुए थी लेकिन उन्होंने आते ही एक ही दिन में 220 अवर अभियन्ताओं को सहायक अभियन्ता बनाकर उनके घर के नजदीक उनकी पोस्टिंग कर दी।

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