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जीएसटी लगने से उत्पादक और उपभोक्ता दोनों को फायदा

जीएसटी जैसी कर व्यवस्था लागू होने से उत्पादकों और उपभोक्ता दोनों को ही फायदा होगा। यही नहीं कर पारदर्शिता भी होगी कि कितना टैक्स लगा है। यह बातें सीआईआई की जीएसटी पर एक कार्यशाला के आयोजन में उभरकर...

जीएसटी लगने से उत्पादक और उपभोक्ता दोनों को फायदा
Sat, 03 Jun 2017 08:22 PM
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जीएसटी जैसी कर व्यवस्था लागू होने से उत्पादकों और उपभोक्ता दोनों को ही फायदा होगा। यही नहीं कर पारदर्शिता भी होगी कि कितना टैक्स लगा है। यह बातें सीआईआई की जीएसटी पर एक कार्यशाला के आयोजन में उभरकर आईं।

शनिवार को सीआईआई ने वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) पर एक कार्यशाला का आयोजन किया। कार्यशाला में जीएसटी के ज्वाइंट कमिश्नर संजय कुमार पाठक ने कहा कि जीएसटी टैक्स सरलीकरण का प्रयास है। उन्होंने कहा कि नई कर प्रणाली लागू होने से पूर्व इसके सम्पूर्ण प्रभावों और नफा-नुकसान को समझना बहुत जरूरी है। सीआईआई यूपी एवं निदेशक सीपी मिल्क एंड फूड प्रोडक्ट्स प्राइवेट लिमिटेड के चेयरमैन जय अग्रवाल ने कहा कि कई टैक्स के स्थान पर सिंगल कर व्यवस्था का लागू होना एक प्रगतिशील अर्थव्यवस्था का परिचायक है। इस कर व्यवस्था से पारदर्शिता आएगी। वरिष्ठ कल सलाहकार कपिल वैश और कस्टम एवं एक्साइज तथा सेवाकर के विशेषज्ञ भरत रायचंदानी ने जीएसटी के कानूनी पहलुओं की जानकारी दी।

जीएसटी के लिए व्यापारी प्रशिक्षण केन्द्र खोले जाएं

सामजिक उद्योग व्यापार मंडल के अध्यक्ष रामबाबू रस्तोगी ने सरकार से मांग की है कि छोटे और मध्यम वर्ग के व्यापारियों को जीएसटी की बारीकियां सिखाने के लिए व्यापारी प्रशिक्षण केन्द्र खोले जाने चाहिए। जिसमें लगभग चार घंटे प्रशिक्षण देने की व्यवस्था की जाए। यही नहीं जब जीएसटी लागू हो जाएगा इसके बाद व्यापारियों को जो समस्याएं आएंगी उनके लिए संशोधन भी करने की व्यवस्था की जानी चाहिए। उन्होंने कहा कि व्यापारी के साथ कोई हादसा होने पर उसकी भरपाई सरकार तुरंत मुआवजा देकर करे बाद में जब माल की बरामदगी हो जाए तो व्यापारी से मुआवजा वापस होने का प्रावधान हो। उन्होंने कहा कि व्यापारियों को दुकान के एग्रीमेंट में समय सीमा 11 महीने से बढ़ाकर पांच वर्ष होनी चाहिए। वहीं सभी व्यापारियोंको पंजीकरण के अनुसार ग्रीन कार्ड जारी होने चाहिए जिसमें स्वास्थ्य बीमा की सुविधा दी जाए। उन्होंने कहा कि अधिकारियों का व्यापारियों पर से वर्चस्व समाप्त करने के लिए दो वर्ष से ज्यादा समय बीतने पर अधिकारियों का तबादला दूसरे जिले में करना चाहिए और व्यापारियों को आईटी विभाग छापा मारने से पहले नोटिस देनी चाहिए। बैठक में दयाशंकर पाण्डेय, नीतू सिंह, विशाल निगम, अब्दुल रईस और अनूप रस्तोगी आदि मौजूद रहे।

जीएसटी पर व्यापारियों की पाठशाला

आलमबाग आदर्श व्यापार मंडल ने जीएसटी की बारीकियों को बताने के लिए पाठशाला का आयोजन किया। पाठशाला में जीएसटी डिप्टी कमिश्नर हरिलाल प्रजापति और डिप्टी कमिश्नर अजय श्रीवास्तव ने बताया कि जीएसटी में पंजीकरण कराने के लिए व्यापारियों को कोई फीस नहीं देनी है। उन्होंने बताया कि व्यापारियों को आईडी पासवर्ड देने के लिए विभाग अभियान चला रहा है। 15 जून तक व्यापारी माइग्रेशन जरूर करा लें नहीं तो जीएसटी में जिसका माइग्रेशन नहीं होगा उसे आईटीसी (रिफंड) का लाभ नहीं मिलेगा। व्यापारी परवेश जैन ने पूछा कि अभी तक 60 लाख के टर्नओवर पर आडिट की व्यवस्था लागू है लेकिन जीएसटी में क्या होगा। जवाब में अजय श्रीवास्तव ने बताया कि जीएसटी में टर्नओवर पर आडिट की व्यवस्था नहीं है। लेकिन विभाग पांच प्रतिशत चिन्हित मामलों में आडिट करा सकता है। वहीं रवि शुक्ला ने पूछा कि आईटीसी कैसे क्लेम किया जाएगा। तो डिप्टी कमिश्नर ने बताया कि जीएसटी लागू होने के 30 दिन तक घोषित माल पर आईटीसी क्लेम प्राप्त हो सकेगा। इस मौके पर संगठन के अध्यक्ष संजय गुप्ता, बद्रीनारायण गुप्ता, अफजल, हसन इकबाल समेत अन्य लोग मौजूद रहे।

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