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नीति में बदलाव न हुआ तो देसी शराब की दुकानों के लाइसेंस का नवीनीकरण नहीं करवाएंगे

विशेष संवाददाता - राज्य मुख्यालयदेसी शराब के फुटकर विक्रेताओं ने प्रदेश सरकार को चेतावनी दी है कि अगर आबकारी सत्र 2017-18 की आबकारी नीति में बदलाव करते हुए देसी शराब की कीमतें कम नहीं की गईं तो अगले...

नीति में बदलाव न हुआ तो देसी शराब की दुकानों के लाइसेंस का नवीनीकरण नहीं करवाएंगे
लाइव हिन्दुस्तान टीमSat, 03 Dec 2016 08:55 PM
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विशेष संवाददाता - राज्य मुख्यालयदेसी शराब के फुटकर विक्रेताओं ने प्रदेश सरकार को चेतावनी दी है कि अगर आबकारी सत्र 2017-18 की आबकारी नीति में बदलाव करते हुए देसी शराब की कीमतें कम नहीं की गईं तो अगले साल के लिए देसी शराब के फुटकर विक्रेता अपनी दुकानों के लाइसेंस का नवीनीकरण नहीं करवाएंगे।इस संबंध में शनिवार को लखनऊ शराब एसोसिएशन का एक प्रतिनिधि मण्डल महामंत्री कन्हैया लाल मौर्य के नेतृत्व में प्रमुख सचिव आबकारी किशन सिंह अटोरिया से मिला और उन्हें एक ज्ञापन भी दिया।श्री मौर्य ने बताया कि आबकारी सत्र 2017-18 की आबकारी नीति प्रदेश सरकार ने घोषित कर दी है और लाइसेंस के नवीनीकरण की प्रक्रिया भी शुरू कर दी गई है। मगर देसी शराब के दामों में कमी की मांग पर शासन ने कोई संज्ञान नहीं लिया है। शराब कारोबारी पिछले कई वर्षों से यह मांग उठाते रहे हैं कि अंग्रेजी शराब के मुकाबले देसी शराब की खुदरा कीमतें कम रखी जाएं। मगर हाल के वर्षों में देसी के बजाए अंग्रेजी शराब की कीमतें घटा दी गईं जिससे देसी शराब का कारोबार चौपट हो गया।श्री मौर्य के अनुसार शराब कारोबारियों ने प्रतिफल शुल्क कम करके देसी शराब के दामों में कमी करने की मांग को लेकर प्रदेश के मुख्यमंत्री और आबकारी विभाग के अधिकारियों को पत्र भी भेजे थे। मगर इन पत्रों पर कोई संज्ञान नहीं लिया गया। प्रमुख सचिव आबकारी से मिले प्रतिनिधिमण्डल में नीरज जायसवाल, विनोद जायसवाल, रितेश कनौजिया, संजय जायसवाल आदि शामिल थे।

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