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सहकारी समितियां भी सरकार के लिए खरीदेंगी गेहूं

प्रदेश में सरकारी खरीद एजेन्सियों के साथ सहकारी समितियां भी गेहूं खरीद का काम करेगीं। खाद्य विभाग ने मै. एग्रीकल्चर रिजनरेशन मल्टी स्टेट कोऑपरेटिव सोसाइटी लि. (एग्रीकॉप) और मै. एग्रीकल्चर बायोजिकल...

सहकारी समितियां भी सरकार के लिए खरीदेंगी गेहूं
Sat, 03 Jun 2017 07:55 PM
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विशेष संवाददाता-राज्य मुख्यालय

प्रदेश में सरकारी खरीद एजेन्सियों के साथ सहकारी समितियां भी गेहूं खरीद का काम करेगीं। खाद्य विभाग ने मै. एग्रीकल्चर रिजनरेशन मल्टी स्टेट कोऑपरेटिव सोसाइटी लि.(एग्रीकॉप)और मै. एग्रीकल्चर बायोजिकल एण्ड कन्ज्यूमर डेवलपमेंट कोऑपरेटिव लि. (एडको) को खरीद वर्ष 2017-18 के लिए स्टेट एजेन्सी नामित किया है।

खाद्य विभाग द्वारा इस बारे में जारी आदेश के मुताबिक सहकारी समितियों को गेहूं खरीद की अनुमति देने के पीछे शासन की मंशा सहकारी क्षेत्र को बढ़ावा देना है। साथ ही, मूल्य समर्थन योजना के तहत ज्यादा से ज्यादा गेहूं खरीदने और किसानों को उनकी उपज का उचित व प्रतिस्पर्द्धात्मक दाम दिलाना है।

गेहूं खरीद के लिए इन सहकारी समितियों द्वारा 50 खरीद केन्द्र खोले जाएंगे। खरीद का लक्ष्य 50 हजार मीट्रिक टन तय किया गया है। खरीद शुरू करने से पहले मण्डी समिति से लाइसेंस और व्यापार कर विभाग से टिन नंबर लेना होगा। सहकारी समितियां प्रदेश सरकार की गेहूं खरीद नीति और इससे संबंधित निर्देशों का पालन सुनिश्चित करेंगी। निर्देश न मानने की स्थिति में गेहूं खरीद के लिए दी गई अनुमति तत्काल निरस्त कर दी जाएगी।

यही नहीं, अगर भविष्य में सहकारिता विभाग या शासन से इस बारे में कोई विपरीत आदेश प्राप्त होता है तो ऐसी स्थिति में गेहूं खरीद की अनुमति तत्काल निरस्त कर दी जाएगी। सहकारी समिति केन्द्रीय पूल में भण्डारण करने के लिए खरीदे गए गेहूं को भारतीय खाद्य निगम को देंगी।

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