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हर गांव तक रोडवेज बस पहुंचाने के लिए आज सीएम मांगेगे गडकरी से आर्थिक मदद

प्रमुख संवाददाता / राज्य मुख्यालय। मुख्यमंत्री योगी आदित्य नाथ सोमवार को नई दिल्ली में भूतल एवं परिवहन मंत्री नितिन गडकरी से मिलकर उनसे प्रदेश के सभी गांवों तक रोडवेज बस चलाने के लिए आर्थिक मदद की...

हर गांव तक रोडवेज बस पहुंचाने के लिए आज सीएम मांगेगे गडकरी से आर्थिक मदद
Sun, 11 Jun 2017 08:44 PM
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प्रमुख संवाददाता / राज्य मुख्यालय। मुख्यमंत्री योगी आदित्य नाथ सोमवार को नई दिल्ली में भूतल एवं परिवहन मंत्री नितिन गडकरी से मिलकर उनसे प्रदेश के सभी गांवों तक रोडवेज बस चलाने के लिए आर्थिक मदद की मांग करेंगे। दरअसल, प्रदेश सरकार की मंशा है कि परिवहन निगम अगले चार सालों में प्रदेश का हर गांव रोडवेज बस सेवा से जुड़ जाए। भारतीय जनता पार्टी ने भी विधानसभा चुनाव के दौरान अपने लोककल्याण संकल्प पत्र (चुनाव घोषणा पत्र) में वादा किया था कि सरकार बनने पर प्रदेश के हर गांव को रोडवेज बस सेवा से जोड़ा जाएगा। सरकार बनने के बाद मुख्यमंत्री योगी आदित्य नाथ ने परिवहन निगम के प्रेजेन्टेशन के दौरान अफसरों को चार साल के अन्दर हर गांव को रोडवेज बस सेवा से जोड़ने का लक्ष्य दिया था। नई बसें खरीदने और उनके संचालन पर करीब 300 करोड़ रुपए खर्च होने का अनुमान लगाया गया है। इस साल परिवहन निगम को मात्र 50 करोड़ दे पाएगी सरकारपरिवहन निगम अपनी रोडवेज बसों के यात्रियों से वसूले जाने वाल यात्री कर को प्रदेश सरकार को देता है। सरकार इसके एवज में निगम को हर साल 150 करोड़ रुपए देती है। लेकिन प्रदेश सरकार इस बार परिवहन निगम के बजट में 100 करोड़ रुपए कटौती करने जा रही है। ऐसे में हर गांव तक रोडवेज बस सेवा पहुंचाने का प्रदेश सरकार का लक्ष्य पूरा नहीं हो पाएगा। इसीलिए मुख्यमंत्री योगी आदित्य नाथ को सरकार के इस लक्ष्य को पूरा कराने में केन्द्र सरकार से आर्थिक मदद की दरकार है।40 हजार गांवों तक रोडवेज बस सेवा पहुंचाने के लिए जरूरत होगी 8 हजार बसों कीप्रदेश में 1 लाख 7 हजार गांव हैं। इनमें से 10 हजार गांव आबादी विहीन हैं। शेष 97 हजार गांवों में से 57 हजार गांवों तक रोडवेज की बस सेवा पहुंच चुकी है। बाकी 40 हजार गांवों तक अगले चार साल में पहुंचने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। मौजूदा समय में रोडवेज बसों के बेड़े में 11 हजार 450 परिवहन निगम और 1450 लोहिया ग्रामीण परिवहन सेवा की बसें हैं। 40 हजार गांवों तक रोडवेज सेवा पहुंचाने के लिए परिवहन निगम को चार साल में 8 हजार बसें जुटानी होंगी।

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