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बाबरी विध्वंस प्रकरण की खबर-3 लिब्राहन आयोग ने 40 अभियुक्तों को किया था नामजद

लिब्राहन आयोग ने 40 अभियुक्तों को किया था नामजद विध्वंस प्रकरणसीबीआई ने सप्लीमेंटरी चार्जशीट में नौ अतिरिक्त नामों को जोड़ा थाभाजपा के वरिष्ठ नेता एलके आडवाणी सहित 21 की सुनवाई हुई अलग मई 2010 में...

बाबरी विध्वंस प्रकरण की खबर-3 लिब्राहन आयोग ने 40 अभियुक्तों को किया था नामजद
लाइव हिन्दुस्तान टीमWed, 19 Apr 2017 08:44 PM
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लिब्राहन आयोग ने 40 अभियुक्तों को किया था नामजद

विध्वंस प्रकरण

सीबीआई ने सप्लीमेंटरी चार्जशीट में नौ अतिरिक्त नामों को जोड़ा था

भाजपा के वरिष्ठ नेता एलके आडवाणी सहित 21 की सुनवाई हुई अलग

मई 2010 में हाईकोर्ट ने भाजपा नेता एलके आडवाणी व एमएम जोशी समेत 13 अभियुक्तों को आरोप से कर दिया था बरी

अयोध्या। हिन्दुस्तान संवाद

छह दिसम्बर 1992 को अयोध्या में श्रीरामजन्मभूमि के विवादित परिसर में विवादित ढांचा गिराए जाने के प्रकरण में लिब्राहन आयोग ने 40 नामजद अभियुक्तों सहित अन्य हजारों अज्ञात कारसेवकों को अभियुक्त माना था। घटना के 17 वर्षों बाद यानि कि वर्ष 2009 में पेश हुई आयोग की रिपोर्ट के बाद इस प्रकरण में सीबीआई ने अतिरिक्त नौ और अभियुक्तों का नाम सप्लीमेंटरी चार्जशीट के माध्यम से शामिल करा दिया था। इससे पहले सीबीआई ने दो प्रथम सूचना रिपोर्ट मुअसं 197/198/1992 के आधार पर वर्ष 1993 में केस की विवेचना प्रारम्भ की थी।

वर्ष 2001 में नामजद 49 अभियुक्तों में 21 अभियुक्तों के मामले की सुनवाई रायबरेली में सीबीआई कोर्ट का गठन करके शुरू हुई। इन 21 अभियुक्त में लालकृष्ण आडवाणी, मुरली मनोहर जोशी, साध्वी उमा भारती, कल्याण सिंह, आचार्य गिरिराज किशोर, विनय कटियार, शिवसेना प्रमुख बाल ठाकरे, विष्णुहरि डालमिया, सतीश प्रधान, सीआर बंसल, अशोक जी सिंहल, साध्वी त्रतम्भरा, महंत अवैद्यनाथ, डॉ. रामविलास दास वेदान्ती, महंत रामचन्द्र दास परमहंस, जगदीश मुनि, बीएल शर्मा, महंत नृत्यगोपाल दास, मोरेश्वर सावे, सतीश नागर व महंत धर्मदास शामिल थे।

इस मामले की सुनवाई के ही दौरान आचार्य गिरिराज किशोर, महंत रामचन्द्र दास परमहंस, शिवसेना सांसद मोरेश्वर सावे, विहिप के अर्न्तराष्ट्रीय कार्यकारी अध्यक्ष विष्णुहरि डालमिया व महंत अवैद्यनाथ, शिवसेना प्रमुख बाल ठाकरे तथा विहिप अर्न्तराष्ट्रीय महामंत्री अशोक सिंहल का निधन हो गया। वहीं मई 2010 में हाईकोर्ट ने आरोप दाखिल करने में विलम्ब मानते हुए तकनीकी आधार पर श्री आडवाणी एवं श्री जोशी सहित13 को आरोप मुक्त कर दिया था।

इस मामले में सीबीआई ने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया लेकिन सितम्बर 2010 में पुन: सीबीआई की अर्जी को निरस्त करते हुए हाईकोर्ट में ही मामले को प्रस्तुत करने का आदेश पारित किया। इसके बाद सीबीआई ने फिर दोबारा सुप्रीम कोर्ट के समक्ष हाईकोर्ट में खारिज अर्जी का हवाला देते हुए सुनवाई की अपील की जिसके सुप्रीम कोर्ट ने वर्ष 2015 में विपक्षियों को नोटिस जारी कर दी। इस मामले की सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को सभी पर चार्ज फ्रेम करने का आदेश पारित कर दिया है। शिवसेना के नेता एवं इस प्रकरण के आरोपी जिला पंचायत सदस्य संतोष दुबे का कहना है कि सीबीआई कोर्ट में चल रहे मुकदमे के शेष 22 अभियुक्तों पर पहले ही चार्ज फ्रेम हो चुका है।

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