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डूसू चुनाव में राष्ट्रीय नेताओं से प्रचार कराने उतरे संगठन

नई दिल्ली। कार्यालय संवाददाता। दिल्ली विश्वविद्यालय छात्र संघ चुनाव 12 सितंबर को होगा। बुधवार से नामांकन की प्रक्रिया शुरू होगी। ऐसे में, चुनाव नजदीक आता देख छात्र संगठन राष्ट्रीय नेताओं के जरिये...

डूसू चुनाव में राष्ट्रीय नेताओं से प्रचार कराने उतरे संगठन
लाइव हिन्दुस्तान टीमWed, 03 Sep 2014 01:30 AM
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नई दिल्ली। कार्यालय संवाददाता। दिल्ली विश्वविद्यालय छात्र संघ चुनाव 12 सितंबर को होगा। बुधवार से नामांकन की प्रक्रिया शुरू होगी। ऐसे में, चुनाव नजदीक आता देख छात्र संगठन राष्ट्रीय नेताओं के जरिये छात्रों को रिझाने में जुट गए हैं। इतना ही नहीं, नेता न सिर्फ वोट मांग रहे हैं बल्कि संगठन की पुरानी उपलब्धियों का भी दावा कर रहे हैं। मंगलवार को डीयू के नॉर्थ कैंपस में एनएसयूआई की 'नोविस 2014 टैलेंट हंट' प्रतियोगिता का समापन हुआ। कांग्रेसी नेताओं की मौजूदगी से प्रतियोगिता चुनावी कार्यक्रम में बदल गई।

कांग्रेस के पूर्व सांसद व राष्ट्रीय प्रवक्ता राज बब्बर और पूर्व केंद्रीय मंत्री ऑस्कर फर्नांडिज डूसू चुनाव प्रचार के मद्देनजर पहुंचे। उधर, एबीवीपी भी सांसदों के जरिये छात्रों तक पहुंच रही है। हाल में संगठन ने नॉर्थ कैंपस में चंडीगढ़ से भाजपा सांसद किरण खेर को कैंपस में छात्राओं के एक कार्यक्रम में बुलाया। इस दौरान सांसद ने एबीवीपी से जुड़ने की अपील करते हुए डूसू की उपलब्धियों का गिनाया था। मसलन, महिला सुरक्षा के लिए काम करना व एफवाईयूपी को समाप्त करना आदि।

बहरहाल, मंगलवार को एनएसयूआई के कार्यक्रम में कांग्रेसी नेता राज बब्बर ने कहा कि एनएसयूआई एकमात्र ऐसा संगठन है जो छात्रों की प्रतिभा तलाश उन्हें आगे बढ़ने का मौका देता है। इतना ही नहीं, उन्होंने छात्रों से डूसू चुनाव में संगठन के लिए वोट भी मांगा। हालांकि एनएसयूआई के प्रवक्ता अंबरीश पांडेय ने कहा कि यह चुनावी कार्यक्रम नहीं था। छात्रों के लिए संगीत, नाटक व नृत्य की प्रतियोगिता आयोजित की गई थी।

आइसा ने जताया विरोध: डूसू चुनाव में इस बार आइसा बड़ा फेरबदल कर सकती है। बीते साल के रिकॉर्ड को देखें तो एफवाईयूपी के खिलाफ आंदोलन से आइसा की डीयू में ताकत बढ़ी है। बहरहाल, आइसा ने नेताओं द्वारा चुनाव प्रचार करने का विरोध जताया। संगठन के सचिव सन्नी ने कहा कि यह छात्रों का चुनाव है। ऐसे में छात्र उम्मीदवारों द्वारा ही प्रचार किया जाना चाहिए। इसके अलावा अन्य वामपंथी संगठन एसएफआई के सचिव सुनंद ने कहा कि एनएसयूआई और एबीवीपी संगठन नेताओं, पैसों और ताकत के बल पर इस तरह छात्रों को गुमराह करते रहे हैं।

एनएसयूआई का गृहमंत्री के आवास पर प्रदर्शन: आमतौर पर डीयू के छात्र संघ चुनाव में सिर्फ स्थानीय मुद्दे छाए रहते हैं लेकिन केंद्र में नई सरकार आने पर इस दफा राष्ट्रीय मुद्दे भी उठाए जा रहे हैं। एनएसयूआई ने छात्रों तक पहुंचने के लिए काला धन वापसी का मुद्दा उठाया। संगठन ने मंगलवार सुबह केंद्रीय गृहमंत्री राजनाथ सिंह के आवास पर विरोध प्रदर्शन किया। एनएसयूआई के राष्ट्रीय अध्यक्ष रोजी एम जॉन के नेतृत्व में प्रदर्शनकारियों ने धावा बोला। जॉन ने कहा कि लोकसभा चुनाव से पहले भाजपा ने काला धन वापस लाने का वादा किया था।

मोदी सरकार के 100 दिन पूरे हो गए लेकिन इस पर कुछ नहीं किया गया। बता दें कि पुलिस ने बेकाबू प्रदर्शनकारियों को हिरासत में लिया। बाद में उन्हें छोड़ दिया गया। जेएनयू में आज उम्मीदवारों का ऐलान: जेएनयू छात्र संघ चुनाव के लिए मंगलवार को नामांकन हुआ। सभी संगठनों ने सेंट्रल पैनल के चार पदों के लिए कई नामों को आगे किया। बुधवार को चुनाव समिति इनके अकादमिक रिकॉर्ड के आधार पर अंतिम विचार करेगी। उसके बाद बुधवार को ही अंतिम सूची जारी होगी।

सूची जारी होते ही बुधवार शाम तमाम छात्र संगठन अपने उम्मीदवारों का औपचारिक रूप से ऐलान करेंगे। गौरतलब है कि जेएनयू और डीयू में एक ही दिन 12 सितंबर को चुनाव होगा। वहीं डीयू में नामांकन की प्रक्रिया बुधवार से शुरू होगी।

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