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सहायक अधीक्षक के खिलाफ साक्ष्य जुटाने में जुटी एंटी करप्शन

नई दिल्ली प्रमुख संवाददाता एंटी करप्शन ब्रांच (एसीबी) अधिकारियों ने रिश्वतखोरी में जेल के सहायक अधीक्षक के नाम का खुलासा होने के बाद तिहाड़ के डीजी को एक पत्र लिखा है। सूत्रों के अनुसार पत्र में कहा...

सहायक अधीक्षक के खिलाफ साक्ष्य जुटाने में जुटी एंटी करप्शन
लाइव हिन्दुस्तान टीमTue, 29 Jul 2014 10:49 PM
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नई दिल्ली प्रमुख संवाददाता एंटी करप्शन ब्रांच (एसीबी) अधिकारियों ने रिश्वतखोरी में जेल के सहायक अधीक्षक के नाम का खुलासा होने के बाद तिहाड़ के डीजी को एक पत्र लिखा है। सूत्रों के अनुसार पत्र में कहा गया है कि सहायक अधीक्षक इस मामले की तफ्तीश पूरे होने तक जांच अधिकारियों को सहयोग करें और जिस दिन उन्हें सीआरपीसी की धारा 160 के तहत नोटिस देकर बुलाया जाए तो वह कार्यालय में आकर अपना बयान दर्ज कराएं। फिलहाल अधिकारी सहायक अधीक्षक के खिलाफ साक्ष्य जुटाने में जुट गए हैं।

सूत्रों का कहना है कि यह पत्र भ्रष्टाचार निरोधक शाखा के अतिरिक्त आयुक्त की तरफ से लिखा गया है। जिस समय दस हजार रुपये रिश्वत लेते मजदूर सुभाष चंद को जेल के सामने पार्किग से गिरफ्तार किया गया था उसी शाम जेल सहायक अधीक्षक भ्रष्टाचार निरोधक शाखा के कार्यालय पहुंचा और जांच अधिकारियों से कहा कि उसका इस मामले में कोई लेना देना नहीं है। लेकिन इस मामले की जांच से जुड़े एक वरिष्ठ अधिकारी ने सहायक अधीक्षक को वहां से वापस कर दिया और उसी दिन यह सहायक अधीक्षक छुट्टी लेकर ऑफिस से चला गया।

यह अधिकारी ट्रायल जेल नंबर तीन में तैनात बताया गया है। शाखा सूत्रों का कहना है कि रिश्वत लेते पकड़े गए आरोपी सुभाष चंद ने अपने बयान में सहायक अधीक्षक के नाम का खुलासा किया है,  इसलिए इस जेल अधिकारी के खिलाफ साक्ष्य एकत्रित किए जाने जरूरी है। शिकायतकर्ता के पास जो फोन आया वह किस का नंबर है वह जेल से किया गया या किसी पीसीओ से इस बात की भी जानकारी जुटाई जा रही है। सहायक अधीक्षक की आवाज का नमूना लेकर जांच के लिए फोरेंसिक प्रयोगशाला भी भेजा जाएगा।

शाखा के अतिरिक्त आयुक्त रंगनाथन ने तिहाड़ जेल के डीजी को सहायक अधीक्षक के संबंध में पत्र लिखे जाने की पुष्टि की है, लेकिन उन्होंने सहायक अधीक्षक के नाम का खुलासा करने से इंकार किया। उनका कहना है कि फिलहाल साक्ष्य जुटाए जा रहे हैं।

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