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Hindi Newsबिहार-झारखंड की संस्कृति बचाने को जदयू का साथ दें: श्रवण

बिहार-झारखंड की संस्कृति बचाने को जदयू का साथ दें: श्रवण

छतरपुर/नौडीहा। हिटी। बिहार के संसदीय कार्यमंत्री श्रवण कुमार ने कहा कि देश में साम्प्रदायिक शक्तियां हावी हो रही है। यह देश के लिए बड़ी चुनौती है जिसका डटकर मुकाबला करने की जरूरत है। जबकि बिहार और...

बिहार-झारखंड की संस्कृति बचाने को जदयू का साथ दें: श्रवण
लाइव हिन्दुस्तान टीमWed, 01 Oct 2014 12:46 AM
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छतरपुर/नौडीहा। हिटी। बिहार के संसदीय कार्यमंत्री श्रवण कुमार ने कहा कि देश में साम्प्रदायिक शक्तियां हावी हो रही है। यह देश के लिए बड़ी चुनौती है जिसका डटकर मुकाबला करने की जरूरत है। जबकि बिहार और झारखंड की संस्कृति को बचाने के लिए इसे चुनावी मुद्दा बनाने की जरूरत है। जनता झारखंड के विकास के लिए विधायक सुधा चौधरी दे।

वे छतरपुर में आयोजित जदयू की विधानसभा स्तरीय कार्यकर्ता सम्मेलन में बोल रहे थे। उन्होंने भाजपा पर कई गंभीर आरोप मढ़ते हुए जदयू को उससे काफी बेहतर पार्टी करार दिया। मंत्री ने कविसा नदी पर अंतराज्यीय पुल का निर्माण कार्य शीघ्र शुरु कराने का आश्वासन दिया। कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए विधायक सुधा चौधरी ने कहा कि जिनकी दुकान बंद हो गई है वे अपनी दुकान चलाने के लिए दूसरी पार्टी का दामन थाम चुके हैं। वे जनता का काम हमेशा बगैर स्वार्थ का किया और आगे भी करने के लिए संकल्पित हैं।

उन्होंने छत्रधारी नदी पर भी शीघ्र पुल बनाने की बात कही। जदयू के प्रदेश अध्यक्ष जलेश्वर महतो ने भाजपा की कटु आलोचना करते हुए कहा कि देश और राज्य को बांटने की नीति पर चलने वाली भाजपा से विकास की उम्मीद नहीं की सकती। वहीं जदयू नेता सह कुटुम्बा के विधायक ललन भुइयां ने कहा कि जदयू से भी सभी समाज का विकास संभव है। ऐसा कर जदयू के नेता नीतीश कुमार और अन्य ने बिहार में दिखा दिया। झारखंड में भी जदयू के नेत्री और नेताओं ने अधिकार के अनुरूप बेहतर काम किया है जिसका परिणाम जनसमर्थन के रूप में मिलता है।

सम्मेलन के पहले हरिहरगंज में जदयू प्रखंड अध्यक्ष जनेश्वर महतो के नेतृत्व में कार्यकर्ताओं ने मंत्री श्रवण कुमार और विधायक ललन भुइयां का माला पहनाकर स्वागत किया। मंत्री ने बटाने नदी डैम का निरीक्षण भी किया। साथ ही डैम का फाटक गिराने को लेकर झारंखड के सीएम और सिंचाई मंत्री को पत्र देने की बात कही। उन्होंने कहा कि झारखंड के हरिहरगंज, बिहार के औरंगाबाद और गया जिले की सिंचिंत भूमि फाटक नहीं गिराये जाने से बंजर पड़ा है।

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