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कॉलेज शिक्षक बहाली में फंस सकता है पदनाम का पेच

पटना। कौशलेंद्र मिश्र। राज्य के दस विश्वविद्यालयों में कॉलेज शिक्षकों की नियुक्ति में पदनाम को लेकर पेच फंस सकता है। राज्य सरकार द्वारा सहायक प्रोफेसर के स्थान पर सहायक प्राचार्य के पद पर नियुक्ति की...

कॉलेज शिक्षक बहाली में फंस सकता है पदनाम का पेच
लाइव हिन्दुस्तान टीमSat, 20 Sep 2014 12:28 AM
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पटना। कौशलेंद्र मिश्र। राज्य के दस विश्वविद्यालयों में कॉलेज शिक्षकों की नियुक्ति में पदनाम को लेकर पेच फंस सकता है। राज्य सरकार द्वारा सहायक प्रोफेसर के स्थान पर सहायक प्राचार्य के पद पर नियुक्ति की प्रक्रिया शुरू की गई है। राज्य सरकार के निर्देशानुसार बिहार लोक सेवा आयोग द्वारा जारी विज्ञापन में भी सहायक प्राचार्य पद के लिए आवेदन आमंत्रित किया गया है, जबकि सहायक प्राचार्य का अंग्रेजी में अनुवाद असिस्टेंट प्रोफेसर दिया गया है।

इंडियन एसोसिएशन ऑफ टीचर एजुकेटरर्स की बिहार इकाई के अध्यक्ष डॉ. कुमार संजीव ने इस सवाल पर कहा कि प्रोफेसर शब्द के स्थान पर प्राचार्य शब्द का प्रयोग गलत है। वहीं, पटना विश्वविद्यालय के हिंदी विभाग के प्रोफेसर डॉ. भृगुनंदन त्रिपाठी ने कहा कि प्रोफेसर शब्द का वास्तविक अर्थ प्राचार्य या आचार्य ही है।

प्रिंसिपल का शाब्दिक अर्थ प्रधानाचार्य होता है। राज्यपाल सचिवालय द्वारा जारी परिनियम में भी सहायक प्रोफेसर का हिंदी अर्थ सहायक प्राचार्य ही किया गया है। ग्रेड प्वाइंट, परसेंटेज व वेटेड में एकरूपता नहीं डॉ. कुमार संजीव के अनुसार, देश के सभी विश्वविद्यालयों में ग्रेड प्वाइंट, परसेंटेज व वेटेज को लेकर एकरूपता नहीं है।

इससे अंकन पद्धति पर असर होगा। उन्होंने उदाहरण के तौर पर कहा कि देवी अहिल्या विश्वविद्यालय, इंदौर से अमित कुमार नामक विद्यार्थी को परसेंटेज मार्क्स 67.82 दिया गया है, जबकि सीजीपीए 6.76 दिया गया है। जबकि यूजीसी की गाइडलाइन के अनुसार जारी विज्ञापन में पांच से अधिक सीजीपीए वाले छात्र को तीस अंक लेकिन 67.82 परसेटेंज प्राप्त छात्र को अंक में नीचे रखा गया है। ऐसे में कई छात्र अधिक अंक की मांग करेंगे।

शैक्षणिक संगठनों में इसे लेकर हो रही चर्चा, करेंगे विरोध बिहार राज्य शिक्षक-छात्र समन्वय समिति, मेधावी व्याख्याता अभ्यर्थी संघ, गांधी पीस फाउंडेशन, बिहार एसोसिएशन ऑफ टीचर एजुकेशन सहित विभिन्न शैक्षणिक संगठनों ने बीपीएससी द्वारा जारी सहायक प्रोफेसर के पद पर नियुक्ति प्रक्रिया का विरोध करने का निर्णय किया है। इस संबंध में एक रिट याचिका पटना उच्च न्यायालय में दाखिल किए जाने को लेकर भी विमर्श किया जा रहा है।

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