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दिल्ली में थामा हाथ, रांची में बने कांग्रेसी

रांची। हिन्दुस्तान ब्यूरो। पूर्व जेवीएम सांसद डॉ. अजय कुमार ने कांग्रेस की औपचारिक सदस्यता ग्रहण कर ली है। प्रदेश कांग्रेस कार्यालय में कार्याकर्ताओं ने फूल-माला के साथ जमशेदपुर के पूर्व सांसद का...

दिल्ली में थामा हाथ, रांची में बने कांग्रेसी
लाइव हिन्दुस्तान टीमSat, 23 Aug 2014 01:07 AM
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रांची। हिन्दुस्तान ब्यूरो। पूर्व जेवीएम सांसद डॉ. अजय कुमार ने कांग्रेस की औपचारिक सदस्यता ग्रहण कर ली है। प्रदेश कांग्रेस कार्यालय में कार्याकर्ताओं ने फूल-माला के साथ जमशेदपुर के पूर्व सांसद का स्वागत किया। इससे पहले ही अजय कुमार दिल्ली में कांग्रेस के राष्ट्रीय नेताओं से मिलकर कांग्रेस में शामिल होने की घोषणा कर चुके थे। अजय कुमार के कांग्रेस प्रवेश को चर्चा में लाने के लिए रांची में उनका समापरोहपूर्वक स्वागत किया गया।

जमशेदपुर से दर्जनों गाडि़यों के काफिले के साथ प्रदेश कांग्रेस कार्यालय पहुंचे अजय कुमार ने देश की गैर भाजपा समर्थक 75 फीसदी आबादी को जोड़ने के लिए नई राजनीति की घोषणा की। वहीं कांग्रेस के साथ इंद्रधनुषी गठबंधन की वकालत करते हुए आगामी विधानसभा चुनाव में यूपीए गठबंधन के विस्तार का संकेत दिया। विधानसभा चुनाव लड़ने के सवाल को उन्होंने कांग्रेस नेतृत्व के फैसले पर छोड़ा और नई पार्टी से जुड़ने का मकसद क्षेत्रीय राजनीति को छोड़कर राष्ट्रीय राजनीति में हिस्सेदारी बताया।

कांग्रेस भवन में डॉ. अजय का स्वागत प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष सुखदेव भगत, शिक्षा मंत्री गीताश्री उरांव, प्रदेश महासचिव अनादि ब्रह्म, शमशेर आलम, राजेश गुप्ता और मीडिया कमेटी के रवींद्र सिंह, लाल किशोर नाथ शाहदेव और संजय पांडे ने किया। देश जोड़ने की विचारधारा है कांग्रेस: सुखदेव डॉ. अजय कुमार का स्वागत करते हुए प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष सुखेदव भगत ने कहा कि कांग्रेस देश जोड़ने की विचारधारा है। यह सभी जाति, वर्ग और संप्रदाय के लोगों की सामूहिक प्रगति का रास्ता तैयार करती है।

डॉ. अजय के आने से प्रदेश में कांग्रेस के इस अभियान को बल मिलेगा। साथ ही यूपीए सरकार की ओर से जनहित में शुरू किए गए अभियान को पूरा करने में मदद मिलेगी। राजनीतिक करियर बनाने के लिए कांग्रेस में नहीं आया: अजय डॉ. अजय ने कहा कि वे राजनीतिक करियर बनाने के लिए कांग्रेस में नहीं आए हैं। बल्कि राष्ट्रीय राजनीति से जुड़कर देश सेवा करने के लिए आए हैं। चुनाव में हार-जीत उनके लिए मायने नहीं रखता है।

प्रदेश और देश की सेवा ही उनका मकसद है। लोकसभा चुनाव के पहले से कांग्रेस के संपर्क में थे डॉ. अजय कुमार लोकसभा चुनाव के पहले से कांग्रेस के संपर्क में थे। कई बड़े नेताओं के साथ कांग्रेस में प्रवेश की बात भी चली थी। लेकिन गठबंधन के तहत जमशेदपुर लोकसभा सीट झामुमो के खाते में चले जाने पर अजय कुमार का कांग्रेस प्रवेश टल गया। वे झाविमो से ही लोकसभा उम्मीदवार बन गए। पार्टी बदलते ही बदले बयान तब के सुर 2011 में लोकसभा का उपचुनाव लड़ते वक्त डॉ. अजय कुमार ने विरोधी प्रत्याशी बन्ना गुप्ता पर निशाना साधते हुए कांग्रेस की काफी लानत मलामत की थी।

उस वक्त उन्होंने प्रदेश के विकास के लिए क्षेत्रीय दलों की मजबूती का राग अलापा था। साथ ही देश के कई राज्यों का उदाहरण देते हुए क्षेत्रीय दलों की ओर से किए गए प्रदेश के विकास की नजीर पेश की थी। 2014 के लोकसभा चुनाव में भी अजय कुमार ने झारखंड का विकास बाबूलाल मरांडी के नेतृत्व में ही संभव बताया था। साथ ही बाकी दलों की विकास की कोई दृष्टि नहीं होने की बात कही थी। अब के बोल देखिए, बाबूलाल जी से मेरी कोई लड़ाई नहीं है।

मैं कांग्रेस में प्रवेश के बाद शालीनता नहीं खोना चाहता हूं। लेकिन राजनीति के लंबे रेस में आने के लिए राष्ट्रीय दलों के साथ मिलकर ही चलना चाहिए। क्षेत्रीय दलों की एक सीमा है। कांग्रेस देश के सभी समुदाय के लोगों को साथ लेकर चलने में विश्वास करती है। देश सेवा के लिए इससे बड़ा राजनीतिक प्लेटफॉर्म नहीं हो सकता है।

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