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सीवीओ को बचाने के लिए एम्स में हस्ताक्षर अभियान शुरू

नई दिल्ली, प्रमुख संवाददाता। एम्स के मुख्य सतर्कता अधिकारी संजीव चतुर्वदी को बचाने के लिए फैकल्टी सदस्यों ने हस्ताक्षर अभियान शुरू किया है। चिकित्सकों की एक बड़ी लॉबी मानती है कि सीवीओ अपने पद पर...

सीवीओ को बचाने के लिए एम्स में हस्ताक्षर अभियान शुरू
लाइव हिन्दुस्तान टीमSat, 23 Aug 2014 12:58 AM
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नई दिल्ली, प्रमुख संवाददाता। एम्स के मुख्य सतर्कता अधिकारी संजीव चतुर्वदी को बचाने के लिए फैकल्टी सदस्यों ने हस्ताक्षर अभियान शुरू किया है। चिकित्सकों की एक बड़ी लॉबी मानती है कि सीवीओ अपने पद पर बेहतर काम कर रहे थे। इसी के चलते अपनी बात को पीएमओ ऑफिस तक पहुंचाने के लिए शुक्रवार को हस्ताक्षर अभियान शुरू किया गया जिसमें अधिक से अधिक मेडिकल और पैरामेडिकल सदस्यों के हस्ताक्षर कराने के बाद दो से तीन दिन में चिट्ठी पीएमओ ऑफिस भेजी जाएगी।

सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार संस्थान में भ्रष्टाचार के खिलाफ आवाज उठाने वाले सीवीओ का कई फैकल्टी सदस्यों ने समर्थन किया है। हस्ताक्षर अभियान में पांच हजार से अधिक कर्मचारियों का समर्थन जुटाने की कोशिश की जाएगी ताकि सीध तौर पर पीएमओ में यह बात पहुंचाई जा सके कि सीवीओ को हटाने का फैसला एम्स के हित में नहीं है। इसमें से कई सदस्य ऐसे हैं जिन्होंने खुद अपने विभागों में होने वाली गड़बड़ी की शिकायत सीवीओ तक पहुंचाई थी।

न्यूक्लियर मेडिसन विभाग में चिकित्सकों के विदेशी टूर पर भी कार्रवाई ऐसी ही की गुप्त सूचना के आधार पर की गई थी, जिसमें सरकारी खर्च पर बेवजह विदेश भ्रमण करने वाले चिकित्सकों को आर्थिक दंड तक भरना पड़ा था। मालूम को कि 20 अगस्त को केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री के आदेश के बाद सीवीओ के सभी अधिकारी तीन महीने तक के लिए सीज कर दिए गए हैं। मंत्रालय का कहना है कि सीवीओ की नियुक्ति नियमों के अनुसार नहीं हुई है, एम्स के सीवीओ पद के लिए अधिक वरिष्ठ आईएसएस अधिकारी की नियुक्ति की जानी चाहिए।

वहीं दूसरी तरफ शुक्रवार को सीवीओ की लंबी छुट्टी की अर्जी को स्वीकार कर लिया गया। संभव है कि सीवीओ इस मामले पर पीएमओ को पत्र लिखकर सीबीआई जांच की मांग करेंगे। पहली बार मिला था सीवीओ को स्वतंत्र कार्यभार एम्स में पहली बार सीवीओ को स्वतंत्र कार्यभार दिया गया है जबकि डीडीए डिप्टी डायरेक्टर प्रशासन को सीवीओ का अतिरिक्त कार्यभार दिया जाता था। इसकी वजह से एम्स के अनियमित आर्थिक लेन देन पर कभी कोई कार्रवाई नहीं हुई थी जबकि जून वर्ष 2012 में स्वतंत्र सीवीओ की नियुक्ति के बाद अब तक चालीस से अधिक मामलों की जांच की जा चुकी है।

इसमें भ्रष्टाचार के तीन बड़े मामलों में सीबीआई केस भी पंजीकृत हो चुका है। सूत्रों की मानें तो सीवीओ के अधिकारी छीनने के साथ ही अब एम्स में सीवीओ का पद खत्म करने की भी बात की जा रही है। निश्चित रूप से सीवीओ के हटने के बाद बीते तीन साल में सीवीओ द्वारा कई अधिकारियों के लिए खिलाफ की गई जांच व कार्रवाई भी रद्द हो जाएगी।

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