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नई टीम के चेहरों चयन में खुद फंसी भाजपा

नई दिल्ली, पंकज रोहिला टीम भाजपा के नए चेहरों में भाजपा खुद ही फंस कर रह गई है। यही वजह है कि नए प्रदेश अध्यक्ष की तैनाती के बाद भी दिल्ली टीम का ऐलान नहीं हुआ है। दिल्ली में बार-बार सामने आ रहे...

 नई टीम के चेहरों चयन में खुद फंसी भाजपा
लाइव हिन्दुस्तान टीमThu, 24 Jul 2014 10:35 PM
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नई दिल्ली, पंकज रोहिला टीम भाजपा के नए चेहरों में भाजपा खुद ही फंस कर रह गई है। यही वजह है कि नए प्रदेश अध्यक्ष की तैनाती के बाद भी दिल्ली टीम का ऐलान नहीं हुआ है। दिल्ली में बार-बार सामने आ रहे राजनीतिक समीकरणों की वजह से टीम की घोषणा भी सरकार गठन जैसे सवाल के बीच उलझ कर रह गई है। इसकी वजह से पार्टी में आज भी पूर्व प्रदेश अध्यक्ष विजय गोयल के कार्यकाल में गठित टीम के नेता सक्रिय हैं।

इसके बाद से दिल्ली भाजपा में मामूली फेरबदल तो हुए हैं लेकिन टीम का गठन नहीं हुआ है। सूत्र मानते हैं कि इसका असर यह है कि पार्टी की सक्रियता हर फ्रंट पर नजर नहीं आ रही है हालांकि पार्टी बजट के बाद दिल्ली के नेताओं को सक्रिय होने के फरमान सुना चुकी है। सूत्रों का कहना है कि नियमानुसार एक अध्यक्ष के हट जाने के बाद ही पार्टी की गठित टीम खुद ही भंग हो जाती है और नया अध्यक्ष अपनी टीम का चुनाव करता है।

नए अध्यक्ष की तैनाती के दो सप्ताह बाद भी इस दिशा में अब तक कोई पहल नहीं हुई है। हालांकि नए प्रदेश अध्यक्ष ने भी दावा किया था कि जहां पर जरूरत होगी, वहां संगठन स्तर पर भी बदलाव किए जाएंगे। बताया जा रहा है कि केवल केंद्रीय भाजपा संगठन टीम गठित करने के लिए प्रावधान है कि यदि नई टीम का ऐलान किया जाना होता है तो राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक बुलाई जाती है और उसमें टीम के संबंध में निर्णय लिया जाता है।

इस टीम में जिला अध्यक्षों, ब्लॉक अध्यक्षों, विभिन्न मोर्चों के अध्यक्ष और संगठन के पदाधिकारियों की घोषणा की जाती है। प्रदेश की टीम में 22 पदाधिकारी शामिल होते हैं। इन मुद्दों पर बैकफुट पर है भाजपा - ई रिक्शा : केंद्र में सरकार बनते ही दिल्ली में सबसे पहला ऐलान भाजपा ने साइकिल रिक्शा को राहत देने का लिया था। इस रिक्शा की क्षमता को लेकर उठे बवाल के बाद से ही इसे अवैध करार दिया गया है। लेकिन इस मुद्दे पर अब तक कोई ठोस नीति सामने नहीं हुई है और मुद्दे पर दिल्ली सरकार को भी अदालत में फटकार खानी पड़ रही है।

इस मुद्दे को भाजपा एक अहम मुद्दा मानकर चल रही थी और आप पार्टी को सीधी टक्कर देने के लिए भाजपा ने इस दिशा में पहल की थी। अदालत के कड़े रुख के कारण मामला फंसा है। - गेस्ट शिक्षक : दिल्ली में सरकारी स्कूलों में काम कर रहे गेस्ट शिक्षकों को राहत देने के लिए भी भाजपा ने पहल की थी। इस पहल में ही इस व्यवस्था के विरोध में बैठे शिक्षकों का अनशन भी भाजपा ने तुड़वाया था।

अब भाजपा मुख्यालय पर प्रतिदिन गेस्ट शिक्षक चक्कर लगा रहे हैं। शिक्षकों का आरोप है कि अब तक उनके लिए राहत की कोई खबर नहीं आई है। दिल्ली भर में हजारों की संख्या में गेस्ट शिक्षक के पद काफी दिनों से खाली हैं। इनकी भर्ती नहीं होने की वजह से सरकारी स्कूलों में भी शिक्षकों का टोटा है। - खरीद फरोख्त का मामला : भाजपा के विधायकों पर खरीद फरोख्त के आरोप लगे थे। इसके बाद पार्टी के नेता आगे आए थे और ऐलान किया था कि इस मामले में आप पार्टी के खिलाफ कदम उठाए जाएंगे।

मामले में कानूनी राय लेने के बाद आप पार्टी को घेरने की तैयारी थी लेकिन यह मामला भी अब तक आगे नहीं बढ़ा है।

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