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जीटीबी अस्पताल के बाहर दिया बच्ची को जन्म

हर्ष विहार निवासी 25 वर्षीय गर्भवती रीता को जीटीबी अस्पताल ने भर्ती करने से मना कर दिया। अस्पताल ने इलाज की जगह महिला के पति से बाहर से अल्ट्रासाउंड जांच कराने के लिए कहा। इस बीच महिला दर्द से तड़पती...

जीटीबी अस्पताल के बाहर दिया बच्ची को जन्म
लाइव हिन्दुस्तान टीमTue, 29 Jul 2014 12:39 PM
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हर्ष विहार निवासी 25 वर्षीय गर्भवती रीता को जीटीबी अस्पताल ने भर्ती करने से मना कर दिया। अस्पताल ने इलाज की जगह महिला के पति से बाहर से अल्ट्रासाउंड जांच कराने के लिए कहा। इस बीच महिला दर्द से तड़पती रहीं, लेकिन चिकित्सकों ने उसे इमरजेंसी से बाहर निकाल दिया, जहां गेट नंबर पांच के बाद महिला ने एक बच्ची को जन्म दिया।

प्राप्त जानकारी के अनुसार रामवीर रविवार रात 8.30 बजे पत्नी रीता को प्रसव दर्द के कारण जीटीबी की इमरजेंसी में लेकर गया था। रीता का इलाज करने की जगह डय़ूटी पर मौजूद डॉक्टर महिला का अस्पताल में पिछला रिकार्ड खंगालने लगे। महिला पहली बार जीटीबी पहुंची थी, इस पर  चिकित्सक इलाज में आनाकानी करने लगे। इलाज की जगह पति रामवीर से बाहर से कुछ दवाएं इंजेक्शन और अल्ट्रासाउंड कराने के लिए कहा गया।

रामवीर किसी तरह पत्नी को गेट नंबर पांच के पास लाकर ऑटो तलाश करने लगा, इसी बीच रीता ने एक बच्ची को जन्म दे दिया। बच्ची के जन्म के बाद भी अस्पताल ने महिला को भर्ती करना जरूरी नहीं समझा। इस बीच पति के पीसीआर कॉल करने पर पुलिस पहुंची और पुलिस के दवाब में महिला को अस्पताल में भर्ती किया गया। हालांकि, अब महिला और बच्चे दोनों की हालत खतरे से बाहर बताई जा रही है।

इस बाबत अस्पताल के चिकित्सा अधीक्षक डॉ. बीके जैन ने बताया कि इमरजेंसी की अल्ट्रासाउंड मशीन काम कर रही है, फिर भी मरीज को बाहर क्यों भेज गया?  इसकी जांच के लिए तीन सदस्यीय कमेटी का गठन किया गया है जो तीन दिन में रिपार्ट सौंपेगी।

पहले भी सामने आ चुकी है डॉक्टरों की लापरवाही
पूर्वी दिल्ली के अशोक नगर में डॉक्टरों की लापरवाही की वजह से एक महिला ने रिक्शा में बच्ची को जन्म दिया था। जब वह स्वामी दयानंद व जीटीबी अस्पताल पहुंची थी तो वहां मौजूद स्टाफ ने उससे कहा था कि उसका इलाज शुरू से वहां नहीं हो रहा था इसलिए वह उसका इलाज नहीं कर सकते हैं। इस मामले की दो डाक्टरों को बर्खास्त किया गया था।

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