फोटो गैलरी

Hindi Newsकोर्ट ने इजाजत दी तो बना सकेंगे अतिरिक्त फ्लैट

कोर्ट ने इजाजत दी तो बना सकेंगे अतिरिक्त फ्लैट

750 वर्ग मीटर या उससे बड़े भूखंड पर फ्लैटों के आकार में डेढ़ गुना तक वृद्धि हो सकेगी। नए संशोधन के बाद राजधानी के सभी पॉश कालोनियों में पहले से बने फ्लैटों के साइज बढ़ाने का रास्ता साफ हो गया है। साथ...

कोर्ट ने इजाजत दी तो बना सकेंगे अतिरिक्त फ्लैट
लाइव हिन्दुस्तान टीमFri, 19 Sep 2014 10:37 PM
ऐप पर पढ़ें

750 वर्ग मीटर या उससे बड़े भूखंड पर फ्लैटों के आकार में डेढ़ गुना तक वृद्धि हो सकेगी। नए संशोधन के बाद राजधानी के सभी पॉश कालोनियों में पहले से बने फ्लैटों के साइज बढ़ाने का रास्ता साफ हो गया है। साथ ही इलाके में लोगों को रहने के लिए और अधिक जगह भी उपलब्ध होगी। यदि कोर्ट से मंजूरी मिली तो बढ़े हुए एफएआर और पचास फीसदी तक ग्राउंड कवरेज का लाभ अतिरिक्त फ्लैट बनाकर मिल सकता है।

शुक्रवार को डीडीए बोर्ड बैठक में इस मुद्दे पर एलजी नजीब जंग ने स्पष्ट कर दिया कि कोर्ट की इजाजत के बिना बढ़े हुए एफएआर का लाभ संशोधित मास्टर प्लान में नए फ्लैट बनाने में नहीं किया जा सकता है।  लेकिन पहले से तैयार फ्लैट के कमरों का साइज बढ़ाने तथा उनके साथ ही दूसरा कमरा बना सकेंगे।

मौजूदा समय में चालीस फीसदी तक ग्राउंड कवरेज की इजाजत है। नए संशोधन के बाद अब बड़े प्लॉट पर 50 फीसदी तक ग्राउंड कवरेज और 120 के स्थान पर 200 एफएआर(फ्लोर एरिया रेशियो-तल क्षेत्र अनुपात)का इस्तेमाल किया जा सकेगा। डीडीए को इस संशोधन के लिए 109 लोगों से सुझाव व आपत्तियां मिली थीं।

नए नियम के अनुसार  750 वर्ग मीटर से बड़े भूखंड का फ्लोर एरिया रेश्यो (एफएआर) बढ़ाकर 200 कर दिया है। जबकि मौजूदा समय में 750 से 1000 वर्ग मीटर तक के भूखंड पर 120 एफएआर की इजाजत है। लेकिन नए प्रस्ताव के मुताबिक बड़े भूखंड का एफएआर 200 एफएआर कर दिया है।

इसी प्रकार 1000 से 3750 वर्ग मीटर तक के भूखंड का एफएआर 120 से बढ़ा कर 200 किया जा रहा है। इन भूखंडों का ग्राउंड कवरेज(भूतल कवरेज) 40 से 50 फीसदी कर दिया है।

माना जा रहा है कि भूतल कवरेज और एफएआर बढ़ाए जाने से इस जमीन पर बनने वाले फ्लैटों का आकार बढ़ जाएगा। अभी 1000 वर्ग मीटर तक के प्लॉट पर लगभग 1400 वर्ग फुट के नौ फ्लैट बनाने की इजाजत है, जबकि नए नियम के बाद अब एक फ्लैट का साइज लगभग 2100 वर्ग फुट से अधिक हो जाएगा। लोगों के सुझाव व आपत्ति के आधार पर नया संशोधन करते हुए इसे मास्टर प्लान में शामिल कर लिया है।

डीडीए अधिकारी के अनुसार लोगों को रहने के लिए और अधिक जगह उपलब्ध कराने के लिए मास्टर प्लान में यह संशोधन किया गया है। डीडीए सदस्यों का मानना था कि बढ़े हुए एफएआर का इस्तेमाल नए मकान तैयार करने में किया जा सके, लेकिन एलजी ने इस मामले को कोर्ट की मंजूरी पर छोड़ दिया। ऐसे में पहले से बने मकानों को और बड़ा बनाया जा सकता है।

बाक्स::
इन इलाकों में होगा सर्वाधिक लाभ
खासतौर पर पॉश कालोनियों लाजपत नगर, वसंत विहार, वसंत कुंज, न्यू फ्रेंडस कॉलोनी, डिफेंस कालोनी शक्ति नगर, रूप नगर, कमला नगर व प्राइवेट बिल्डर के तौर पर निजामुद्दीन, जंगपुरा, पंजाबी बाग,  दरियागंज, पहाड़गंज, करोलबाग जैसे इलाके में कार्य करने वालों को लाभ होगा।

बाक्स:
रेलवे को मिलेगी आवासीय कालोनी
डीडीए की बोर्ड बैठक में चाणक्यपुरी में रेलवे के अधिकारी व कर्मियों के लिए आवासीय कालोनी बनाने को मंजूरी दी गई। आवासीय कालोनी के लिए डीडीए ने 7530भूमि का भू-उपयोग परिवर्तित किया है। माना जा रहा है कि ट्रांसपोर्टेशन के लिए छोड़ी गई इस जमीन पर करीब चार सौ से अधिक मकान तैयार हो सकेंगे।
बाक्स:
लोटस टैंपल का होगा विस्तार
लंबे समय से लोगों के आकर्षण का केंद्र और पर्यटकों के लिए कौतूहल बना रहने वाला लोटस टैंपल(बहाई मंदिर)को और विस्तार दिया जाएगा। यहां योगा तथा स्प्रिच्युअल से जुड़ी शिक्षा का प्रसार होगा। विस्तार के दौरान पहले से इस्तेमाल ग्राउंड कवरेज का ही प्रयोग करना होगा।
बाक्स::
17 गांव को ग्रीन बेल्ट में किया शामिल
खादर व दिल्ली के बाहरी इलाके में बने 17 गांवों की पहचान अब ग्रीन बेल्ट के रूप में होगी। क्योंकि डीडीए बोर्ड ने शुक्रवार को इस पर मंजूरी दे दी है। शुरुआत में 62 गांवों को ग्रीन बेल्ट में शामिल करने का प्रस्ताव था। यह सभी गांव जोन पी-1,ई व पी-2 में आते हैं। बोर्ड की मंजूरी के बाद डीडीए ने 17 गांवों को ग्रीन बेल्ट में शामिल करने की कार्रवाई आरंभ कर दी है।

हिन्दुस्तान का वॉट्सऐप चैनल फॉलो करें