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नाबालिग से दुष्कर्म: फांसी की सजा उम्रकैद में तब्दील

नई दिल्ली। वरिष्ठ संवाददाता। नाबालिग लड़की से दुष्कर्म कर उसकी हत्या करने के जुर्म में आरोपी को निचली अदालत से मिली फांसी की सजा हाईकोर्ट ने उम्रकैद में तब्दील कर दी है। हाईकोर्ट ने कहा है कि 24...

नाबालिग से दुष्कर्म: फांसी की सजा उम्रकैद में तब्दील
लाइव हिन्दुस्तान टीमFri, 19 Sep 2014 01:05 AM
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नई दिल्ली। वरिष्ठ संवाददाता। नाबालिग लड़की से दुष्कर्म कर उसकी हत्या करने के जुर्म में आरोपी को निचली अदालत से मिली फांसी की सजा हाईकोर्ट ने उम्रकैद में तब्दील कर दी है। हाईकोर्ट ने कहा है कि 24 वर्षीय दोषी यौन संबंध की दृष्टि से समाज के लिए खतरनाक है लेकिन वह खतरनाक यौन शिकारी नहीं है। जस्टिस प्रदीप नंदराजोग व मुक्ता गुप्ता की पीठ ने कहा कि 'ऐसे में इस समस्या का समाधान दोषी युवक भरत कुमार को दुनिया से समाप्त करके नहीं किया जा सकता है।

हालांकि हाईकोर्ट ने भरत कुमार को उम्रकैद की सजा देते हुए उसे 25 साल तक जेल में रखने का आदेश दिया है ताकि समाज उससे सुरक्षित रह सके। हाईकोर्ट ने कहा है कि यौन अपराध में शामिल लोगों को अपराध की दृष्टि से वर्गीकृत किया जा सकता है। हाईकोर्ट ने तीन श्रेणी में इस अपराध को बांटते हुए कहा कि इस मामले में दोषी दूसरी श्रेणी का अपराधी है तो यौन संबंध की दृष्टि से समाज के लिए खतरनाक है।

इसके साथ ही हाईकोर्ट ने सरकार को दोषी भरत कुमार की सजा पर 25 साल तक समीक्षा करने पर प्रतिबंध लगा दिया है। निचली अदालत ने पड़ोस में रहने वाली छह साल की बच्ची से दुष्कर्म कर उसकी हत्या करने के जुर्म में पिछले साल भरत कुमार को फांसी की सजा सुनाई थी। निचली अदालत ने फांसी की सजा को पुष्टि के लिए हाईकोर्ट में भेजा था, वहीं दोषी भरत कुमार ने भी फैसले के खिलाफ अपील दाखिल की थी।

हाईकोर्ट ने भरत कुमार पर एक लाख रुपये जुर्माना भी किया है। साथ ही जुर्माने की रकम पीडि़त बच्ची के माता-पिता को देने का आदेश दिया है। वर्ष 2010 में भरत कुमार ने पड़ोस की एक बच्ची को चॉकलेट के बहाने बुलाकर एकांत जगह पर ले गया और दुष्कर्म के बाद उसकी हत्या कर दी थी।

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