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लाइन 3-4 पर रुलाया मेट्रो ने,फिर गठित हुई जांच कमेटी

नई दिल्ली प्रमुख संवाददाता। समय पर सरकारी दफ्तर पहुंचने की कोशिश करने वाले कर्मियों को मंगलवार को फिर से अपनी तंख्वाह कटने का डर सताता रहा। क्योंकि सुबह साढ़े आठ बजे से प्रभावित हुई...

लाइन 3-4 पर रुलाया मेट्रो ने,फिर गठित हुई जांच कमेटी
लाइव हिन्दुस्तान टीमWed, 03 Sep 2014 01:30 AM
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नई दिल्ली प्रमुख संवाददाता। समय पर सरकारी दफ्तर पहुंचने की कोशिश करने वाले कर्मियों को मंगलवार को फिर से अपनी तंख्वाह कटने का डर सताता रहा। क्योंकि सुबह साढ़े आठ बजे से प्रभावित हुई लाइन-3-4(नोएडा-वैशाली-द्वारका)पर लोगों को ग्यारह बजे तक परेशानी का सामना करना पड़ा।

नौबत यह रही कि लोग आधे रास्ते में ही मेट्रो के बजाय यातायात के अन्य विकल्पों के माध्यम से आफिस अथवा कॉलेज पहुंचे। इस रूट पर पीक आवर में मेट्रो सेवा पूरी तरह प्रभावित हो रही। इस वजह से हजारों यात्रियों को दफ्तर पहुंचने में लगभग डेढ़ घंटे से अधिक का समय लगा। जनकपुरी वेस्ट से उत्तम नगर ईस्ट मेट्रो स्टेशन ओएचआई(ओवरहेड इलेक्ट्रीक लाइन)वायर के टूटने के कारणों की जांच के लिए छह सदस्यीय कमेटी गठित की गई है। उल्लेखनीय है कि डेढ़ वर्ष के दौरान मेट्रो इसी लाइन पर 800 बार खराब हो चुकी है।

डीएमआरसी के अनुसार मंगलवार सुबह 8:24 बजे से सुबह 9:47 बजे तक मेट्रो जनकपुरी वेस्ट से उत्तम नगर ईस्ट मेट्रो स्टेशन के बीच ओवर हेड इलेक्ट्रिक वायर (ओएचई) में खराबी आ गई। इसके बाद उत्तम नगर वेस्ट से द्वारका की ओर जाने वाली मेट्रो सेवा करीब एक घंटे तक प्रभावित रही। इस दौरान उत्तम नगर वेस्ट-द्वारका के बीच सिंगल लाइन पर मेट्रो सेवा का परिचालन किया गया। वहीं, मैट्रो अधिकारियों के दावे के मुताबिक जनकपुरी वेस्ट से वैशाली/नोएडा के बीच सेवा सामान्य रही।

लेकिन मेट्रो में सफर कर रहे यात्रियों के मुताबिक दोनों स्टेशनों के बीच आई खराबी का असर पूरे नोएडा/वैशाली-द्वारका रूट पर रहा। कृषि भवन में काम करने वाले नोएडा सेक्टर-15 निवासी राजकुमार इसी खराबी का शिकार हुए और साढ़े दस बजे के बाद आफिस पहुंच सके। उन्होंने कहा कि रास्ते भर इस बात की चिंता रही कि कहीं वरिष्ठ अधिकारी नाराज न हो जाएं। जनकपुरी निवासी मालती सिंह के अनुसार मेट्रो की इस लाइन पर अक्सर दिक्कत आती है। लेकिन समस्या को दूर करने के लिए कोई उचित कदम नहीं उठाए गए हैं।

हर बार मेट्रो केवल कमेटी बना देती है, जांच में क्या आता है और दुबारा उसी तरह की गड़बड़ी आखिर कैसे होती है। इसका पता नहीं चलता।

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