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प्रेमी के साथ मिलकर मां ने की थी इकलौते बेटे की हत्या

हाईवे थाना क्षेत्र की लक्ष्मीपुरम कालोनी से पिछले वर्ष लापता हुए युवक की गुमशुदगी का राज पुलिस ने खोल दिया है। मां ने प्रेमी के साथ मिल कर अपने इकलौते बेटे की हत्या करा कर शव को कुएं में डलवा दिया...

प्रेमी के साथ मिलकर मां ने की थी इकलौते बेटे की हत्या
लाइव हिन्दुस्तान टीमWed, 22 Apr 2015 12:37 AM
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हाईवे थाना क्षेत्र की लक्ष्मीपुरम कालोनी से पिछले वर्ष लापता हुए युवक की गुमशुदगी का राज पुलिस ने खोल दिया है। मां ने प्रेमी के साथ मिल कर अपने इकलौते बेटे की हत्या करा कर शव को कुएं में डलवा दिया था। मां ने बेटे की मौत का सौदा प्रेमी के कहने पर 10 लाख रुपए में तय किया था। पुलिस ने हत्यारोपियों की निशानदेही पर बलदेव थाना क्षेत्र के कुएं से शव का कंकाल बरामद कर लिया है।

लक्ष्मीपुरम कालोनी में रहने वाली ज्योति शर्मा पत्नी स्वर्गीय राजकुमार ने 2 जून 2014 को थाना हाईवे में अपने पुत्र 20 वर्षीय भूपेन्द्र शर्मा उर्फ अंकुर शर्मा की गुमशुदगी दर्ज कराई। गुमशुदगी दर्ज हो जाने के बाद पुलिस ने भूपेन्द्र की तलाश शुरू कर दी। उसका कुछ पता नहीं चला। पुलिस ने 23 अगस्त 2014 को गुमशुदगी को अपहरण की धारा में तरमीम कर लिया। ज्योति शर्मा ने पुत्र के गायब होने का शक ग्राम पचावरी थाना सादाबाद निवासी शैलू पुत्र धर्मवीर पर जाहिर किया। पुलिस ने शैलू की तलाश शुरू कर दी। मामला जब लम्बा खिचने लगा तो एसएसपी मंजिल सैनी ने उसके खुलासे के लिए एसपी सिटी शैलेश कुमार पाण्डे व आईपीएस/सीओ रिफाइनरी प्रीति प्रियदर्शनी के नेतृत्व में टीम का गठन किया। पुलिस की टीम शैलू की तलाश में जुट गई। जांच के दौरान पुलिस को ज्योति शर्मा की गतिविधियां संदिग्ध लगीं।

पुलिस ने उसे हिरासत में लेकर पूछताछ की तो वह टूट गई। उसने अपने इकलौते बेटे की हत्या का राज पुलिस के सामने खोल दिया। ज्योति शर्मा का पति राजकुमार फौज में था। राजकुमार की मौत 14 दिसम्बर 2012 को हो गई। पति की मौत हो जाने के बाद ज्योति के संबंध शेर सिंह उर्फ शेरी उर्फ भोले बाबा पुत्र परशुराम निवासी गोपालनगला थाना चिकसाना भरतुपर के साथ हो गए। राजकुमार की मौत के बाद भोले बाबा ज्योति के यहां आकर रहने लगा। इसका विरोध ज्योति का इकलौता पुत्र भूपेन्द्र करने लगा। पुत्र का विरोध करना ज्योति को अखरने लगा। वह पुत्र को रास्ते से हटाने की तरकीबें सोचने लगी।

भोले बाबा ने ज्योति की मुलाकात ग्राम पचावरी थाना सादाबाद निवासी शेलू पुत्र धर्मवीर से कराई। शेलू ने भूपेन्द्र को रास्ते से हटाने के लिए 10 लाख रुपए मांगे। सौदा तय हो गया। पुलिस की माने तो 1 जून 2014 की रात आठ बजे शेली भूपेन्द्र को टाउनशिप ले जाने की बात कहकर अपने साथ ले गए। शेली भूपेन्द्र को बातों में उलझा कर उसे नगला भरतिया ले गया। जहां पहले से ही भोले बाबा और शेलू के गांव का रहने वाला बंशी पुत्र फत्ते खड़े मिले। पुलिस की माने तो सभी ने भूपेन्द्र की गोली मारकर हत्या कर दी। हत्यारों ने भूपेन्द्र के शव को समीप के ही कुएं में डाल दिया। इसके बाद ज्योति ने पुत्र की गुमशुदगी दर्ज करा दी।

काम हो जाने के बाद शेलू ने ज्योति से सुपारी की रकम मांगी तो उसने उसे रुपए देने से इनकार कर दिया। इसके बाद ज्योति ने शेलू पर पुत्र की हत्या का शक जाहिर करते हुए थाने पर दूसरी तहरीर दी। लेकिन पुलिस ने मामले की गहराई से जांच की तो युवक की हत्या का राज खुल गया। पुलिस ने भोले बाबा, ज्योति व शेलू को गिरफ्तार कर पूछताछ की तो उन्होंने भरतिया गांव के कुएं से युवक के अवशेष बरामद करा दिए। इस खुलासे की जानकारी एसपी सिटी शैलेश पाण्डे व आईपीएस/सीओ रिफाइनरी प्रीति प्रियदर्शनी ने संयुक्त रूप से आयोजि पत्रकार वार्ता में दी। पुलिस ने हत्यारों की निशानदेही पर कत्ल में प्रयोग किया तमंचा और मृतक का मोबाइल फोन भी बरामद कर लिया। इस खुलासे पर डीआईजी आगरा रेंज लक्ष्मी सिंह ने पुलिस टीम को दस हजार रुपए का पुरस्कार दिए जाने की घोषणा की है।   

तय रकम नहीं देने पर खुल गया हत्या का राज
मथुरा। लक्ष्मीपुरम निवासी ज्योति शर्मा ने पुत्र की मौत का सौदा दस लाख रुपए में तय किया। प्रेमी के माध्यम से भाडम्े के हत्यारे तय हुए। हत्यारे ने अपने काम को बखूबी अंजाम दे दिया। लेकिन ज्योति अपनी बात से मुकर गई। शेलू रुपयों के लिए उस पर दवाब बना रहा था। ज्योति ने शेलू पर ही पुत्र की हत्या का आरोप जडम्ते हुए थाना हाईवे में उसके खिलाफ अपहरण का मुकदमा दर्ज करा दिया। ज्योति की यही गलती उस पर भारी पडम् गई। पुलिस ने शेलू को पकडम् कर हत्या का राज फाश कर दिया। 

हत्यारिन मां लगातार करती रही पैरवी
मथुरा। हत्या की साजिश रचने वाली ज्योति बेटे का पता लगाए जाने के लिए लगातार पुलिस के चक्कर काटती रही। इसका मुख्य कारण था कि उसकी इस हरकत से पुलिस का शक उस पर नहीं जाएगा। लेकिन सुपारी की तय रकम अदा नहीं किए जाने को लेकर उपजे विवाद ने उसकी योजना पर पानी फेर दिया। 

राज खुलने के डर से बंद की पैरवी
मथुरा। पुत्र के अपहरण की पैरवी को ज्योति ने कुछ दिन पहले करीब करीब बंद कर दिया था। उसे लगने लगा था कि अधिक पैरवी करना घातक हो सकता है। यही वजह रही कि ज्योति पुलिस को गुमराह करती रही। लेकिन लक्ष्मीपुरम कालोनी में ज्योति और भोलेबाबा के संबंधों को लेकर होने वाली चर्चाओं ने पुलिस को हत्यारों तक पहुंचा दिया।  

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