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बिहार को आम बजट से स्पेशल दर्जा और स्पेशल पैकेज की उम्मीद

झारखंड बंटवारे के समय से ही बिहार के लोगों की मांग है कि बिहार को विशेष दर्जा और स्पेशल पैकेज मिले। स्वयं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लोकसभा चुनाव के दौरान बिहार को स्पेशल दर्जा एवं स्पेशल पैकेज...

बिहार को आम बजट से स्पेशल दर्जा और स्पेशल पैकेज की उम्मीद
लाइव हिन्दुस्तान टीमFri, 27 Feb 2015 10:25 PM
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झारखंड बंटवारे के समय से ही बिहार के लोगों की मांग है कि बिहार को विशेष दर्जा और स्पेशल पैकेज मिले। स्वयं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लोकसभा चुनाव के दौरान बिहार को स्पेशल दर्जा एवं स्पेशल पैकेज देने की घोषणाएं की थी। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने भी श्री मोदी को पत्र लिखकर 14वें वित्त आयोग की अनुशंसा को स्वीकार किए जाने से बिहार को होने वाली आर्थिक क्षति की भरपाई की मांग की है।

आयोग की अनुशंसा से बिहार को मिलने वाली केंद्रीय सहायता 10.9 प्रतिशत से घटकर 9.6 प्रतिशत रह जाएगी। रघुराम राजन कमेटी की रिपोर्ट के आधार पर बिहार को विशेष सहायता मिलने की बात थी। केंद्र सरकार ने पिछड़ा क्षेत्र अनुदान निधि (बीआरजीएफ) के तहत दो हजार करोड़ प्रतिवर्ष देने की बात कही थी, वह राशि भी आम बजट में मिलने की उम्मीद है।

हालांकि आर्थिक विशेषज्ञों की मानें तो इस आम बजट से विशेष दर्जा मिलने की उम्मीद कम है। इसके स्थान पर बिहार को विशेष पैकेज का प्रावधान किया जा सकता है। उम्मीद है कि कृषि एवं औद्योगिक विकास, पर्यटन तथा उच्च शिक्षा में बेहतरी तथा बाढ़ से बचाव के मद्देनजर बिहार के लिए आम बजट में कुछ खास होगा।

बिहार को मिल सकती है सौगात
1- बिहार के कृषि कैबिनेट ने 1.50 लाख करोड़ खर्च होने का अनुमान किया है। इसे पंचवर्षीय योजना में शामिल करते हुए वित्तीय सहायता दी जा सकती है।
2- जल प्रबंधन के लिए केंद्रीय सहायता दी जा सकती है। इसमें कोसी आपदा से प्रभावित परिवारों के पुनर्वास के लिए विशेष सहायता शामिल हो सकती है।
3- शिक्षा का अधिकार कानून के तहत प्राथमिक से उच्च शिक्षा तक के विकास को लेकर वित्तीय सहायता प्रदान किए जाने की उम्मीद है।
4- स्वास्थ्य सुविधाओं के विकास को लेकर विशेष सहायता मिलने की उम्मीद है।
5- जीएसटी लागू करने के लिए ठोस कदम उठाए जा सकते हैं, जिससे बिहार सहित पिछड़े राज्यों को विशेष लाभ प्रदान की जा सकती है।
6- मेक इन इंडिया प्रोग्राम के तहत बजट में प्रावधान किए जा सकते हैं, जिससे बिहार में रोजगार सृजन की योजनाओं को क्रियान्वित किया जा सके।

क्या कहना है विशेषज्ञों का

रेल बजट को देखते हुए केंद्रीय आम बजट से बिहार को कुछ विशेष मिलने की उम्मीद नहीं है। फिर भी, बीआरजीएफ के तहत दो हजार करोड़ प्रतिवर्ष देने की बात की जा सकती है। बिहार को टैक्स इन्सेंटिव मिलने की भी उम्मीद है। इसके अतिरिक्त बिहार के ऋणों पर लगने वाले ब्याज की माफी की जा सकती है।
शैबाल गुप्ता, निदेशक, एशियन डेवलपमेंट एंड रिसर्च इंस्टीट्यूट (आद्री)

कृषि एवं सिंचाई के विकास को लेकर केंद्रीय बजट से सहायता मिलने की उम्मीद है। विशेष रूप से पलायन को रोकने के लिए खाद्य प्रसंस्करण उद्योगों के विकास की जरूरत है। औद्योगिक विकास के लिए ऊर्जा प्रक्षेत्र में निवेश चाहिए। विशेष रूप से वैकल्पिक ऊर्जा का विकास हो। राज्य में रिसर्च एंड डेवलपमेंट(आर एन डी) संस्थानों की कमी है, इसके लिए विशेष सहायता की जरूरत है। मेडिकल-इंजीनियरिंग एवं कौशल विकास के लिए बड़े स्तर पर संस्थानों की आवश्यकता को केंद्रीय बजट से पूरा किए जाने की उम्मीद करते हैं।
- डीएम दिवाकर, निदेश, एएनसिन्हा इंस्टीट्यूट, पटना

राज्य के विकास के लिए स्पेशल कैटेगरी एवं पैकेज मिलना चाहिए। इससे स्थानीय स्तर पर उद्योगों के विकास में सहायता मिलेगी।
ओपी साह, अध्यक्ष, बिहार चैंबर ऑफ कॉमर्स
 
केंद्र सरकार औद्योगिक सुधार कार्यक्रम को जारी रखेगी, तो उसका लाभ बिहार को मिलेगा। इसके अतिरिक्त जीएसटी लागू करने से दो प्रतिशत औद्योगिक विकास बढम्ने की उम्मीद की जा सकती है।
- सत्यजीत सिंह, अध्यक्ष, पीएचडी चैंबर ऑफ कॉमर्स, बिहार

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