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बेटियां बचाने का संकल्प लें डॉक्टर: स्मृति ईरानी

मानव संसाधन विकास मंत्री स्मृति जुबिन ईरानी ने कहा है कि देशभर के डॉक्टरों को बेटी बचाने का संकल्प लेना चाहिए। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ‘बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ’ का नारा...

बेटियां बचाने का संकल्प लें डॉक्टर:  स्मृति ईरानी
लाइव हिन्दुस्तान टीमSat, 31 Jan 2015 10:02 PM
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मानव संसाधन विकास मंत्री स्मृति जुबिन ईरानी ने कहा है कि देशभर के डॉक्टरों को बेटी बचाने का संकल्प लेना चाहिए। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ‘बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ’ का नारा दिया है। इसे साकार करने के लिए सभी को एकजुट होना होगा। बीएचयू के स्वतंत्रता भवन में शनिवार को डॉक्टरों के राष्ट्रीय सम्मेलन एनमोकॉन का उद्घाटन करते हुए स्मृति ने कहा कि कुछ लोग यह भ्रामक प्रचार कर रहे हैं कि गणित और विज्ञान का कोई भारतीय इतिहास नहीं है। इन लोगों को बताना होगा कि यह भारत का गौरव है और इसके लिए हमें व्यापक प्रसार-प्रचार करना होगा। इन्हें महान वैज्ञानिक अल्बर्ट आइंस्टीन का वह कथन याद दिलाना होगा, जिसमें उन्होंने कहा था कि भारत ने अगर शून्य और दशमलव नहीं दिया होता तो दुनिया गणित को हल ही नहीं कर पाती।

भारतीय मूल के एक प्रोफेसर मंजुल भार्गव का जिक्र करते हुए स्मृति ने बताया कि वह प्रिंस्टन में गणित पढ़ाते हैं। उनका कहना है कि यहां के लोग भारतीय पद्धति से यह विषय पढ़ना चाहते हैं। इसलिए हम भारत के इतिहास विरोधियों को बताएं कि तुम जिसका जश्न नहीं मनाते, पूरा विश्व उसे सलाम करता है। स्मृति ने कहा कि डॉक्टरों का यह सम्मेलन प्रधानमंत्री के संसदीय क्षेत्र में हो रहा है। यह गंगा किनारे बसा शहर है, इसलिए इसका महत्व काफी बढ़ जाता है। एनमोकॉन के कार्यकर्ताओं को सलाम करते हुए स्मृति ने कहा कि हर आपदा में ये अपनी परवाह किये बिना पीड़ितों की सेवा करते हैं।

समारोह की अध्यक्षता करते हुए बीएचयू के कुलपति प्रो. गिरीशचंद्र त्रिपाठी ने कहा कि किसी देश का निर्माण वहां के श्रेष्ठ नागरिक करते हैं, लेकिन राष्ट्र के चरित्र का निर्माण प्रतिभाएं करती हैं। इसी पर आने वाली पीढ़ियां गर्व करती हैं। छात्र अधिष्ठाता प्रो. एमके सिंह ने अतिथियों का स्वागत किया। संस्था के राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ. भरत अमीन और सचिव डॉ. सतीश मिड्ढा ने गतिविधियों की जानकारी दी।

मैं कुछ ज्यादा बोल सकती हूं

मानव संसाधन विकास मंत्री स्मृति ईरानी संबोधन के लिए आईं तो कहा कि मुझे सिर्फ दो मिनट बोलने का आदेश हुआ है। मैं इससे थोड़ा ज्यादा बोलना चाहती हूं। क्या मैं कुछ ज्यादा बोल सकती हूं। इसपर हॉल तालियों से गूंज उठा और सभी ने हां-हां कहकर मंत्री का स्वागत किया।

वह वीभत्स डॉक्टर
महाराष्ट्र के एक डॉक्टर का किस्सा स्मृति ने बड़े भावुक अंदाज में सुनाया। बताया कि डॉक्टर पर 1000 भ्रूण हत्या करने का आरोप था। लेकिन सबूत नहीं होने से कोई कार्रवाई नहीं हो पा रही थी। तब एक महिला पत्रकार ने एक गर्भवती समाजसेवी महिला के साथ मिलकर डॉक्टर के कुकृत्यों का पर्दाफाश किया। वह डॉक्टर के पास गई और समाजसेवी के गर्भ में पल रही बच्ची को मारने का आग्रह किया। डॉक्टर तैयार हो गया। तब पत्रकार ने पूछा कि आप अबतक 1000  कन्या भ्रूण हत्या कर चुके हैं और किसी को पता तक नहीं चला। डॉक्टर उन्हें अपने नर्सिंग होम के एक कमरे में ले गया। वहां उसने कहा कि इसके अंदर तुम्हें कोई सबूत नहीं मिलने का रहस्य दिखाई देगा। महिलाओं ने अंदर देखा तो वहां दो खूंखार कुत्ते बैठे थे। डॉक्टर ने बताया कि वह निकाले गये कन्या भ्रूण इन्हें खिला देता है। स्मृति ने कहा कि ऐसे डॉक्टरों का हमें सामाजिक बहिष्कार करना होगा।

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