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बाघ मारने को चीनी तस्करों से मिला था एडवांस

हिन्दुस्तान एक्सक्लूसिव साहूवाला वन रेंज से पकड़े गए बावरिया गिरोह से पूछताछ में बड़ा खुलासा हुआ है। यह गिरोह वन क्षेत्र में बाघ का शिकार करने आया था, जिसे चीन के वन्य जीव तस्करों से एडवांस में आठ...

बाघ मारने को चीनी तस्करों से मिला था एडवांस
लाइव हिन्दुस्तान टीमThu, 29 Jan 2015 12:18 AM
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हिन्दुस्तान एक्सक्लूसिव
साहूवाला वन रेंज से पकड़े गए बावरिया गिरोह से पूछताछ में बड़ा खुलासा हुआ है। यह गिरोह वन क्षेत्र में बाघ का शिकार करने आया था, जिसे चीन के वन्य जीव तस्करों से एडवांस में आठ लाख रुपये मिले थे। इस गिरोह को बाघों के अंग नेपाल में पहुंचाने थे। 

वाइल्ड लाइफ क्राइम के डिप्टी डायरेक्टर निशांत वर्मा की अगुवाई में तहकीकात के लिए आई टीम को छानबीन में बावरिया गिरोह से बरामद मोबाइल और कागजातों के तार चीनी तस्करों से जुड़े मिले। 25 जनवरी की रात में साहूवाला वन रेंज से पकड़े गए इस गिरोह ने पूछताछ में बताया कि उन्हें दो बाघों के अंग नेपाल में एक ठिकाने पर पहुंचाने थे। इसके बदले उन्हें आठ लाख रुपये एडवांस मिले थे। निशांत वर्मा के अनुसार चीन में शक्तिवर्धक दवाओं में बाघ के अंगों का इस्तेमाल होता है। टाइगर की हड्डी और कुछ अन्य अंगों से तैयार शक्तिवर्धक दवाओं का सेवन आमतौर पर खिलाड़ी करते हैं। इस कारण इसके दाम काफी अधिक हैं। धामपुर वन क्षेत्र के रेंजर प्रताप सिंह ने बताया कि पूछताछ में गिरोह ने कबूला है कि उन्हें बाघ के अंगों को नेपाल तक पहुंचाना था। यहां से जीव तस्करों से मोटी रकम मिलनी थी, लेकिन सतर्कता के चलते कोई वन्य जीव हानि होने से टल गई।

साहूवाला वन रेंज के पास ही तस्करों का ठिकाना मिलना इसका प्रमाण है कि यहां बाघ का शिकार होना था। लेकिन विभाग की सतर्कता से जंगल में साजिश सफल न हो सकी है। पकड़े गए आरोपी बावरिया गिरोह के कुख्यात हैं, जिन्हें नेपाल के रास्ते चीनी तस्करों तक बाघों के अंग पहुंचाने थे।
- विजय सिंह, डीएफओ, बिजनौर

बाघ के भ्रम में बावरिया गिरोह ने मार डाला गुलदार!
बिजनौर। दुष्यंत चौधरी
बावरिया गिरोह के खुलसे के बाद उत्तराखंड सीमा पर मिले गुलदार के शव के मामले में अधिकारियों को संदेह है कि यह भी इस गिरोह का शिकार न बन गया हो, वन विभाग की टीम इस सिलसिले में जांच कर रही है।
25 जनवरी की रात उत्तराखंड बॉर्डर पर एक गुलदार का शव मिला था। उसके शरीर पर चोट के निशानों से माना जा रहा है कि उसे शिकारियों ने मारा है। वनकर्मियों का मानना है कि बावरिया गिरोह ने साहूवाला वन रेंज में टाइगर मारने को जाल बिछाया होगा, जिसमें गुलदार फंस गया। लेकिन वह किसी तरह भाग निकला और उत्तराखंड सीमा तक पहुंचते-पहुंचते उसने दम तोड़ दिया। एसीएफ सलिल कुमार शुक्ला के मुताबिक गुलदार की मौत में बावरिया गिरोह की संलिप्तता की जांच की जा रही है।

बरामद जखीरा बड़े शिकार का गवाह
बिजनौर। एसीएफ सलिल कुमार शुक्ला के मुताबिक, बावरिया गिरोह से वन विभाग ने 6 खटके, एक प्लास, बरछी, सूमे, छेनी, हथोड़ा बरामद किया है। गिरोह से बरामद हुए जखीरा से वन विभाग अधिकारी बड़ा शिकार होना मान रहे है।

चीन से मांगे जा रहे बाघ के अंग
वाइल्ड लाइफ क्राइम कंट्रोल डिप्टी डायरेक्टर निशांत वर्मा के मुताबिक चीन में शक्ति वर्धक दवाओं में बड़े पैमाने पर टाइगर के अंगों का इस्तेमाल हो रहा है। उन्होंने कहा कि जो गिरोह जंगल में पकड़ा गया, वह बाघ का शिकार करता, लेकिन एसटीएफ के सर्विलांस से वन विभाग ने गिरोह को पहले ही पकड़ लिया। उनके मुताबिक गिरोह को नेपाल तक टाइगर के अंग पहुंचाने थे, इसके बदले उन्होंने चीन में बैठे तस्करों से एडवांस लेना भी कबूला है, इस आधार पर सभी वन अधिकारियों को अलर्ट किया गया है।


गिरफ्त में गिरोह
1-जैना उर्फ जानकी पत्नी हरद्वारी निवासी पंचकुला हरियाणा
2- करण निवासी खिजरपुर थाना शेरकोट
3- मंगतियार निवासी सूरजपुर पंचकुला हरियाणा
4- हरपाल निवासी लुधियाना पंजाब
5- रमेश निवासी नालगढ़ हरियाणा
6- सीता निवासी डासना गाजियाबाद
7- रामचंद निवासी डासना गाजियाबाद

 

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