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जहानाबाद मंडल कारा में कैदियों ने जमकर हंगामा किया

 रविवार की सुबह जहानाबाद मंडल कारा में कैदियों ने जमकर हंगामा किया। इस दौरान कैदियों ने किचेन में प्रवेश कर चूल्हे तोड़ दिए तथा जेल परिसर में लगाए गए गमले को तोड़कर पुलिस पर रोड़ेबाजी की।...

जहानाबाद मंडल कारा में कैदियों ने जमकर हंगामा किया
लाइव हिन्दुस्तान टीमSun, 25 Jan 2015 10:08 PM
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 रविवार की सुबह जहानाबाद मंडल कारा में कैदियों ने जमकर हंगामा किया। इस दौरान कैदियों ने किचेन में प्रवेश कर चूल्हे तोड़ दिए तथा जेल परिसर में लगाए गए गमले को तोड़कर पुलिस पर रोड़ेबाजी की। स्थिति को नियंत्रण करने के लिए पुलिस को लाठीचार्ज करना पड़ा। इस घटना में दो पुलिसकर्मी के अलावा आधे दजर्न बंदी जख्मी हो गए। हंगामा होते ही जेल में पगली घंटी बजाई गई। बंदियों को वार्ड में भेजने के लिए पुलिस ने भी मोर्चा खोला। करीब आधे घंटे तक पुलिस तथा बंदियों के बीच झड़प होती रही। सूचना पाकर एसडीएम मनोरंजन कुमार, एएसपी अनिल कुमार सिंह, प्रभारी काराधीक्षक ललित कुमार समेत अन्य अफसर मंडल कारा पहुंचे। इधर इसके पहले ही पुलिसकर्मियों ने बल प्रयोग कर आंदोलित बंदियों को वार्ड में बंद कर दिया। वरीय अफसरों ने बंदियों से मुलाकात कर उन्हें समझाया। बाद में मामला शांत हुआ। जेल सूत्र से मिली जानकारी के अनुसार शनिवार को बंदियों ने जेल में सरस्वती पूजा की थी। इस दौरान बंदियों ने मंदिर निर्माण के लिए चबूतरा बनाने का प्रयास किया था। चबूतरा बनाने की सूचना मिलते ही जेल प्रशासन ने विरोध जताया। बताया जाता है कि रविवार की सुबह चबूतरा क्षतिग्रस्त तथा वहां पर लगाए गए महावीरी झंडा नहीं रहने पर दजर्नों बंदी आक्रोशित हो गए। बंदियों ने हंगामा करते हुए जेल प्रशासन के खिलाफ नारेबाजी की। इस दौरान पुलिस तथा बंदियों के बीच हुई झड़प में सिपाही गया यादव, धर्मेन्द्र प्रसाद मिश्र, बंदी राजकुमार यादव और संजय कुमार समेत आधे दजर्न बंदी जख्मी हो गए। घायलों का इलाज स्थानीय अस्पताल में कराया जा रहा है। इधर एसडीएम मनोरंजन कुमार व एएसपी अनिल कुमार सिंह ने बताया कि पूजा-पाठ पर कोई रोक नहीं था। कल बंदियों ने सरस्वती पूजा की थी। लेकिन शाम के समय उनलोगों ने मंदिर निर्माण के लिए चबूतरा बनाने का प्रयास किया था। एसडीएम का यह भी कहना था कि बंदी स्थाई मंदिर निर्माण के लिए चंदा भी कर रहे थे। विरोध के कारण ही बंदियों ने हंगामा किया। उन्होंने बताया कि मंडल कारा में स्थाई मंदिर का निर्माण करना कानून संगत नहीं है। सरकार के अनुमति के बाद ही मंडल कारा में मंदिर का निर्माण हो सकता है। इस घटना के कारण बंदियों से परिजनों की मुलाकात नहीं हो पाई।

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