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राम गंगा का पानी नहीं है पीने लायक

उत्तर प्रदेश में मुरादाबाद और इसके आसपास रामगंगा नदी का पानी पूरी तरह से दूषित हो गया है और अब यह नहाने धोने लायक भी नहीं बचा है। केंद्र सरकार ने नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल में दायर हलफनामे में यह...

राम गंगा का पानी नहीं है पीने लायक
लाइव हिन्दुस्तान टीमFri, 16 Jan 2015 09:20 PM
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उत्तर प्रदेश में मुरादाबाद और इसके आसपास रामगंगा नदी का पानी पूरी तरह से दूषित हो गया है और अब यह नहाने धोने लायक भी नहीं बचा है। केंद्र सरकार ने नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल में दायर हलफनामे में यह जानकारी दी है। रामगंगा नदी में प्रदूषण के लिए इसके सहायक नदियों में उद्योगों से निकलने वाले जहरीले पानी को प्रमुख कारण बताया गया है।

जस्टिस स्वतंतर कुमार की अध्यक्षता वाली पीठ के समक्ष दाखिल हलफनामे में केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण समिति ने रामगंगा नदी के पानी की गुणवत्ता से संबंधित जांच रिपोर्ट पेश की है। समिति ने जांच रिपोर्ट का हवाला देते हुए कहा है कि नदी के पानी में कई खतरनाक रसायनिक पदार्थ तय मात्र से अधिक मिले हैं। समिति ने कहा है कि अब नदी के पानी के लगातार निगरानी और इसे सही करने के लिए उचित कदम उठाया जा रहा है। समिति ने रामगंगा नदी के पानी में जहरीले रासायनिक पदार्थो की मौजूदगी के लिए सहायक नदियां ढेला, बहेला, कोसी के अलावा रामौर और मुरादाबाद के गंदे नालियों और उद्योगों से निकलने वाले गंदे पानी को जिम्मेदार बताया है। इसमें कहा गया है कि इन सहायक नदियों में उद्योगों और शहर के सीवेज का पानी सीधे बहा दिया जाता है जो आकर रामगंगा नदी में गिरता है।

केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण समिति ने यह हलफनामा रामगंगा नदी के पानी में उद्योगों से निकलने वाले जहरीले व खतरनाक रसायनिक पदार्थो की वजह से मछलियों में हो रहे कैंसर पर रोक लगाने की मांग को लेकर दाखिल याचिका के जवाब में कहा है। सामाजिक कार्यकर्ता अनिल कुमार सिंघल की ओर से अधिवक्ता बंसल ने ट्रिब्यूनल में कहा था कि पानी में प्रदूषण की वजह से मछलियों में कैंसर हो रहा है और नदी के मछली खाने से लोगों में कई तरह की बीमारियां हो रही है। उन्होंने ट्रिब्यूनल ने हस्तक्षेप कर केंद्र सरकार और उत्तर प्रदेश सरकार को नदी के पानी के प्रदूषण को कम करने और उद्योगों से निकलने वाले जहरीले पानी को शोधित किए बगैर नदी में बहाए जाने पर रोक लगाने की मांग की थी।

पानी में मौजूद हैं ये खतरनाक पदार्थ
नदी के पानी में जिंक, कैडमियम, क्रोमियम, हैवी मैटल, लैड और मर्करी मौजूद है। इन सभी पदार्थो के मिश्रण से पानी जहरील हो गया है।
 सिर्फ मुरादाबाद ही नहीं, बरैली, जलालाबाद, बदायूं में भी पानी दूषित है।

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