फोटो गैलरी

Hindi Newsदिल्ली पुलिस ने चलाया ऑपरेशन मिलाप

दिल्ली पुलिस ने चलाया ऑपरेशन मिलाप

  दिल्ली पुलिस ने ऑपरेशन मिलाप के तहत चलाए अभियान में राजधानी के विभिन्न आश्रमों में रह रहे 23 बच्चों को उनके परिवार से मिलाने में सफलता पाई है। ये बच्चे विभिन्न कारणों से अपने परिवार से...

दिल्ली पुलिस ने चलाया ऑपरेशन मिलाप
लाइव हिन्दुस्तान टीमTue, 30 Dec 2014 09:38 PM
ऐप पर पढ़ें


 
दिल्ली पुलिस ने ऑपरेशन मिलाप के तहत चलाए अभियान में राजधानी के विभिन्न आश्रमों में रह रहे 23 बच्चों को उनके परिवार से मिलाने में सफलता पाई है। ये बच्चे विभिन्न कारणों से अपने परिवार से बिछड़े हुए थे। इसमें छह साल के बच्चे से लेकर 18 साल के लड़के लड़कियां शामिल हैं।
दिल्ली पुलिस की अपराध शाखा के विशेष आयुक्त ताज हसन ने बताया कि राजधानी के गैर सरकारी संगठनों द्वारा संचालित आश्रमों में अपने परिवार से बिछड़े बच्चे रह रहे हैं। उन्होंने बताया कि इन बच्चों को अपने परिवार से मिलाने के लिए अपराध शाखा ने ‘ऑपरेशन मिलाप’ शुरू किया।
इस अभियान में सबसे बड़ी समस्या बच्चों के पते का पूरा दर्ज नहीं होना था। पुलिस ने बाल कल्याण समिति (सीडब्ल्यूसी) से अनुमति लेने के बाद बच्चों से सहानुभूति पूर्वक व्यवहार कर उनका विश्वास हासिल किया। इसके बाद बच्चों द्वारा बताए गए पते से उनके परिवार से संपर्क साधा गया।
ताज हसन ने बताया कि इस काम के लिए पुलिस की मानव तस्कर रोधी इकाई के डीसीपी दिनेश कुमार के नेतृत्व में इंस्पेक्टर विपिन भाटिया आदि के नेतृत्व में कई टीमें बनाई गईं थी। जिन बच्चों को अपने परिवार से मिलाया गया है वे मणिपुर, असम, उत्तर प्रदेश, बिहार आदि राज्यों से हैं।

चोरी के इल्जाम पर घर छोड़ आया था
गाजियाबाद के लोनी का रहने वाला असलम स्कूटर मकैनिक की दुकान में काम करता था। दो महीने पहले दुकान के मालिक ने असलम पर चोरी का आरोप लगाकर जेल भेजने की धमकी दी। इससे घबराए असलम ने घर छोड़ दिया। उसे एक गैर सरकारी संस्था के लोगों ने नई दिल्ली रेलवे स्टेशन पर देखा तो अपने आश्रम में ले आए। इसके बाद अपराध शाखा के अभियान में उसे अपने परिवार से मिलाया गया। पुलिस मुख्यालय पर मौजूद असलम की बुआ अफसाना ने पुलिस अधिकारियों का शुक्रिया अदा किया।

दादी ने डांटा तो घर छोड़ दिया
पुलिस ने एक 14 साल की किशोरी को अपने परिवार से मिलाया जो सिर्फ दादी के डांटने पर दिसंबर के प्रथम सप्ताह में घर छोड़कर दिल्ली चली आई थी। उसे एक सरकारी संस्था के लोगों ने अपने आश्रम में रखा। पुलिस के पूछने पर उसने किसी तरह अपना पता बताया। इसके बाद दिल्ली पुलिस ने जाैनपुर की स्थानीय पुलिस से संपर्ककर किशोरी को अपने परिवार से मिलाया।

मणिपुर से आई थी नौकरी करने के लिए
मणिपुर से 17 साल की किशोरी किसी अच्छी नौकरी की तलाश में दिल्ली आई थी। लेकिन प्लेसमेंट एजेंसी ने उसे घरेलू नौकरानी बनाकर छोड़ दिया। इस काम से नाराज किशोरी ने अपने नियोक्ता का घर छोड़ एक आश्रम में रहने लगी। किशोरी के पिता का देहांत हो गया था और मां ने किसी और के साथ शादी कर ली थी। अपराध शाखा ने लड़की के गांव के मुखिया से बातकर उसके परिजनों से मिलवाया।

हिन्दुस्तान का वॉट्सऐप चैनल फॉलो करें