यादाश्त पर भारी पड़ रहा किशोरों का ‘वजन’
वजन का ज्यादा होना यादाश्त में कमी की समस्या को भी जन्म दे रहा है। यह बात बड़ी संख्या में किशोरों की काउंसिलिंग से उजागर हुई है। जिन बच्चों ने बहुत पढ़ने के बाद भी ठीक से याद नहीं होने की परेशानी बताई...
वजन का ज्यादा होना यादाश्त में कमी की समस्या को भी जन्म दे रहा है। यह बात बड़ी संख्या में किशोरों की काउंसिलिंग से उजागर हुई है। जिन बच्चों ने बहुत पढ़ने के बाद भी ठीक से याद नहीं होने की परेशानी बताई उनमें से ज्यादातर का वजन सामान्य से ज्यादा निकला। वजन कम होने के बाद इन बच्चों ने स्मरण शक्ति में सुधार महसूस किया।
जिला और महिला अस्पताल में किशोर स्वास्थ्य परामर्श क्लीनिक पर किशोर अन्य मानसिक समस्याओं के साथ ही यादाश्त क्षमता अच्छी नहीं होने की परेशानी लेकर पहुंच रहे हैं। किशोर क्लीनिक के काउंसलर नेत्रपाल सिंह ने बताया कि इस तरह की समस्या लेकर आने वाले साठ फीसदी बच्चों का वजन सामान्य से ज्यादा दर्ज किया गया है। क्लीनिक में बच्चों का वजन मापा जाता है। ऐसे बच्चों ने पढ़ने बैठते ही सुस्ती महसूस होने की शिकायत सामने रखी। काउंसलर के मुताबिक ऐसे बच्चों को खानपान और खेलकूद की सलाह दी गई। जिन बच्चों ने इस पर अमल किया उनके वजन में कुछ कमी आई। इसके बाद उन्होंने यादाश्त क्षमता में काफी सुधार होने की बात बताई। उन्होंने कहा कि सामान्य तौर पर मोटापा बच्चों की स्मरण शक्ति में कमी आने का कारण बन रहा है। मोटापे से शरीर का उपापचय (मेटाबॉलिज्म सिस्टम) कमजोर होता है। जिसकी वजह से दिमाग में रक्तसंचार कम होने के कारण यादाश्त क्षमता घट जाती है।
लड़कियों में कारण बन रही आयरन की कमी
याद नहीं हो पाने की समस्या लेकर लड़कियां भी पहुंच रही हैं, लेकिन उनमें इसका कारण आयरन की कमी है। महिला अस्पताल स्थित किशोर क्लीनिक की काउंसलर हेमा सिंह ने बताया कि संपन्न घरों की लड़कियों में वजन ज्यादा होने की समस्या है, जबकि गरीब घरों की लड़कियां आयरन की कमी से पीड़ित हैं। उनकी यादाश्त में कमी का बड़ा कारण यही है। इसके कारण उनका मानसिक मनोबल भी कम हो जाता है। इसलिए उन्हें आयरन बढ़ाने वाली चीजें जैसे हरी पत्तेदार सब्जियां, फल, गुड़ से बनी चीजें खाने की सलाह दी जाती है।