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ठंड में शुरू हुआ कारोबार, हजारों को मिला रोजगार

धान की कटाई हो चुकी है। रबी की बुआई भी हो चुकी है। अब ग्रामीण इलाकों के मजदूरों को काम की तलाश है। संगम तट पर ऐसे तमाम लोगों को रोजगार मिल रहा है। कम पूंजी में आर्थिक रूप से कमजोर लोगों का भी कारोबार...

ठंड में शुरू हुआ कारोबार, हजारों को मिला रोजगार
लाइव हिन्दुस्तान टीमSat, 27 Dec 2014 08:07 PM
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धान की कटाई हो चुकी है। रबी की बुआई भी हो चुकी है। अब ग्रामीण इलाकों के मजदूरों को काम की तलाश है। संगम तट पर ऐसे तमाम लोगों को रोजगार मिल रहा है। कम पूंजी में आर्थिक रूप से कमजोर लोगों का भी कारोबार शुरू हो गया है।

मेले की तैयारी में लगे मेला प्रशासन, जल निगम, सिंचाइ बाढ़ प्रखंड, लोक निर्माण, बिजली व स्वास्थ्य विभाग में ही एक महीने से हजारों दैनिक मजदूर काम कर रहे हैं। इनकी तादाद अब बढ़ती ही जा रही है। मेले की सफाई के लिए ही एक हजार दैनिक सफाई कर्मियों की भर्ती चल रही है। इनमें छह सौ  दैनिक सफाईकर्मियों ने काम भी शुरू कर दिया है। इलाहाबाद, मिर्जापुर व चित्रकूट मंडलों के साथ मध्य प्रदेश रीवां, सतना व पन्ना जिलों के मजदूर भी मेला क्षेत्र में डेरा डाले हैं। छोटी पूंजी वाले पढ़े लिखे लोगों ने परेड मैदान में सड़क के फुटपाथों पर दुकान लगाना शुरू कर दिया है। मेला आबाद होने पर चार सेक्टरों में लगभग तीन हजार फुटपाथी दुकानें लग जाएंगी। कौशाम्बी, फतेहपुर, वाराणसी व मिर्जापुर जिलों से भी सैकड़ों नाविक अपनी नावें लेकर आ रहे हैं। जिले के ग्रामीण इलाकों के नाविक भी पहुंच रहे हैं। मेला शुरू होते ही घाटों पर माला- फूल व अन्य सामान बेचने वालों की भी कतार लग जाएगी। झूंसी इलाके के दजर्नों परिवार संतों की कुटिया व यज्ञ कुंज बनाने का ठेका ले रहे हैं। माघ मेला के नोडल अधिकारी एडीएम सिटी एसके शर्मा कहते हैं कि अध्यात्म की इस नगरी में परोक्ष व अपरोक्ष रूप से हजारों लोगों को एक महीने तक रोजगार मिल जाता है। कुछ परिवार तो ऐसे हैं जिनकी साल भर की कमाई का जरिया माघ मेला ही है।

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