नकल से नौकरी नहीं मिल सकती: अखिलेश यादव
मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने परीक्षाओं में नकल की बढ़ती प्रवृत्ति पर गहरी चिन्ता जताई है। उन्होंने कहा कि नकल संस्कृति बनती जा रही है, जिससे शिक्षा का स्तर गिर रहा है। विद्यार्थियों को समझना होगा कि...
मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने परीक्षाओं में नकल की बढ़ती प्रवृत्ति पर गहरी चिन्ता जताई है। उन्होंने कहा कि नकल संस्कृति बनती जा रही है, जिससे शिक्षा का स्तर गिर रहा है। विद्यार्थियों को समझना होगा कि नकल से नौकरी नहीं हासिल की जा सकती।
श्री यादव शनिवार को कालिदास मार्ग स्थित अपने सरकारी आवास पर आयोजित शिक्षक सम्मान समारोह में बोल रहे थे। उन्होंने कहा कि बहुत से अभिभावक ही अपने बच्चों को नकल कराने की कोशिश करते हैं। सांसद रहते हुए उन्होंने स्वयं ऐसा दृश्य देखा है। गुणवत्तापरक शिक्षा की वकालत करते हुए उन्होंने कहा कि सरकारों ने इस मामले में अपनी जिम्मेदारी का निर्वहन ठीक से नहीं किया। यही वजह है कि सबको समान शिक्षा का अवसर नहीं मिल सका।
मुख्यमंत्री ने कहा कि इस समारोह में बेसिक व माध्यमिक शिक्षा के मंत्री भी मौजूद हैं, उच्च शिक्षा विभाग स्वयं उन्हीं के पास है। तीनों लोग मिलकर प्रदेश में शिक्षा का स्तर सुधरने की कोशिश कर रहे हैं। एनसीआर में आने वाला उत्तर प्रदेश का एक हिस्सा तो शिक्षा के क्षेत्र में बहुत आगे हो गया है। इसे देश में शिक्षा का सबसे बड़ा ‘हब’ कहा जाने लगा है। इतना ही नहीं सरकार ने प्रदेश के हर गांव में लैपटॉप पहुंचा दिया।
श्री यादव ने कहा कि जमाना ‘ड्रीम्स’ का नहीं बल्कि ‘डिजाइनर ड्रीम्स’ का है। कोई भी सरकार यदि अपने काम की ‘मार्केटिंग’ नहीं कर पाएगी तो असफल हो जाएगी। देश में बड़ी संख्या में बेरोजगार हैं। उनके पास नौकरियां भले नहीं हैं लेकिन वोट की ताकत है। एक पार्टी के लोग 24 घंटे बिजली और हर युवा को रोजगार देने का वायदा करके सत्ता में आ गए हैं। जनता अब उनकी हकीकत से परिचित हो गई है।
इन शिक्षकों का किया सम्मान
मुख्यमंत्री ने चंद्रशेखर आजाद कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय कानपुर के कुलपति प्रो. मुन्ना सिंह, लखनऊ विश्वविद्यालय के भू-विज्ञान विभाग के प्रो. ध्रुवसेन सिंह व डॉ. राम मनोहर लोहिया अवध विश्वविद्यालय फैजाबाद के पर्यावरण विज्ञान विभाग के सेवानिवृत्त अध्यक्ष प्रो. जीसी पांडेय को ‘सरस्वती पुरस्कार’ प्रदान किया। इसके अलावा लखनऊ विश्वविद्यालय के वाणिज्य विभाग के अध्यक्ष डॉ. सोमेश कुमार शुक्ला, एंथ्रोपोलॉजी विभाग के एसोसिएट प्रोफेसर डॉ. उदय प्रताप सिंह, अरबी कल्चर के एसोसिएट प्रोफेसर डॉ. निसार अहमद आजमी, राजकीय महाविद्यालय इन्दुपर देवरिया के सेवाविनृत्त प्राचार्य डॉ. गुलाब शंकर लाल, हरिश्चंद्र पीजी कॉलेज वाराणसी के एसोसिएट प्रोफेसर डॉ. बलबीर सिंह व आरएन इंस्टीट्यूट ऑफ माडर्न मैनेजमेंट एजूकेशन एंड रिसर्च मेरठ के प्राचार्य डॉ. हरेन्द्र सिंह को उन्होंने ‘शिक्षकश्री’ पुरस्कार प्रदान किया।