बर्ड फ्लू के कारण सुखना झील परिसर में घेराबंदी
चंडीगढ़ की सुखना झील में एक मृत बत्तख के एच-5एन-1 संक्रमित पाए जाने के बाद गुरुवार सुबह झील परिसर में घेराबंदी कर दी गई। पूरे इलाके की घेराबंदी के लिए पुलिस और अर्धसैनिक बल अपने मुंह पर मास्क पहनकर...
चंडीगढ़ की सुखना झील में एक मृत बत्तख के एच-5एन-1 संक्रमित पाए जाने के बाद गुरुवार सुबह झील परिसर में घेराबंदी कर दी गई। पूरे इलाके की घेराबंदी के लिए पुलिस और अर्धसैनिक बल अपने मुंह पर मास्क पहनकर झील परिसर में तैनात रहे। घेराबंदी में सुबह के समय झील परिसर में सैर करने आने वाले लोगों व अन्य आगंतुकों को झील परिसर से दूर रखा गया।
झील परिसर में तैनात पुलिस अधिकारियों ने बताया कि परिसर कम से कम दो दिनों तक सभी आगंतुकों के लिए बंद रहेगा। वन्यजीव एवं पशुपालन विभाग के अधिकारी, शहर में बर्डफ्लू फैलने से रोकने के लिए झील की बत्तखों और कलहंसों को मारना शुरू कर सकते हैं।
हाल के दिनों में झील के कम से कम 30 बत्तखों और कलहंसों की रहस्यमय स्थितियों में मौत हो चुकी है। सुखना झील में लगभग 250 बत्तखें और कलहंस हैं, जो पर्यटकों के आकर्षण का केंद्र हैं। भोपाल स्थित नेशनल इंस्टीटय़ूट ऑफ हाई सिक्योरिटी एनिमल डिजीज (एनआईएचएसएडी) द्वारा बुधवार को झील की एक मृत बत्तख के नमूने में एच-5एन-1 वायरस मौजूद होने की पुष्टि की गई।
झील में पिछले 10 दिनों से बत्तखों की मौत हो रही थी। शुरुआत में अधिकारियों को लगा था कि बत्तखें खाद्य विषाक्तता या ज्यादा खाने के कारण मर रही हैं। चंडीगढ़ प्रशासन के एक प्रवक्ता ने बताया कि वर्तमान में चंडीगढ़ में बर्डफ्लू फैलने से संबंधिक कोई मूल्यांकन नहीं हुआ है। हालांकि स्थिति पर करीबी नजर रखी जा रही है।
प्रवक्ता ने बताया कि जनता से अपील है कि वह प्रशासन का सहयोग करे। सुखना झील, पंजाब और हरियाणी की राजधानी तथा केंद्र शासित प्रदेश चंडीगढ़ के उच्च सुरक्षा वाले क्षेत्र में स्थित है। हरियाणा व पंजाब के राज्यपालों, वरिष्ठ अधिकारियों और अन्य प्रभावी लोगों के निवास झील परिसर के निकट ही स्थित हैं।