खनन मंत्री गायत्री के खिलाफ जारी रहेगा द्विवेदी का संघर्ष
खनन मंत्री गायत्री प्रसाद प्रजापति की लोकायुक्त से शिकायत करने वाले प्रतापगढ़ के ओम शंकर द्विवेदी का कहना है कि प्रजापति की मंत्रिमंडल से बर्खास्तगी और विधानसभा से सदस्यता समाप्त होने तक उनका संघर्ष...
खनन मंत्री गायत्री प्रसाद प्रजापति की लोकायुक्त से शिकायत करने वाले प्रतापगढ़ के ओम शंकर द्विवेदी का कहना है कि प्रजापति की मंत्रिमंडल से बर्खास्तगी और विधानसभा से सदस्यता समाप्त होने तक उनका संघर्ष जारी रहेगा। जानमाल को खतरा होने की आशंका के बावजूद वह पीछे नहीं हटेंगे। वह अपनी शिकायत लेकर राज्यपाल और हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश के पास भी जाएंगे।
शनिवार को अपने अधिवक्ता अजय प्रताप सिंह राठौर के साथ पत्रकारों से बातचीत करते हुए द्विवेदी ने कहा कि राज्यपाल ने मुलाकात का समय दे दिया है। वह उन्हें पूरे प्रकरण से अवगत कराएंगे और वर्ष 2012 के विधानसभा चुनाव में नामांकन के दौरान जिला निर्वाचन अधिकारी के समक्ष दिए झूठे शपथ पत्र के आधार पर श्री प्रजापति के खिलाफ कार्रवाई की मांग करेंगे। उन्होंने कहा कि लोकायुक्त न्यायमूर्ति एनके मेहरोत्र ने उन्हें 22 दिसम्बर को बुलाया है। वह जो भी साक्ष्य मांगेंगे, उन्हें दिया जाएगा। खनन मंत्री की परिसम्पत्तियों के सम्बन्ध में लोकायुक्त को और भी दस्तावेज सौंपे जाएंगे, क्योंकि उन्हें देश के विभिन्न प्रांतों में मौजूद उनकी सम्पत्तियों के बारे में भी लगातार जानकारी मिल रही है।
मुख्यमंत्री अखिलेश यादव की सराहना करते हुए श्री द्विवेदी ने विश्वास जताया कि वह खुद ही इस मामले का संज्ञान लेकर खनन मंत्री के खिलाफ कार्रवाई करेंगे। खनन मंत्री के स्पष्टीकरण से भी साबित हो रहा है कि उन्होंने झूठा शपथ पत्र दिया था। उनका कहना है कि वह ‘ए’ श्रेणी के ठेकेदार और एमजीए कालोनाइजर्स के निदेशक थे, जबकि यह बात शपथ पत्र में छिपाई गई है। यह जांच का विषय है कि मात्र दो वर्षो में मंत्री के परिवारीजनों और रिश्तेदारों के नाम इतनी परिसम्पत्तियां कहां से आ गईं? द्विवेदी ने दावा कि वह श्री प्रजापति को 20 वर्षो से जानते हैं। वर्ष 2002 तक उनका परिवार बीपीएल श्रेणी में था। इस समय खनन मंत्री की कुल सम्पत्तियों की कीमत बाजार दर के हिसाब से एक हजार करोड़ रुपए से अधिक है।