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रेलवे भर्ती परीक्षा में नकल कराने वाला गैंग गिरफ्तार

रेलवे भर्ती प्रकोष्ठ की ग्रुप-डी परीक्षा में नकल कराने वाले गैंग का एसटीएफ लखनऊ की टीम ने रविवार को भंडाफोड़ कर दिया। सुभाष चौराहे के पास से एसटीएफ की टीम ने गैंग के चार सदस्यों को 20 आंसर सीट की...

रेलवे भर्ती परीक्षा में नकल कराने वाला गैंग गिरफ्तार
लाइव हिन्दुस्तान टीमSun, 23 Nov 2014 10:20 PM
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रेलवे भर्ती प्रकोष्ठ की ग्रुप-डी परीक्षा में नकल कराने वाले गैंग का एसटीएफ लखनऊ की टीम ने रविवार को भंडाफोड़ कर दिया। सुभाष चौराहे के पास से एसटीएफ की टीम ने गैंग के चार सदस्यों को 20 आंसर सीट की फोटो स्टेट कॉपियों के साथ पकड़ा। गैंग के सदस्यों के मोबाइल को एसटीएफ ने कई दिनों से सर्विलांस लगा रखा था। दो दिन से इनकी लोकेशन शहर में मिल रही थी।

सर्विलांस पर मिल रही लोकेशन के आधार पर लखनऊ एसटीएफ की पांच सदस्यीय टीम शनिवार को ही शहर में आ गई थी। वह नकल कराने वाले गैंग को दबोचने की तैयारी कर ही रही थी कि तभी मैनपुरी के एक अभ्यर्थी दीपक यादव की गैंग के सदस्यों से रुपयों के लेनदेन को लेकर सुभाष चौराहे पर मारपीट हो गई। इसके बाद दीपक परीक्षा देने झूंसी स्थित सेंटर पर चला गया। वहीं उसका छोटा भाई संजय यादव मामले की शिकायत करने सिविल लाइंस थाने पहुंच गया। सिविल लाइंस पुलिस गैंग तक पहुंचती इससे पहले ही एसटीएफ ने चारों को सुभाष चौराहे से दबोच लिया।

नकल माफियाओं के पास से पुलिस ने एक वैगन आर कार, आंसर सीट की 20 कॉपियां, 7 मोबाइल, एक टेबलेट, 12 सिम, 7 एटीएम कार्ड, 37 हजार रुपए नकद बरामद किए हैं। पकड़े गए युवकों की पहचान अमिलहवां कला, मेजा के इमरान अली, खीरी थाने के शेरहीर गांव के बालेश्वर कुमार अंबेडकर, प्रतापगढ़ के कंधई थाने के मगरौरा गांव के अवनीश पांडेय उर्फ अंकित और रैया, प्रतापगढ़ के प्रमोद पटेल के रूप में हुई है।  

पूछताछ में युवकों ने बताया कि वह एक हजार रुपए में आंसर सीट बेच रहे थे। अब तक 14 लोगों को वह आंसर सीट बेच चुके हैं। कुछ छात्र ही उनके पास अभ्यर्थियों को लेकर आते थे। आंसर सीट हाथ से लिखी होने के कारण उनकी सत्यता पर पुलिस ने सवाल खड़े किए हैं। आरआरसी के पास इन्हें मिलान के लिए भेजा गया है।

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