एनएचएआई में महाप्रबंधकों की भर्ती प्रक्रिया रद्द
सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रलय ने भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (एनएचएआई) में महाप्रबंधकों (सीजीएम) की भर्ती प्रक्रिया को रद्द कर दिया है। महाप्रबंधकों की भर्ती के अधिकार एनएचएआई से छीनकर...
सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रलय ने भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (एनएचएआई) में महाप्रबंधकों (सीजीएम) की भर्ती प्रक्रिया को रद्द कर दिया है। महाप्रबंधकों की भर्ती के अधिकार एनएचएआई से छीनकर परिवहन मंत्रलय ने अपने पास रख लिए हैं।
परिवहन मंत्रलय और एनएचएआई के बीच चल रहे घमासान के कारण सरकार के 30 किलोमीटर प्रतिदिन सड़क बनाने के सपने को झटका लग सकता है। एनएचएआई में वर्तमान में 16 महाप्रबंधकों के पद रिक्त हैं। महाप्रबंधकों की भर्ती के लिए विभाग ने इसी साल विज्ञापन जारी किया था, आवेदन करने की अंतिम तारीख 30 जून थी। लेकिन सड़क परिवहन मंत्रलय और एनएचएआई अध्यक्ष आरपी सिंह के बीच चल रही खींचतान के कारण रिक्त पदों पर भर्ती नहीं हो सकी है। मंत्रलय ने 11 नवंबर को आदेश जारी करते हुए उक्त भर्ती प्रक्रिया को निरस्त कर दिया।
अब महाप्रबंधकों के चयन प्रक्रिया, विज्ञापन जारी करने और स्क्रीनिंग (जांच) के अधिकार एनएचएआई के स्थान पर सड़क परिवहन मंत्रलय के आधीन होंगे। देशभर में चालू राजमार्ग परियोजनाओं को पूरा कराने का काम एनएचएआई महाप्रबंधकों के कंधों पर होता है। महाप्रबंधक राज्य सरकारों से समन्वय बनाने सहित भूमि अधिग्रहण, वन विभाग की मंजूरी, पेयजल पाइप लाइन-बिजली के खंभे हटाने और अन्य जनसुवधिाएं हटाने में अहम भूमिका निभाते हैं। मंत्रलय के इस फैसले से महाप्रबंधकों की भर्ती में और वक्त लग सकता है। इसका असर राष्ट्रीय राजमार्ग परियोजनाओं पर पड़ेगा। सरकार ने 30 किलोमीटर प्रतिदिन राष्ट्रीय राजमार्ग बनाने का लक्ष्य रखा है। लेकिन छह माह में अभी महज 200 किलोमीटर सड़कें बनी हैं।
अधिकार कम करना तकनीकी तौर पर गलत
केंद्र सरकार ने तेजी से राष्ट्रीय राजमार्गों को बनाने के लिए स्वायत्त संगठन एनएचएआई का गठन किया था। एनएचएआई एक्ट 1998 के तहत विभाग को तमाम शक्तियां प्रदान की गईं। एक्ट के सेक्शन 9 में महाप्रबंधकों और उसके नीचे के अधिकारियों की भर्ती का अधिकार एनएचएआई बोर्ड के पास है। जानकारों का कहना है कि सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रलय ने सेक्शन 9 को समाप्त किए बगैर सेक्शन 33 को लागू कर महाप्रबंधकों की भर्ती के अधिकार एनएचएआई से छीनना तकनीकी रूप से सही नहीं है।
एनएचएआई बोर्ड की शक्तियां होंगी कम
सड़क परिवहन मंत्रलय के इस फैसले से एनएचएआई बोर्ड की शक्तियां कम होंगी। महाप्रबंधकों पर एनएचएआई के बजाए सड़क परिवहन मंत्रलय का दबाव होगा। मंत्रलय उनकी नियुक्ति व तबादला कर सकता है। इस बारे में जानने के लिए सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रलय के सचिव विजय छिब्बर के कार्यायल में फोन पर संपर्क किया गया। लेकिन उन्होंने बात करने से मना कर दिया। वहीं, एनएचएआई के अध्यक्ष आरपी सिंह से उनके मोबाइल नंबर पर कई बार संपर्क किया गया। लेकिन उनसे बात नहीं हो सकी।