13 दिन के अंतराल में हुई हैं तीनों हत्याएं
करीब तेरह दिन के अंतराल पर हुईं एक इलाके में हत्या की तीन घटनाएं होने से आशंका है कि इस इलाके में लुटेरों का कोई गिरोह सक्रिय है। एक वारदात में तो बदमाशों ने गाड़ी लूट की वारदात को अंजाम दिया था।...
करीब तेरह दिन के अंतराल पर हुईं एक इलाके में हत्या की तीन घटनाएं होने से आशंका है कि इस इलाके में लुटेरों का कोई गिरोह सक्रिय है। एक वारदात में तो बदमाशों ने गाड़ी लूट की वारदात को अंजाम दिया था। तीनों ही मामलों में पुलिस सुराग नहीं लगा सकी है। जिससे मृतकों के परिजनों के दुख का पहाड़ कम होने का नाम नहीं हो पा रहा है।
कैसे माना जा रहा है एक गिरोह की करतूत : तीनों लोगों की हत्या गला दबाकर की गई थी। आदित्य और राममूर्ति के शवों को तो टाउन नंबर-चार में ठिकाने लगाया गया था, जबकि तारिक नसीम के शव को यहां से एक-दो किलोमीटर दूर बड़खल पुल के नीचे ठिकाने लगाया गया था। तीनों में मृतकों का सामान का खंगाला गया था। एक में मोबाइल तो दूसरी वारदात में गाड़ी लूटी गई थी। क्राइम ब्रांच सूत्रों के मुताबिक दो वारदातों में बदमाश ऑटो में सवार होकर फरार हुए थे तो एक अन्य में लूटी गई जायलो गाड़ी में बैठकर फरार हुए थे
आदित्य हत्याकांड : हत्या की सबसे पहली घटना 24 सितंबर को हुई थी। घटना वाली रात को बदमाशों ने सेक्टर-सात निवासी 25 वर्षीय आदित्य की हत्या कर शव को टाउन नंबर-चार में भूजल भवन के पीछे बनी झाड़ियों में फेंक दिया गया था। घटना के बाद से मृतक मां सुनैना देवी और पिता सुरेश ठाकुर की तभी से तबीयत खराब है। मृतक के भाई अविनाश ने बताया कि पुलिस कमिश्नर अरशिंदर सिंह चावला ने पांच दिन में वारदात सुलझाने का दावा किया था। पुलिस उनकी भाई की हत्या को गंभीरता से नहीं ले रही है। पुलिस की यह कार्यशैली सिर्फ इसलिए है क्योंकि उनकी कोई सिफारिश नहीं है।
राममूर्ति हत्याकांड : पांच अक्तूबर को बदमाशों ने देर रात नेहरू कॉलोनी निवासी राममूर्ति से जायलो गाड़ी लूटने के बाद उनकी हत्या कर दी थी। शव को टाउन नंबर-चार की झाड़ियों में फेंक दिया था। बाद में गाड़ी ओल्ड फरीदाबाद रेलवे स्टेशन के पास लावारिश हालत में खड़ी मिली थी।
तारिक नसीम हत्याकांड : 18 अक्तूबर को दिल्ली अशोक नगर निवासी 28 वर्षीय टेक्नीशियन तारिक नसीम की अज्ञात लोगों ने हत्या कर शव को बड़खल पुल के नीचे ठिकाने लगा दिया था। 18 की रात करीब नौ बजे वह दिल्ली से डबुआ कॉलोनी में रहने वाले अपने मौसा शेराज आलम के घर जा रहा था। 19 अक्तूबर को शव पड़े होने की सूचना पुलिस को मिली थी।
‘पुलिस अपने स्तर पर जांच कर रही है। लेकिन अभी तक बदमाशों का कुछ पता नहीं चल पा रहा है। पुलिस अपने तमाम प्रयास कर रही है’
फूल कुमार, डीसीपी एनआईटी