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दवा खरीद में सरकार ने दी नीतीश कुमार को क्लीन चीट

पटना। हिन्दुस्तान ब्यूरो। राज्य सरकार ने दवा घोटाले में पूर्व मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को उनके स्वास्थ्यमंत्रित्व काल को लेकर क्लीन चिट दे दी है। पूर्व उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी ने नीतीश कुमार को...

दवा खरीद में सरकार ने दी नीतीश कुमार को क्लीन चीट
लाइव हिन्दुस्तान टीमSat, 18 Oct 2014 12:52 AM
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पटना। हिन्दुस्तान ब्यूरो। राज्य सरकार ने दवा घोटाले में पूर्व मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को उनके स्वास्थ्यमंत्रित्व काल को लेकर क्लीन चिट दे दी है। पूर्व उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी ने नीतीश कुमार को इसके लिए जिम्मेवार ठहराते हुए उनसे 14 सवाल पूछे थे। इन सवालों के मद्देनजर नीतीश कुमार ने राज्य के मुख्य सचिव से पत्र लिखकर जवाब मांगे थे। नीतीश के पत्र का करीब एक महीने बाद जवाब आया। इसे नीतीश कुमार ने अपने फेसबुक पर सार्वजनिक किया है।

राज्य के मुख्य सचिव अंजनी कुमार सिंह ने सुशील मोदी के सवालों का बिंदुवार जवाब नीतीश कुमार को इस माह 11 अक्टूबर को भेजा। साथ ही नीतीश द्वारा मांगी गई जानकारी भी मुख्य सचिव ने सरकार की ओर से उन्हें उपलब्ध कराई है। श्री मोदी के 11 नंबर सवाल पर नीतीश कुमार ने टिप्पणी की है- सुशील जी, मैं कोई मैरेज ब्यूरो तो चलाता नहीं। इस प्रश्न में श्री मोदी ने संजय कुमार को जदयू के एक वरीय नेता का रिश्तेदार होने को लेकर जानकारी मांगी थी।

इस मुद्दे पर मुख्य सचिव ने साफ किया है कि सरकार को इसकी कोई जानकारी नहीं है। दवा खरीद को लेकर मुख्य सचिव ने साफ किया है कि दवा क्रय की निविदा को लेकर संचिका पर स्वास्थ्य मंत्री का अनुमोदन अपेक्षित नहीं था। अत: इस संबंध में कभी भी विभागीय मंत्री का अनुमोदन प्राप्त नहीं किया गया।

सुशील मोदी के सवाल के जवाब में कहा गया है कि चूंकि दवा व चिकित्सकीय उपकरण खरीद की पूरी जिम्मेवारी राज्य स्वास्थ्य समिति और बिहार चिकित्सा सेवा आधारभूत संरचना निगम लिमिटेड की थी, इससे स्वास्थ्य मंत्री का कोई लेना देना नहीं था। इसलिए तत्कालीन मुख्यमंत्री नीतीश कुमार, जो स्वास्थ्य मंत्री के भी प्रभार में थे, उनका इस खरीद से कोई लेना-देना नहीं था।

न तो इससे संबंधित कोई फाइल उनके पास गई, न कोई अनुमोदन उन्होंने किया और न ही कोई आदेश उनसे लिया गया। पत्र में संजय कुमार के बारे में विस्तृत जानकारी दी गई है। वे किस सेवा के अधिकारी है, कितने दिन की उनकी प्रतिनियुक्ति रही है। कैसे भारत सरकार में उप सचिव में प्रोन्नत होने के बाद 13 अगस्त को राज्य सेवा से उन्हें विरमित किया गया।

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