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बेसिल मामले की डीसी ने की सीबीआई जांच की सिफारिश

धनबाद, प्रियेश कुमार। नन बैंकिंग कंपनी बेसिल के मामले ने सीबीआई जांच की सिफारिश की की गई है। डीसी प्रशांत कुमार ने सोमवार को प्रस्ताव विधानसभा अध्यक्ष शशांक शेखर भोक्ता को सौंपा...

बेसिल मामले की डीसी ने की सीबीआई जांच की सिफारिश
लाइव हिन्दुस्तान टीमTue, 14 Oct 2014 12:57 AM
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धनबाद, प्रियेश कुमार। नन बैंकिंग कंपनी बेसिल के मामले ने सीबीआई जांच की सिफारिश की की गई है। डीसी प्रशांत कुमार ने सोमवार को प्रस्ताव विधानसभा अध्यक्ष शशांक शेखर भोक्ता को सौंपा है।

उन्होंन ननबैंकिंग कंपनियों (एनबीएफसी) की संपत्ति जब्त करने के लिए कानून बनाने की अनुशंसा भी विधानसभा अध्यक्ष से की है। सोमवार को बेसिल मामले की रांची में समीक्षा बैठक थी। विधानसभा अध्यक्ष की मौजूदगी में हुई बैठक में धनबाद के डीसी ने बेसिल के खिलाफ की गई अब तक की कार्रवाइयों का ब्योरा भी सौंपा। बेसिल पर जिले के 25 हजार से भी अधिक लोगों (निवेशकों) को पांच सौ करोड़ की चपत की चपत लगाने का आरोप है। बेसिल के मामले को निरसा के विधायक अरूप चटर्जी ने विधानसभा में उठाया था और व्यापक जांच की मांग की थी।

बैठक में विधानसभा अध्यक्ष को बताया गया कि कंपनी के खिलाफ पुलिस कार्रवाई चल रही है। इससे एक प्रबंधक सहित तीन लोग जेल में बंद हैं। बैठक में विधानसभा अध्यक्ष ने बेसिल के खिलाफ कार्रवाई और तेज करने तथा निवेशकों की राशि वापस करने के उपाय अपनाने को कहा। क्या है मामला बेसिल पर कोयलांचल तथा आस-पास के क्षेत्रों के निवेशकों के पांच सौ करोड़ से भी अधिक रुपए की हेराफेरी करने का आरोप लगा है। कंपनी निरसा तथा उसके आस-पास के इलाके में सबसे अधिक सक्रिय थी और आरोप के मुताबित सिर्फ निरसा में ही कंपनी में दो सौ करोड़ से भी अधिक रुपए का निवेश किया गया है।

इसके साथ-साथ गोविंदपुर, बलियापुर, धनबाद, तोपाचांची, गोमो तथो बाघमारा में कंपनी सक्रिय थी। निवेशकों ने पैसा नहीं मिलने पर कंपनी के संचालकों पर जिले के विभिन्न थाना क्षेत्रों में कई मामले भी दर्ज कराए हैं। बेसिल की एक दर्जन से अधिक शाखाएं सक्रिय थीं जिले में इस एनबीएफसी की एक दर्जन से भी अधिक शाखाएं संचालित थीं। राशि की अवधि पूरी (मैच्यूरिटी) होने के बाद निवेशकों को भुगतान में परेशानी होने लगी। इसकी लगातार शिकायत मिलने के बाद निरसा विधानसभा क्षेत्र के विधायक अरूप चटर्जी ने मामले को विधानसभा में भी उठाया था।

स्थानीय स्तर पर भी लोगों ने बेसिल के खिलाफ आंदोलन शुरू किया था। कई निवेशकों ने बेसिल के प्रबंधकों के खिलाफ थाने में मामला भी दर्ज करवाया है। किन-किन बिन्दुओं पर बैठक में चर्चा - बेसिल की कितनी शाखाएं धनबाद में - निवेशकों की संख्या - भुगतान की क्या है स्थिति - अनुमान के मुताबिक कितने रुपए का निवेश - बेसिल से कौन-कौन लोग जुड़े हैं - बेसिल के खिलाफ कितने मामले दर्ज हैं - अब तक क्या हुई है कार्रवाई अभी क्या है स्थिति - बलियापुर और निरसा थाने में बेसिल के खिलाफ दर्ज हैं मामले - बलियापुर थाने में दर्ज मामले में एरिया मैनेजर आनंद मिश्रा को किया गया है गिरफ्तार - जिले में चल रही थी 14 शाखाएं - कोलकाता में है मुख्य कार्यालय - बेसिल की ओर से निवेशकों को कागजात जमा करने का दिया जा रहा है निर्देश वर्जन बेसिल का कारोबार झारखंड के बाहर भी फैला है।

ऐसे में पुलिसया जांच में परेशानी होती है। बेसिल के खिलाफ व्यापक जांच की जरूरत है। इस कारण बेसिल मामले की सीबीआई जांच की सिफारिश विधानसभा अध्यक्ष से की गई है। दूसरे राज्यों की तर्ज पर नन बैंकिंग कंपनियों की परिसंपत्तियों को जब्त करने के लिए कानून बनाने की भी अनुशंसा की गई है ताकि परिसंपत्तियों की नीलामी कर निवेशकों की राशि लौयायी जा सके। प्रशांत कुमार, डीसी धनबाद।

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