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आंगनबाड़ी में साड़ी का रंग फिर बदला

विशेष संवाददाता, राज्य मुख्यालय। प्रदेश में आंगनबाड़ी कार्यकर्त्रियों की यूनिफार्म में मामूली बदलाव किया गया है। अब उनकी हल्के हरे रंग की साड़ी में भूरे रंग का बार्डर भी होगा। इस बदलाव के साथ ही सभी...

आंगनबाड़ी में साड़ी का रंग फिर बदला
लाइव हिन्दुस्तान टीमSat, 11 Oct 2014 12:42 AM
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विशेष संवाददाता, राज्य मुख्यालय। प्रदेश में आंगनबाड़ी कार्यकर्त्रियों की यूनिफार्म में मामूली बदलाव किया गया है। अब उनकी हल्के हरे रंग की साड़ी में भूरे रंग का बार्डर भी होगा। इस बदलाव के साथ ही सभी आंगनबाड़ी कार्यकर्त्रियों से आंगनबाड़ी केन्द्रों में यूनिफार्म में उपस्थित रहने को कहा गया है। विभागीय सूत्रों के अनुसार वर्ष 2011 में तत्कालीन बसपा सरकार में आंगनबाड़ी कार्यकर्त्री/सहायिकाओं के लिए यूनीफार्म तय की गयी थी। इसके तहत उन्हें ड्यूटी के दौरान साड़ी पहननी थी और नेमटैग लगाना अनिवार्य कर दिया गया था।

सरकार ने प्रतिवर्ष 200 रुपये प्रति साड़ी की दर से दो साडि़यों और 25 रुपये नेमटैग का भुगतान करने का भी निर्णय लिया था। चूंकि सरकार बसपा की थी संभवत: इसीलिए साड़ी का रंग नीला (हल्का) तय किया गया था। जिसे करीब दो साल पहले मौजूदा समाजवादी पार्टी की सरकार ने बदल कर हरा (हलका) कर दिया था। गांवों में आंगनबाड़ी कार्यकर्त्रिओंर्/सहायिकाओं की अहमियत इसी से समझी जा सकती है कि पूरे प्रदेश में करीब दो लाख से अधिक आंगनबाड़ी केन्द्र हैं।

समन्वित बाल विकास कार्यक्रमों के अलावा तमाम अन्य योजनाओं को यही कार्यकर्त्रियां अमलीजामा पहनाती है। बाल विकास सेवा एवं पुष्टाहार विभाग के निदेशक आनन्द कुमार सिंह ने सभी जिला कार्यक्रम अधिकारियों को निर्देश दिया है कि आंगनबाड़ी कार्यकर्त्रियों को यूनिफार्म के रुप में दी जाने वाली हल्के हरे रंग की साड़ी में भूरे रंग के बार्डर का उपयोग कराएं। उन्होंने कहा है कि सहायिकाओं की साड़ी में कोई परिवर्तन नहीं किया गया है।

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