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रोजाना डेढ़ घंटे मैसेज टाइप करने में बिताते हैं बच्चे

नई दिल्ली, प्रमुख संवाददाता। बड़ों के साथ-साथ बच्चों की दिनचर्या में भी इंटरनेट ने गहरी पैठ बना ली है। चार से 15 साल तक के 85 प्रतिशत बच्चे रोजाना डेढ़ घंटे का समय मोबाइल पर मैसेज टाइप करने में...

रोजाना डेढ़ घंटे मैसेज टाइप करने में बिताते हैं बच्चे
लाइव हिन्दुस्तान टीमFri, 10 Oct 2014 12:09 AM
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नई दिल्ली, प्रमुख संवाददाता। बड़ों के साथ-साथ बच्चों की दिनचर्या में भी इंटरनेट ने गहरी पैठ बना ली है। चार से 15 साल तक के 85 प्रतिशत बच्चे रोजाना डेढ़ घंटे का समय मोबाइल पर मैसेज टाइप करने में बिताते हैं।

वहीं, चार से पांच घंटे इंटरनेट के संपर्क में रहते हैं। इससे बच्चों की आंखें सीधे रूप से प्रभावित होती हैं। इंडियन ऑप्थेमेलॉजी सोसाइटी ने स्वास्थ्य जांच अभियान के तहत दिल्ली-एनसीआर के एक हजार बच्चों के आंखों की जांच के बाद यह परिणाम निकाले हैं।

सोसाइटी ने बच्चों की आंखों की इस बढ़ती समस्या पर चिंता जताई है। सोसाइटी के प्रमुख डॉ. बरुण के. नायक ने बताया कि इंटरनेट का इस्तेमाल करते हुए आंखों से मस्तिष्क को जोड़ने वाली सभी मांसपेशियां सक्रिय होती हैं, इसे ही एकाग्रता कहते हैं।

इस दौरान सामान्य दिनचर्या की अपेक्षा आंखों को अधिक काम करना पड़ता है। स्वास्थ्य जांच शिविर में पहुंचे चार से 15 साल तक के 36 प्रतिशत बच्चों ने आंखों में शुष्कता और पानी आने की शिकायत की। नोवा सुपरस्पेशलिटी अस्पताल की नेत्र रोग विशेषज्ञ डॉ. अनीता सेठी ने बताया कि इंटरनेट के अधिक इस्तेमाल से बीते कुछ दिनों में बच्चों में डिजिटल स्ट्रेन की समस्या देखी गई है। अधिकांश स्कूलों में अब डिजिटल किताबें और पुस्तकालय के प्रयोग पर भी जोर दिया जा रहा है।

इंटरनेट सेवी होना अच्छा है, लेकिन इसके साथ ही आंखों को सुरक्षित रखने के उपाय भी अपनाने चाहिए, इंटरनेट की अपेक्षा बच्चों में आउटडोर गेम का प्रचलन भी कम हो रहा है। जिसकी वजह से बच्चे पढ़ने और खेलने के लिए भी इंटरनेट का इस्तेमाल कर रहे हैं।

कमजोर होती बच्चों की आंखें : -85 प्रतिशत बच्चे पढ़ने और खेलने के लिए करते हैं डिजिटल फोन का इस्तेमाल -34 प्रतिशत सोशल नेटवर्किंग साइट रहते हैं पांच से आठ घंटे सक्रिय -रोजाना डेढ़ घंटे मैसेज टाइप करने वाले 40 प्रतिशत सॉफ्ट टिश्यू में दर्द से परेशान -36 प्रतिशत बच्चे हैं आंखों में शुष्कता और डिजिटल स्ट्रेन के शिकार -23 प्रतिशत मायोपिया (नजदीक दृष्टि दोष) की समस्या से परेशान नोट- तथ्य बच्चों से आंखों की समस्या और दिनचर्या को लेकर पूछे गए 10 सवालों पर आधारित क्या है समाधान -चार से पांच घंटे कंप्यूटर या मोबाइल का नियमित इस्तेमाल आंखों की ल्यूब्रिकेटिंग प्रक्रिया को प्रभावित करता है -यदि आंखों में पानी और शुष्कता की शिकायत है तो नेत्र विशेषज्ञ से मिलकर सामान्य आईड्रॉप लेना जरूरी -इसके अलावा पर्सनल कंप्यूटर पर एंटी ग्लेयर स्क्रीन लगाई जा सकती है, हालांकि एंड्रायड मोबाइल में अभी यह विकल्प नहीं -रोजाना नियमित सैर के साथ हरे घास पर चलना बेहतर, खाने में प्रोटीन और आयरन युक्त चीजें लेना फायदेमंद।

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