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इनामी महिला नक्सली समेत चार ने किया आत्मसमर्पण

चक्रधरपुर। संवाददाता। सारंडा में सक्रिय एक लाख रुपये की इनामी महिला नक्सली समेत चार अन्य ने गुरुवार को राउरकेला पुलिस के समक्ष आत्मसमर्पण कर दिया। चारों ओडिशा और झारखंड में हुई कई हिंसात्मक वारदातों...

इनामी महिला नक्सली समेत चार ने किया आत्मसमर्पण
लाइव हिन्दुस्तान टीमFri, 26 Sep 2014 12:33 AM
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चक्रधरपुर। संवाददाता। सारंडा में सक्रिय एक लाख रुपये की इनामी महिला नक्सली समेत चार अन्य ने गुरुवार को राउरकेला पुलिस के समक्ष आत्मसमर्पण कर दिया। चारों ओडिशा और झारखंड में हुई कई हिंसात्मक वारदातों में शामिल थे। पुलिस ने नक्सली सरेंडर पॉलिसी के तहत इनके पुनर्वास की घोषणा की है। एक लाख का घोषित इनाम भी महिला नक्सली लुसिया मुंडा को देने की घोषणा की गई है।

इन्होंने किया आत्मसमर्पण इनामी नक्सली लुसिया मुंडा उर्फ टोप्नो उर्फ पिंकी, झीरपानी गांव का जेना मुंडा उर्फ सचिव, संजय बेसरा उर्फ अरमान और मनसुक कंडोलना उर्फ शंकर उर्फ भगवान। होता था मानसिक और शरीरिक शोषण:पिंकी लंगरकटा गांव निवासी इनामी नक्सली लुसिया मुंडा उर्फ टोप्नो उर्फ पिंकी ने पुलिस को बताया कि वर्ष 2007 में अनमोल उर्फ समरजी ने उसके पिता रासेल मुंडा को धमकाकर उसे खाना बनाने के लिए पार्टी में शामिल कराया। बाद में उसे प्रशिक्षण दिया गया और वह आर्म्स कैडर बन गई।

2012 में गोइलकेरा में थर्ड लाइन प्रोजेक्ट के वाहन जलाने समेत कई मामलों में वह शामिल रही। पार्टी में उसका शारीरिक व मानसिक शोषण किया जाता था। तंग आकर उसने आत्मसमर्पण किया। चाईबासा पुलिस ने पकड़ा था जेना को इसी प्रकार कोईड़ा थाना क्षेत्र के झीरपानी गांव के जेना मुंडा उर्फ सचिव ने बताया कि वह वर्ष 2011 में भाकपा माओवादी में शामिल हुआ। वह उलुडर और धनतिका पाली मुठभेड़ में शामिल था। हजारीबाग के विष्णुगढ़ थाना क्षेत्र के नेगी गांव निवासी संजय बेसरा उर्फ अरमान 2004 में संगठन में शामिल हुआ।

2009 में चाईबासा पुलिस ने उसे गिरफ्तार किया। 2012 में जेल से छूटने के बाद फिर से पार्टी में शामिल हो गया। पोड़ाहाट जंगल में हुई कई मुठभेड़ों में वह शामिल था। ओडिशा के केवलांग थाना क्षेत्र के मनसुक कंडोलना उर्फ शंकर उर्फ भगवान 2007 में नक्सलियों के सांस्कृतिक कार्यक्रम करने वाली पार्टी में शामिल हुआ था। वर्ष 2010 में वह आर्म्स कैडर बन गया। वह चूनाघाटी में नौ डंपर जलाने, तोड़ा में एक व्यक्ति की हत्या, टापर सिंहा मुठभेड़ समेत कई मामलों में शामिल रहा।

नक्सलियों ने उसे हर माह तीन हजार रुपये देने की बात कही थी, परंतु वेतन दिया जा रहा था। तंग आकर उसने भी आत्मसमर्पण का फैसला लिया। सरेंडर पॉलिसी का मिलेगा लाभ: एएसपी एएसपी राधा बिनोद पाणिग्रही ने कहा कि आत्मसमर्पण करने वाले सभी नक्सली थ्रीनॉटथ्री कैडर के हैं।

सभी को सरकार की सरेंडर पॉलिसी के तहत सहयोग किया जायेगा। इधर, लुसिया मुंडा को सरकारी इनाम की राशि एक लाख रुपये उसे ही दी जाएगी। चारों ने बणई एसडीपीओ राधा बिनोद पाणिग्रही और सीआरपीएफ के सहायक कमांडेंट जेपी सिंह के सामने आत्मसर्म्पण किया।

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