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मेडिकल कॉलेजों के शिक्षक 65 साल में रिटायर होंगे

लखनऊ। कार्यालय संवाददाता। प्रदेश के सरकारी मेडिकल कॉलेजों में तैनात शिक्षकों का रिटायरमेंट अब 65 साल में होगा। अभी केजीएमयू को छोड़कर बाकी मेडिकल कॉलेजों में शिक्षक 62 साल पर रिटायर हो रहे थे।...

मेडिकल कॉलेजों के शिक्षक 65 साल में रिटायर होंगे
लाइव हिन्दुस्तान टीमFri, 19 Sep 2014 01:06 AM
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लखनऊ। कार्यालय संवाददाता। प्रदेश के सरकारी मेडिकल कॉलेजों में तैनात शिक्षकों का रिटायरमेंट अब 65 साल में होगा। अभी केजीएमयू को छोड़कर बाकी मेडिकल कॉलेजों में शिक्षक 62 साल पर रिटायर हो रहे थे। केजीएमयू में एमबीबीएस व बीडीएस के छात्र अब प्रदेश के सबसे मॉडर्न टीचिंग ब्लॉक में पढ़ाई करेंगे। इसके साथ ही अब यूपी के सीएम अखिलेश यादव ने गुरुवार को केजीएमयू शिक्षकों को पीजीआई के समान वेतन की सौगात भी दी।

अब यहां के शिक्षकों को पीजीआई के बराबर वेतन व सुविधाएं मिलेंगी। वे गुरुवार को केजीएमयू की ओर से आयोजित साइंटिफिक कन्वेंशयन सेंटर में कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे। सीएम ने प्रदेश के सभी मेडिकल कॉलेज में शिक्षकों के रिटायरमेंट की उम्र 65 साल कर दी। उन्होंने कहा कि यह कदम शिक्षकों की कमी को दूर करने के लिए उठाया गया है। उन्होंने कहा कि इससे सभी मेडिकल कालेज में वरिष्ठ चिकित्सकों को और अच्छे ढंग से काम करने के अवसर मिल सकेंगे।

प्रदेश में मौजूदा समय में 10 मेडिकल कालेज (एलोपैथ), सात होम्योपैथ, आठ आयुर्वेद व दो यूनानी मेडिकल कालेज हैं। इनमें लगभग ढाई से तीन हजार शिक्षक काम कर रहे हैं। केजीएमयू के लगभग साढ़े चार सौ शिक्षक लंबे समय से पीजीआई के बराबर वेतनमान की मांग कर थे। सीएम ने शिक्षकों की इस मांग को पूरा कर दिया। बढ़े वेतनमान की घोषणा की। इससे सरकार पर 90 लाख से डेढ़ करोड़ रुपए प्रतिमाह का खर्च बढ़ेगा। सीएम की घोषणा के बाद शिक्षकों में खुशी की लहर दौड़ गई।

शिक्षक मंच पर ही झूमने लगे। स्वास्थ्य के बजट की कमी नहीं सूबे के स्वास्थ्य मंत्री अहमद हसन ने कहा कि जनता की सेहत सुधारने के लिए सरकार सभी मुमकिन प्रयास कर रही है। यही वजह है कि विधानसभा के बजट सत्र में स्वास्थ्य व मेडिकल एजुकेशन के क्षेत्र को भरपूर बजट आवंटित किया गया है। भविष्य में मेडिकल के क्षेत्र में और जरूरत पड़ी तो सरकार तैयार है। सरकार और विधायकों की झोली गरीब मरीजों के लिए हमेशा खुली है।

अब डॉक्टर पूरा करें फर्ज स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि सरकार डॉक्टरों की सभी मांगों को पूरा कर रही है। उसमें किसी भी तरह की रुकावट भी नहीं आ रही है। अब डॉक्टर अपना फर्ज निभाएं। गरीब और बेबस मरीजों की मदद करें। किसी भी हाल में मरीजों को निराश न लौटने दें, क्योंकि सीधे तौर पर डॉक्टर ही गरीबों की मदद कर सकते हैं। मरीज डॉक्टरों के पास बड़ी उम्मीदों के साथ आते हैं। उनकी उम्मीदों को पूरा करें।

मेडिकोज पढ़ेंगे हाईटेक क्लास रूम में केजीएमयू का मॉर्डन टीचिंग ब्लॉक सबसे अनोखा है। प्रदेश का पहला टीचिंग ब्लॉक होगा। लगभग आठ साल से बन रहा मॉडर्न टीचिंग ब्लॉक पांच मंजिल का है। 76 करोड़ रुपए की लागत से बने टीचिंग ब्लॉक में नौ डिमांस्ट्रेटर कमरे बने हैं। प्रत्येक तल पर अलग-अलग प्रोफशनल की पढ़ाई होगी। ई-क्लास की सुविधा भी है। 480 छात्र-छात्राएं एक साथ पढ़ाई कर सकेंगे। दूर होगी एमसीआई की आपत्ति मेडिकल काउंसिल ऑफ इंडिया (एमसीआई) ने केजीएमयू में तमाम कमियों की वजह से 65 सीटें घटा दी थीं। मॉडर्न टीचिंग ब्लॉक से ज्यादातर आपत्तियां दूर हो जाएंगी।

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