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डीएलएफ को भूमि का आवंटन पारदर्शी तरीके सेः सरकार

हरियाणा सरकार ने आज दावा किया कि रीयल एस्टेट कंपनी डीएलएफ को गुड़गांव में 350 एकड़ भूमि के आवंटन में पारदर्शी प्रक्रिया अपनाई गई। पंजाब और हरियाणा उच्च न्यायालय ने कल डीएलएफ को रिक्रिएशनल परियोजना के...

डीएलएफ को भूमि का आवंटन पारदर्शी तरीके सेः सरकार
एजेंसीThu, 04 Sep 2014 11:24 PM
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हरियाणा सरकार ने आज दावा किया कि रीयल एस्टेट कंपनी डीएलएफ को गुड़गांव में 350 एकड़ भूमि के आवंटन में पारदर्शी प्रक्रिया अपनाई गई। पंजाब और हरियाणा उच्च न्यायालय ने कल डीएलएफ को रिक्रिएशनल परियोजना के लिए हरियाणा सरकार द्वारा डीएलएफ को भूमि आवंटित करने के फैसले को रद्द कर दिया।

सरकार के फैसले का बचाव करते हुए हरियाणा के उद्योग सचिव वाई एस मलिक ने आज यहां संवाददाताओं से कहा कि गुड़गांव परियोजना के लिए जो भी प्रक्रिया अपनाई गई, हमारी समक्ष के हिसाब से वह पूरी तरह पारदर्शी थी। हमने कहां गलती की, इसका पता तभी चलेगा जब हम पूरा आदेश पढ़ेगे।

यह पूछे जाने पर कि सरकार आगे क्या कदम उठाएगी, मलिक ने कहा कि इसका फैसला आदेश को पूरी तरह पढ़ने के बाद किया जाएगा। उन्होंने कहा कि जहां तक उच्च न्यायालय के कल के आदेश का सवाल है हम यह देखेंगे कि हमने कहां गलती की और कहां नहीं। यह तभी पता चलेगा जबकि हम अदालत का पूरा फैसला पढ़ेगे।

मलिक के साथ मुख्यमंत्री के प्रमुख सचिव के के खंडेलवाल, अतिरिक्त मुख्य सचिव एस एस ढिल्लन व एक अन्य प्रमुख सचिव टी सी गुप्ता भी मौजूद थे। मलिक ने कहा कि उच्च न्यायालय ने निश्चित रूप से हमारी गलती पकड़ी है। पहले हमें यह पता लगे कि गलती क्या थी उसके बाद हम आगे के कदम के बारे में फैसला करेंगे।

पंजाब और हरियाणा उच्च न्यायालय ने कल डीएलएफ को गुड़गांव के वजीराबाद में 350 एकड़ भूमि आवंटित करने के फैसले को रद्द कर दिया। इसके साथ ही अदालत ने हरियाणा सरकार को अंतरराष्ट्रीय निविदा निकालकर एक माह में इस जमीन की नीलामी करने का निर्देश दिया है।

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