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प्रदेश में बिजली की कमी से हाहाकार

बिजली की कमी के कारण नोएडा से लेकर बलिया तक पूरे प्रदेश में हाहाकार की स्थिति बनी हुई है। बरसात न होने और उमस बढ़ने के कारण बिजली की मांग बढ़ गई है। वहीं उत्पादन में लगातार गिरावट का सिलसिला गुरुवार...

प्रदेश में बिजली की कमी से हाहाकार
लाइव हिन्दुस्तान टीमThu, 21 Aug 2014 10:02 PM
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बिजली की कमी के कारण नोएडा से लेकर बलिया तक पूरे प्रदेश में हाहाकार की स्थिति बनी हुई है। बरसात न होने और उमस बढ़ने के कारण बिजली की मांग बढ़ गई है। वहीं उत्पादन में लगातार गिरावट का सिलसिला गुरुवार को एक बार खतरनाक स्तर तक पहुंच गया। हालांकि पावर कॉरपोरेशन प्रबंधन के तमाम प्रयासों के बाद शाम तक हालात कुछ बेहतर दिखे। दिन में बंद हुई रोजा और अनपरा की यूनिटों से शाम तक दोबारा उत्पादन शुरू हो गया। दिन में 10 हजार मेगावाट के आसपास सिमटा बिजली उपलब्धता का आंकड़ा शाम छह बजे के बाद 11 हजार मेगावाट के स्तर को पार कर गया। हालांकि प्रदेश में बिजली की मांग 13 हजार मेगावाट से भी ज्यादा रही।


नोएडा, सहारनपुर, गाजियाबाद समेत पश्चिम उत्तर प्रदेश के ज्यादातर शहरों को बुधवार रात जबरदस्त बिजली कटौती का सामना करना पड़ा। मुरादाबाद, रामपुर, अलीगढ़ और बरेली में दिन और रात में कई दौर की कटौती हुई। आगरा, मथुरा, इलाहाबाद और फिरोजाबाद में लोकल फाल्ट मिलाकर बिजली की कुल सप्लाई का औसत 18 घंटे तक पहुंच गया है।
 केंद्रीय कोटे से लगभग 2000 मेगावाट बिजली की कमी ङोल रहे प्रदेश को राज्य की इकाइयों ने भी झटका दिया। गुरुवार को रोजा से 600 मेगावाट बिजली नहीं मिली। 300 मेगावाट क्षमता वाली रोजा की एक यूनिट गुरुवार को ट्यूब में रिसाव के कारण बंद हो गई जबकि दूसरी यूनिट कोयले की कमी के कारण रोक दी गई है। कोयले की कमी से जूझ रही परीछा की 250 मेगावाट क्षमता की एक और यूनिट गुरुवार को रुक गई।
आपदा प्रबंधन में जुटे पावर कॉरपोरेशन को तीसरा झटका अनपरा से मिला। 210 मेगावाट क्षमता की एक यूनिट में तकनीकी खराबी के बाद उत्पादन बंद हो गया। 500 मेगावाट क्षमता वाली अनपरा की एक बड़ी यूनिट पहले से ही बंद है। गुरुवार को राज्य की इकाइयों से ही लगभग 1500 मेगावाट बिजली का उत्पादन कम रहा। केंद्रीय क्षेत्र से बिजली के मामले में गुरुवार को कुछ हद तक जरूर सुधार दिखा।
हिमाचल में 500 मेगावाट की एक जलविद्युत परियोजना के शुरू होने समेत बुधवार के मुकाबले लगभग 1000 मेगावाट बिजली ज्यादा मिली, लेकिन यह भी तय क्षमता से लगभग 1000 मेगावाट कम रही। कोयले की कमी के साथ भीगा कोयला मिलने के कारण भी परीछा, अनपरा और ओबरा की इकाइयों से क्षमता से काफी कम बिजली उत्पादन हो रहा है।
 बिजली की कमी ङोल रहे पावर कॉरपोरेशन के सामने सबसे बड़ी चुनौती ग्रामीण इलाकों में लगातार बढ़ती बिजली की मांग है। बरसात न होने के कारण सिंचाई के लिए ग्रामीण इलाकों में बिजली की मांग में जबरदस्त इजाफा हो रहा है। सितंबर की शुरुआत में जोरदार बरसात की उम्मीद के बीच पावर कॉरपोरेशन राहत को की संभावना है।
 
एक्सचेंज की बिजली के भाव आसमान पर
बिजली संकट से फौरी राहत के लिए एक्सचेंज से बिजली खरीदने की पावर कॉरपोरेशन की योजना को महंगाई ने झटका दे दिया। गुरुवार को एक्सचेंज में बिजली की कीमत 6 रुपये प्रति यूनिट से शुरू होकर साढ़े आठ रुपये तक पहुंच गई जबकि पावर कॉरपोरेशन ने साढ़े पांच रुपये पर दांव लगाया।   

आधी रात को बज रहे एमडी, डायरेक्टर के फोन
जबरदस्त गर्मी और उमस के बीच बिजली कटौती से परेशान लोग आधी रात को पावर कॉरपोरेशन के एमडी और निदेशकों के मोबाइल फोन की घंटी बजा रहे हैं। स्थानीय स्तर पर बिजली इंजीनियरों के फोन नहीं उठने से नाराज कई उपभोक्ताओं ने एमडी से इसकी शिकायत भी दर्ज कराई है। स्थानीय अधिकारियों के फोन नहीं उठने को गंभीरता से लेते हुए पावर कॉरपोरेशन के एमडी एपी मिश्र ने इंजीनियरों को सख्त लहजे में चेताया है। आधी रात में आ रही शिकायतों पर मिश्र ने कई जिलों के अधिकारियों को फोन किया है। इस बीच लगातार आ रहे फोन से परेशान कई निदेशकों ने अपने मोबाइल नंबर संस्थान की वेबसाइट से हटाने की सिफारिश की है। एक अधिकारी ने कहा कि हर जिले के चीफ इंजीनियर और अधीक्षण अभियंता को मोबाइल नंबर दिया जाना चाहिए।

वाराणसी और कानपुर में रात में नहीं होगी कटौती
बिजली संकट के इस दौर में और किसी को आए या न आए वाराणसी और कानपुर के लोगों को चैन की नींद जरूर आएगी। इन महानगरों में बिजली कटौती को लेकर पूर्वाचल और केस्को की एमडी ने कॉरपोरेशन में जबरदस्त विरोध दर्ज कराया है। दो दिन पहले पूर्वाचल विद्युत वितरण निगम की एमडी डॉ. काजल शर्मा ने वाराणसी के लिए रात में कटौती मुक्त बिजली सप्लाई मांगी तो केस्को की एमडी ने कानपुर के लिए दबाव बनाया। पावर कॉरपोरेशन के एमडी एपी मिश्र ने कानपुर और वाराणसी को रात में कटौती मुक्त बिजली सप्लाई के निर्देश दिए हैं। इनके हिस्से की कटौती दिन में की जा रही है।

15 सितंबर से पहले राहत नहीं
राज्य मुख्यालय। बिजली कटौती का सितम सितंबर में भी जारी रहेगा। प्रदेश के लोगों को 15 सितंबर से पहले बिजली कटौती से राहत नहीं मिलने जा रही। कोयले की कमी, दम तोड़ती बिजली उत्पादन इकाइयों और मौसम की बेरुखी के बीच जबरदस्त बिजली संकट से जूझ रहे पावर कॉरपोरेशन ने जल्द राहत नहीं मिलने के संकेत दे दिए हैं। राज्य के साथ केंद्रीय क्षेत्र से भी बिजली उत्पादन में कमी का झटका ङोल रहे कॉरपोरेशन प्रबंधन की उम्मीद मौसम के साथ अनपरा में बंद पड़ी 500 मेगावाट क्षमता की इकाई के दोबारा शुरू होने पर टिकी है। लगभग लगभग 15 दिन पहले बंद हुई अनपरा की इस बड़ी यूनिट के लिए ट्रांसफार्मर की तलाश कर ली गई है। ट्रांसफार्मर को अनपरा तक पहुंचने और फिटिंग में 20 दिन से ज्यादा का वक्त लगना तय है। इसके बाद करीब सात दिन की टेस्टिंग के बाद यूनिट को दोबारा शुरू किया जाएगा। ऐसे में 15 सितंबर से पहले यूनिट से दोबारा बिजली मिल पाना संभव नहीं है।

जनता का फोन नहीं उठाने वाले अफसरों की खैर नहीं
बिजली की जबरदस्त कमी के बावजूद तय शिडय़ूल के तहत बिजली सप्लाई के लिए अफसरों के साथ लगातार बैठकें कर रहे पावर कॉरपोरेशन के एमडी एपी मिश्र ने स्थानीय बिजली अफसरों के फोन नहीं उठने पर गहरी नाराजगी जताई है। लखनऊ जोन के चीफ इंजीनियर और सीतापुर के अधीक्षण अभियंता पर की गई कार्रवाई का हवाल देते हुए कहा कि परेशान उपभोक्ताओं के फोन नहीं उठाने वाले अधिकारी कार्रवाई ङोलने के लिए तैयार रहें।

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