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गैंगवार रोकने के लिए खुफिया तंत्र अलर्ट

गाजीपुर। निज संवाददाता। इसमें कोई शक नहीं है कि पूर्वांचल में चल रहे गैंगवार की असली जड़े विभिन्न जिलों की जेलों में फैली हुई है। जेल में बंद कुख्यात अपराधी अपने आप को महफूज रखकर अपने गैंग के गुर्गों...

गैंगवार रोकने के लिए खुफिया तंत्र अलर्ट
लाइव हिन्दुस्तान टीमWed, 20 Aug 2014 01:26 AM
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गाजीपुर। निज संवाददाता। इसमें कोई शक नहीं है कि पूर्वांचल में चल रहे गैंगवार की असली जड़े विभिन्न जिलों की जेलों में फैली हुई है। जेल में बंद कुख्यात अपराधी अपने आप को महफूज रखकर अपने गैंग के गुर्गों से बाहर अपराध करा रहे हैं। जिले में गैंगवार न हो, इसके लिए यहां का पुलिस प्रशासन पूरी तरह अलर्ट हो चुका है।

जेल में बंद खतरनाक किस्म के अपराधियों से मिलने-जुलने के लिए आने वाले लोगों पर पैनी नजर रखने का निर्देश दिया गया है। इसके अलावा जेल के बाहर भी खुफिया इकाइयों के लोगों को सतर्क रहने का निर्देश दिया गया है। हाल ही में फैजाबाद कचहरी में तथा उसके बाद मिर्जापुर जिले के सारादह जंगल में खप्पर बाबा आश्रम के समीप हुए गैंगवार की घटना ने प्रदेश की कानून व्यवस्था की चुस्ती पर सवालियां निशान उठा दिया है। ऐसी परिस्थिति में अब किस जिले में गैंगवार हो जाये, कुछ कहा नहीं जा सकता है।

जांच पड़ताल के बाद पता चला है कि पूर्वांचल के अतिसंवेदनशील जेलों में बंद कुख्यात अपराधियों के गैंग के लोग ही इस प्रकार की वारदात को अंजाम दे रहे हैं। अपराधी भले ही जेल में बंद है, लेकिन उसका पूरा नेटवर्क संचालित हो रहा है। जेल से बाहर की दुनिया में उसकी पैठ इस कदर जम चुकी है कि उसका खात्मा करना पुलिस के लिए कोई आसान काम नहीं रह गया है। पूर्वांचल की अतिसंदेनशील जेलों की शुमार में गाजीपुर जेल भी शामिल है।

यहां भी ऐसे कई कुख्यात अपराधी बंद है जो कि कई जिलों में अपराध का नेटवर्क संचालित करते हैं। लगातार हो रही गैंगवार की घटनाओं के बाद से ही जिले के पुलिस अधिकारी भी पूरी तरह सतर्क हो गये हैं। अपराधियों की गतिविधि के बारे में जानकारी हासिल करने के लिए पुलिस ने अपने नेटवर्क को जेल से जोड़ दिये हैं। सूत्रों के अनुसार जेल में आने-जाने वाले मुलाकातियों की लिस्ट चेक की जा रही है। इसके अलावा उनके आईडी प्रूफ की भी जांच पड़ताल की जा रही है।

कब कौन किस अपराधी से मिलने के लिए जेल में आया, उसके पूरे में पूरा ब्योरा जुटाया जा रहा है। इसके अलावा जेल के बाहर खुफिया विभाग के लोगों को नजर रखने का निर्देश दिया गया है। मोबाइल के प्रयोग पर सर्तकता गाजीपुर। जेल में कोई भी अपराधी मोबाइल का इस्तेमाल नहीं कर पाये, इस पर विशेष सर्तकता का निर्देश दिया गया है। जेल अधिकारियों को पूरी तरह चौकन्ने रहने की बात कही गई है। इसके अलावा बंदीरक्षकों को भी संदेह के कटघरे में खड़ा कर उन्हें यह निर्देश दिया गया है कि वह किसी भी सूरत में अपने मोबाइल से किसी भी बंदी की कहीं भी कोई बात न कराये।

यहां की जेल में ऐसा पहले कई बार हो चुका है कि यहां के बंदीरक्षकों के मोबाइल नम्बर ही सर्विलांस से ट्रेस किये गये है। जिसमें यह पता चला है कि इनके मोबाइल नम्बरों से कई जगहों पर बंदियों ने बातचीत की है।

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