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राह के रोड़ों से धीमी हुई बाहरी रिंग रोड की

नई दिल्ली, पंकज रोहिला। राष्ट्रपति शासन लागू होने के बाद बाहरी रिंग पर चल रहे काम की रफ्तार धीमी हो गई है। 20 किलोमीटर के मार्ग को सिग्नल फ्री बनाने के लिए मार्ग पर फ्लाइओवर व एलिवेटिड...

राह के रोड़ों से धीमी हुई बाहरी रिंग रोड की
लाइव हिन्दुस्तान टीमSun, 17 Aug 2014 10:54 PM
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नई दिल्ली, पंकज रोहिला। राष्ट्रपति शासन लागू होने के बाद बाहरी रिंग पर चल रहे काम की रफ्तार धीमी हो गई है। 20 किलोमीटर के मार्ग को सिग्नल फ्री बनाने के लिए मार्ग पर फ्लाइओवर व एलिवेटिड कॉरिडोर बनाने का कार्य चल रहा है। कॉरिडोर की राह में जगह- जगह धार्मिक स्थल और अन्य तकनीकी दिक्कतें पैदा हो गई है।

इन तकनीकी खामियों की वजह से कॉरिडोर का कामकाज धीमा हो गया है। 6 माह के अंदर में काम 30 प्रतिशत तक धीमा हो गया है। संभावना जताई जा रही है कि इस कॉरिडोर की इन तकनीकी खामियों को दूर नहीं किया जाता है तो यह प्रोजेक्ट और देरी से तैयार होगा। बाहरी रिंग को हर रोज लगने वाले जाम से छुटकारा दिलाने के लिए सरकार ने चार चरणों में कॉरिडोर निर्माण के कार्य की शुरुआत की थी। यह कॉरिडोर विकास पुरी से शुरू होकर वजीराबाद तक तैयार होना है।

रिपोर्ट में बताया गया है कि पहले चरण में मीराबाग से मंगोलपुरी का ट्रेक सिग्नल फ्री हो चुका है और ये चारों चरण पूर्ण होने पर दिल्ली व आसपास के राज्यों का आवागमन आसान हो जाएगा। सूत्र बताते हैं कि इस कॉरिडोर में विकासपुरी से मीराबाग के बीच बिजली कंपनी बीएसईएस की पॉवर लाइन आ रही है। इन लाइनों को शिफ्ट किया जाना है। इस कार्य के नही होने की वजह से प्रोजेक्ट का काम धीमा हो गया है। इसी प्रकार मुकरबा चौक के आसपास भी बिजली की लाइनों को हटाने की वजह से काम प्रभावित है।

बताया जा रहा है कि मुकरबा चौक के आगे के कॉरिडोर में एक गुरुद्वारा, मंदिर व चर्च की दीवार भी आ रही है। इसके अतिरिक्त कॉरिडोर के अंदर ही गोरख नाथ मंदिर का भी कुछ हिस्सा प्रभावित हो रहा है। इन अड़चनों को हटाने की अनुमति मिलने के बाद ही कॉरिडोर तेज रफ्तार से शुरू हो पाएगा। इन्हें काफी समय पहले मंजूरी के लिए भेजा गया है लेकिन इसके लिए अब तक अनुमति नहीं आया है। इस वजह से ये कॉरिडोर बीच अधर में लटकने की कागार पर पहुंच गए हैं।

चार हिस्सों में तैयार हो रहा है कॉरिडोर विकासपुरी से मीरा बाग (4.3 किलोमीटर) : विकास पुरी के पास एक एफओबी बनेगा। इस मार्ग पर 3.3 किलोमीटर एलिवेटिड कॉरिडोर होगा जो मीरा बाग तक लेकर जाएगा। मीरा बाग पर पहले ही एक फुट ओवर ब्रिज बनाया जा चुका है। इस पर करीब 560 करोड़ खर्च का अनुमान है। बनने पर इन्हें होगा लाभ विकासपुरी, जनकपुरी, ज्वाला हेड़ी, पश्चिम विहार व भेरा एंक्लेव समेत अन्य। मंगोलपुरी से मधुबन चौक (3.9 किलोमीटर) : मंगोलपुरी फुट ओवर ब्रिज के पास से एक 2.6 किलोमीटर लम्बा एलिवेटिड कॉरिडोर तैयार होगा।

इसके बाद मधुबन चौकर के पास दो फुट ओवर ब्रिज बनेंगे ताकि यहां यातायात बाधित नहीं हो। इस पर करीब 423 करोड़ खर्च का अनुमान है बनने पर इन्हें होगा लाभ मंगोलपुरी, पीतमपुरा, रोहिणी सै. 3 से 8, सरस्वती विहार। मधुबन चौक से मुकरबा चौक (4.0 किलोमीटर) : इस कॉरिडोर में मधुबन चौक पर शुरुआत में एक फुट ओवर ब्रिज बनेगा। इसके बाद 2.6 किलोमीटर लम्बा एलिवेटिड कॉरिडोर तैयार होगा, जो सीधे मधुबन चौक तक लेकर जाएगा। इस पर करीब 422 करोड़ खर्च होने का अनुमान है।

बनने पर इन्हें होगा लाभ पीतमपुरा, प्रशांत विहार, रोहिणी सै. 8,9,13,14 व 19, बादली, हैदरपुर, शालीमार बाग। मुकरबा चौक से वजीराबाद (8 किलोमीटर) : इस कॉरिडोर में मुकरबा चौक, भलस्वा चौक, बुराड़ी चौक और वजीराबाद के पास एक-एक फुट ओवर ब्रिज होगा और पूरा कॉरिडोर ऐलिवेटिड होगा। इस पर करीब 833 करोड़ का खर्च आएगा। बनने से इन्हें होगा लाभ मुकुंदपुर, बुराड़ी, निरंकारी कॉलोनी व भलस्वा। कहां पर होना है क्या काम।

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