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हाथिया में घर-घर काटे जाते हैं टटलू

 मथुरा। निज संवाददाता(  बरसाना के गांव हाथिया में घर-घर टटलु काटे जाने के पुलिस को जानकारी मिली है। बरसाना पुलिस ने पिछले दिनों फतेहपुर के एक युवक को टटलुओं से मुक्त कराया है। टटलुओं ने...

हाथिया में घर-घर काटे जाते हैं टटलू
लाइव हिन्दुस्तान टीमWed, 06 Aug 2014 11:24 PM
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 मथुरा। निज संवाददाता(  बरसाना के गांव हाथिया में घर-घर टटलु काटे जाने के पुलिस को जानकारी मिली है। बरसाना पुलिस ने पिछले दिनों फतेहपुर के एक युवक को टटलुओं से मुक्त कराया है। टटलुओं ने इससे तीन हजार रुपये व मोबाइल आदि को छीन लिया था।

पुलिस टटलु गैंगों पर लगाम लगाने में अभी तक नाकाम रही है। टटलू सस्ते सोने के नाम पर जमकर लूटमार कर रहे हैं। इससे श्रद्धालुओं में मथुरा, वृंदावन और गोवर्धन में श्रद्धाभाव से आने की भावनाएं कम होती जा रही हैं। अब तो टटलु सोने की ईंट के सैम्पल के नाम पर भी लूट कर रहे हैं। पिछले दिनों कपिल सिंह पुत्र कृष्ण मोहन निवासी कुराम्मी फतेहपुर यूपी को टटलुओं ने गांव हाथिया में बंधक बना लिया। पीडि़त ने पुलिस को बताया था कि वह दो दिन पूर्व टटलू राजू निवासी हाथिया के कहने पर सोने की ईंट का सैम्पल लेने गांव हाथिया पहुंच गया था।

यहां पर उसे बंधक बना लिया। उससे तीन हजार रुपये व मोबाइल आदि छीन लिये गए। फिरौती की मांग की जा रही थी। पिछले वर्ष साउथ अंडमान के सीएच-28 आरकेपुर की रहने वाली रेखा जोद्दार को टटलुओं ने नकली ईंट थमा दी। उससे दो लाख रुपये हड़प लिये थे। तत्कालीन एसएसपी प्रदीप कुमार यादव ने एसओजी को लगाकर साहिब उर्फ बहरा पुत्र दीनू निवासी दौसेरस गोवर्धन, आजाद पुत्र आसुब उर्फ आस मौहम्मद निवासी हाथिया बरसाना और शहीद पुत्र रहीम खां उर्फ मंडू निवासी दौसेरस गोवर्धन को दबोच लिया था।

गैंग का सरगना कौचू उर्फ अरशद पुत्र कालू निवासी दौसेरस गोवर्धन व उसका साथी राहुल उर्फ मच्छर पुत्र उस्मान निवासी दौसेरस गोवर्धन भाग जाने में सफल हो गए थे। गैंग अब तक एक करोड़ रुपये की कर चुका है ठगी पुलिस की माने तो कौंचू उर्फ अरशद निवासी दौसेरस गैंग 30 से 35 घटनाएं कर चुका है। इस गैंग ने कई राज्यों के लोगों को अपना शिकार बनाया है। गैंग सदस्य साहिब उर्फ बहरा ने तो पुलिस पूछताछ में बताया था कि अब तक तीन दर्जन सोने की ईंट देने के नाम पर की गई ठगी में एक करोड़ रुपये से अधिक ठग चुके हैं।

पुलिस ठगे व्यक्तियों के संबंध में सूचनाएं एकत्रित करने में जुट गई थी। विभिन्न थाना प्रभारियों को भी ऐसे मामलों में तत्काल एफआईआर दर्ज करने के निर्देश दिए गए थे। अब यह धड़पकड़ कमजोर हो चुकी है। इससे टटलुओं के हौंसले बुलंद हैं। ऐसे फंसाए जाते हैं लोग टटलू गैंग ने अपना जाल देश के विभिन्न प्रांतों में फैला रखा है। इन राज्यों के भोले-भाले लोगों के मोबाइल नंबर एकत्रित किए जाते हैं। इसके बाद काॠल कर खुदाई में पुराने जमाने की सोने की ईंट मिलने की बात कही जाती है जहां से उनको तवज्जो मिलनी शुरू हो जाती है उसे अपने जाल में फंसा लेते हैं।

इस काम को भली भांति आम नाम पप्पू, राजू आदि बनकर किया जाता है। सैम्पल दिखाया जाता है। इसमें ईंट के एक कोने पर असली सोना होता है। सैम्पल के पैसे ले आते हैं। पुलिस के डर से आधे दामों पर सौंदा कर लेते हैं। इसके बाद उसे मथुरा बुला लिया जाता है। फिर किसी भी थाना क्षेत्र में ले जाकर उससे बल पूर्वक धनराशि छीन ली जाती है। विरोध करने पर हत्या भी कर देते हैं। इन प्रान्तों में फैला है टटलुओं का जाल पुलिस सूत्रों की माने तो टटलुओं के एक दर्जन से अधिक गैंग सक्रिय हैं।

इन गैंगों के ठिकाने थाना गोवर्धन, बरसाना, कोसी, छाता, शेरगढ़, मांट और सुरीर कोतवाली क्षेत्र में फैले हुए हैं। इनके गुर्गे देश के विभिन्न प्रान्तों पंजाब, हरियाणा, दिल्ली, गुजरात, मध्यप्रदेश, तमिलनाडु, केरल, आन्धप्रदेश, उत्तरप्रदेश, महाराष्ट्र, असम, राजस्थान, पश्चिम बंगाल और अंडमान निकोबार आदि में फैले हुए हैं। ये टटलू फंसाते हैं। धार्मिक भावनाओं को भी लाभ टटलु बड़ी होशियारी से उठाते हैं। लोगों को बताया जाता है कि सोने की ईंट खुदाई में निकली है। प्राचीन ईंट है। इसकी कीमत अन्तरराष्ट्रीय बाजार में अधिक है।

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