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श्रावणी मेला : एक्वाफ्रेश योजना 14 लाख की गड़बड़ी

भागलपुर' गौतम वेदपाणि। श्रावणी मेले के दौरान कांवरियों को शुद्ध पानी पिलाने के सरकारी दावों की हवा निकलती दिख रही है।  आरओ वाटर प्यूरीफायर लगाने से पहले लोक स्वास्थ्य अभियंत्रण मंत्री महाचंद्र...

श्रावणी मेला : एक्वाफ्रेश योजना 14 लाख की गड़बड़ी
लाइव हिन्दुस्तान टीमSat, 02 Aug 2014 12:28 AM
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भागलपुर' गौतम वेदपाणि। श्रावणी मेले के दौरान कांवरियों को शुद्ध पानी पिलाने के सरकारी दावों की हवा निकलती दिख रही है।  आरओ वाटर प्यूरीफायर लगाने से पहले लोक स्वास्थ्य अभियंत्रण मंत्री महाचंद्र प्रसाद सिंह ने पत्रकार वार्ता कर इसकी बढ़चढ़ कर घोषणा की थी। लेकिन विभाग ने कांवरिया मार्ग पर आरओ वाटर प्यूरिफायर की जगह 20 साधारण वाटर फिल्टर लगा दिया।

पीएचईडी के कार्यपालक अभियंता रंजीत कुमार ने बताया कि पटना से स्वीकृत प्रति मशीन को लगाने में 97 हजार रुपए का खर्च आया है और इसकी स्वीकृति पटना मुख्यालय से मिली है। जबकि स्थानीय कारोबारी कहते हैं कि वह इसे 25 हजार रुपये में ही लगा देंगे।

इस तरह इस योजना में करीब 14 लाख रुपये से अधिक की अनियमितता की बात सामने आ रही है। सरकार ने पेयजल आपूर्ति की व्यवस्था एक्वाफ्रेश योजना के तौर पर की है। भागलपुर, बांका व मुंगेर जिले में स्थित कांवरिया पथ पर लगे 20 वाटर फिल्टर मशीन का उद्घाटन मुख्यमंत्री जीतनराम मांझी ने 13 जुलाई को किया था। सुल्तानगंज मेला क्षेत्र में मशीनें नई सीढ़ी घाट के कांवरिया शेड, अजगैबीनाथ मंदिर, कमरांय, धांधी बेलारी व आदर्श मध्य विद्यालय आदि जगहों पर लगाई गई हैं।

मेला शुरू होने से पहले पीएचईडी मंत्री महाचंद्र प्रसाद सिंह ने कहा था कि वाटर प्यूरीफायर लगाये जाने के बाद कांवरियों को बोतलबंद पानी खरीदकर नहीं पीना पड़ेगा। भागलपुर में आरओ व वाटर प्यूरीफायर मशीन के कारोबारी राजकुमार ने बताया कि इस पेयजल यूनिट में मुख्य रूप से चार सामान लगे हैं। पहला लूबी कंपनी का एक एचपी का वाटर पंप मोटर है। बाजार में इस पंप की कीमत करीब सात हजार रुपए है। दूसरा सामान वेसल्स है जो पेनटेयर कंपनी का है।

इसका माॠडल नंबर 1354 व क्षमता 104 लीटर का है। अच्छी कंपनी के वेसल्स की कीमत 6 हजार रुपए है। तीसरा केंडिल फील्टर करीबन दो हजार रुपए का व चौथा यूवी स्टरलाइजर मशीन करीब तीन हजार रुपए का है। इस सारे सामान को एसेंबल कर वाटर सप्लायर यूनिट को तैयार करने में करीब 25 हजार रुपए का खर्च आएगा। इनसे बेहतर फिल्टर मशीन बाजार में आसानी से 25 हजार रुपए में उपलब्ध है। पीएचईडी के जूनियर इंजीनियर दिनेश सिंह ने जानकारी दी कि भागलपुर जिले में स्थित कांवरिया मार्ग पर आठ, मुंगेर जिले में तीन व बांका जिले में नौ फील्टर मशीनें लगाई गई हैं।

इन मशीनों की स्वीकृति पटना मुख्यालय से मिली है। इन्हें लगाने की जिम्मेदारी स्थानीय पीएचईडी प्रशासन की थी। अजगैबीनाथ मंदिर में लगा एक्वाफ्रेश बंद, कृष्णगढ़ से गायब दिखा भागलपुर। धूप व उमस से थके कांवरिये जब अपनी प्यास बुझाने के लिए अजगैबीनाथ मंदिर पर लगे एक्वाफ्रेश के पास पहुंचते हैं तो उन्हें निराशा हाथ लगती है। मंदिर परिसर में लगा वाटर संयंत्र मेले की शुरुआत से ही बंद है। शहर के लोगों व कांवरियों की शिकायत के बाद गुरुवार को जब हिन्दुस्तान टीम ने जायजा लिया तो सच्चाई सामने आ गई।

सुल्तानगंज मेला क्षेत्र से धांधी बेलारी कैंप तक करीब आठ मशीनें लगाई गई हैं। जब इस रिपोर्टर ने कृष्णगढ़ नियंत्रण कक्ष का जायजा लिया तो यहां लगी मशीन गायब दिखी। एक्वाफ्रेश से निकल रहा गंदा पानी इन एक्वाफ्रेश मशीनों से निकल रहे पानी की शुद्धता के लिए भी टीडीएस मशीनों का सहारा लिया गया तो हैरान करनेवाली बात सामने आई। धांधी बेलारी में लगी मशीन में जा रहे पानी का मानक 320 टीडीएस के आसपास था। जबकि मशीन से निकल रहे पानी का टीडीएस 330 के करीब था।

आरओ मशीन के कारोबारी राजकुमार ने बताया कि मेला क्षेत्र में लगी मशीनें अगर आरओ रहतीं तो इसका टीडीएस मानक 50 रहता। इन मशीनों में जा रहे पानी का टीडीएस निकल रहे पानी के टीडीएस से कम हैं। जबकि निकल रहे पानी का टीडीएस कम होना चाहिये। नई सीढ़ी घाट के निकट उद्घाटन मंच से सटी मशीन में जा रही पानी का टीडीएस 530 व निकल रहे पानी का टीडीएस 540 मिला। कमरांय में लगी मशीन का भी यही हाल दिखा।

लोगों ने बताया कि इस जगह मशीन में लगे मोटर को बदल लिया गया है। धांधी बेलारी कांवरिया शिविर की दो मशीनों के मोटर चल नहीं रहे थे। जानकारों की मानें तो मशीन रसायनिक गंदगी की सफाई करने लायक नहीं है।

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